देहरादून: राज्यपाल श्रीमती बेबी रानी मौर्य ने रविवार को परेड ग्राउण्ड में भीम महोत्सव आयोजन समिति द्वारा आयोजित भीम महोत्सव का दीप प्रज्जवलित कर शुभारम्भ किया। अपने सम्बोधन में राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि बहु-आयामी व्यक्तित्व के धनी संविधान रचियता बाबा साहब एक महान राजनीतिक नेता, इतिहासकार, कानूनविद, दार्शनिक, अर्थशास्त्री, शिक्षक और क्रांतिकारी थे। डॉक्टर आंबेडकर ने ऐसे समाज की कल्पना की थी जहां आखिरी छोर पर खडे़ पीड़ित, शोषित, वंचित, गरीब, किसान, मजदूर और महिलाओं को सबके साथ बराबरी का हक और सम्मान मिले। वे शांति, अहिंसा और सौहार्द के साथ सभी मुद्दों का समाधान करने के हिमायती थे।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि बाबा साहब को हृदय से सम्मान और आदर देने का एकमात्र तरीका यह है कि हम सभी उनके दिखाये गए मार्ग पर चले। आज एक लोकतंत्र और समतावादी समाज के रूप में हम जो भी हैं और जहाँ तक आगे बढ़े हैं, इस मुकाम तक पहुँचने में हमारे संविधान और उसके मुख्य निर्माता बाबा साहब भीमराव आंबेडकर की बहुत बड़ी भूमिका है। बाबा साहब के मिशन को आगे बढ़ाना हम सबका कर्तव्य है जिसे पूजा समझ कर करना चाहिए जो आज हम और आप सम्मान का जीवन जी रहे हैं वह बाबा साहब के ही कारण है। हमें जीवन पर्यन्त उनके आदर्शों का पालन करते हुए उन लोगों के लिए कार्य करना होगा जो आज भी समता के लिए लड़ रहे हैं, आर्थिक रूप से कमजोर हैं या सामाजिक बुराईयों में लिप्त हैं। दूरदर्शी बाबा साहब आंबेडकर ने शिक्षा को प्राथमिकता दी क्यांेकि वह जानते थे की शिक्षा के बिना न तो दलितों को स्वतंत्रता मिलेगी और ना ही सामाजिक बुराईयों से मुक्ति। हमें युवा पीढ़ी को डा0 आम्बेडकर से सम्बन्धित साहित्य को पढ़ने के लिए प्रेरित करना होगा।
हमें आत्म चिंतन करना है कि अपनी क्षमता एवं संसाधनों का उपयोग कर, हम अपने ऐसे भाई-बहनों के लिए जो आज भी सामाजिक न्याय से वंचित हैं, गरीब हैं, उनके लिए क्या कर सकते हैं। यह चिंतन ही बाबा साहब के प्रति हमारी सच्ची श्रद्धांजलि होगी।
इस अवसर बुद्धपूजा तथा सांस्कृतिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया गया।