उत्तरकाशी। — जिला पंचायत अध्यक्ष जशोदा राणा को हाईकोर्ट नैनीताल ने झटका देते हुये पद से हटाने के आदेश दिये। अब जिला पंचायत की कमान उपाध्यक्ष प्रकाश चंद रमोला को नियम अनुसार मिलनी तय हैं।
गौरतलब है कि एक साल का जिला पंचायत अध्यक्ष का कार्यकाल रहे के बावजूद जशोदा राणा पालिका अध्यक्ष के टिकट लाने में भी सफल रही थी।
लेकिन श्रीमती राणा को देहरादून में भी नाम होने से पालिका बडकोट में नाम नही जुड पाया ।
बडकोट पालिका के लिये अति आतुर श्रीमती राणा ने जिला निवार्चन अधिकारी को आवेदन कर कहा कि मेरा नाम कंसेरू से काट कर नगर पांचायत बडकेाट के वार्ड न. 4 में दर्ज कराया जाय। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं डीएम ने 18 अक्टूबर को पूरा प्रकरण राज्य निर्वाचन आयुक्त को भेजा। इधर मामले में नया मोड सामने आ गया पुरोला के पंचायत सदस्य दीपक बिजल्वाण ने मास्टर स्ट्रोक चलाया जो कि कामीयाब हुआ। दीपक बिजल्वाण ने हाईकोर्ट नैनीताल में रीट डाकर कहा कि जशोदा राणा का कंसेरू में नाम तथा नगर पंचायत बडकोट के वार्ड न. 4 में भी नाम था जो कि राज्य आयुक्त के आदेश से कुछ माह पूर्व विलोपित किया गया। वही देहरादून वार्ड संख्या 40 सिमाद्वार में भी श्रीमती राणा का नाम दर्ज है। होईकोर्ट ने 22 अक्टूबर 2018 को राज्य निर्वाच आयुक्त को इस पर आवश्क निर्देश जारी किये जिस के बाद 23 अक्टूबर को राज्य निर्वाचन आयुक्त ने जिला निर्वाचन अधिकारी एव डीएम उत्तरकाशी को निर्देश किया कि कानून रूप से एक व्यक्ति को एक ही स्थान पर मतदान सूची में नाम कराने का अधिकार है। लिहाजा इनका नाम बडकोट में दर्ज करना संभव नही है।
जिला पंचायत क्षेत्र कंसेरू गांव से भी अपना नाम कटवाने के लिये जिला निर्वाचन अधिकारी उत्तरकाशी को आवेदन भरा उनका नाम कट चुका था। अब संवैधानिक रूप से उत्तरकाशी जिला पंचायत की अध्याक्ष की कुर्सी रिक्त थी। जिलाधिकरी डा. आशीष चैहान ने अघ्यक्ष पद की कार्रवाई के लिये जिला पंचायत राजअधिकारी से पंचायत निर्देशालय के लिये पत्रावाली तैयार की थी रही जिस पर कर्रवाई होते ही जशोदा राणा ने हाईकोर्ट की शरण ली । इसके बाद जिला पंचायत उपाध्यक्ष प्रकाश चंद रमोला हाईकोर्ट गये हाईकोर्ट की लंबी लडाई के बाद 13, मार्च को हाईकोर्ट ने श्रीमती राणा को हटाने के आदेश दिये।
जानकारों की माने तो जल्द जिला पंचायत उपाध्याक्ष प्रकाश चंद रमोला को जिला पंचायत का चार्ज मिलना है।
अब बडकोट पालिका से नामांकन रदद् के साथ जिला पंचायत की कुर्सी से विदाई हो ही गयी । हाईकोर्ट के इस फैसले से उन लोगों को के लिये भी सबक है जो लोग एक बार में दो-दो स्थानों पर राज करना चाहते है। पृथक राज्य गठन के 18 साल के इतिहास में यह पहला अवसर होगा जब किसी प्रत्याशी का नामांकन इस कारण निरस्त हुआ भाजपा के लिये ये हाई वोलटेज के झटके से कम नही है।