मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि मनोहर पार्रिकर जी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की बगिया के एक महकते हुए गुलाब थे, संघ के एक अनुशासित सिपाही थे। और उनके राजनीतिक जीवन में भी सादगी और अनुशासन की झलक सबसे महत्वपूर्ण बात रही। लोग मरते दम तक सेवा करने का संकल्प करते हैं, लेकिन पर्रिकर जी ने वास्तव में इस संकल्प को सिद्ध किया है।
उन्होंने कहा कि पार्रिकर जी ने देश के रक्षा मंत्री रहते हुए सेना के आधुनिकीकरण की दिशा में कई बड़े फैसले लिए। सर्जिकल स्ट्राइक का साहसी फैसला लिया था। ओआरओपी और बुलेट प्रूफ जैकेट मुहैया करवाने का साहसी फैसला लिया। गोवा को एक मॉर्डन स्टेट बनाने का श्रेय भी पार्रिकर जी को जाता है।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि उत्तराखंड से भी पर्रिकर जी का गहरा लगाव था। 2016 में शौर्य स्थल के शिलान्यास के लिए यहा आए थे, उन्होंने कहा था कि इसके लोकार्पण के लिए भी मैं यहां आऊंगा, मगर अफसोस कि उनकी ये ख्वाहिश अधूरी रह गई। उत्तराखंड के युवाओं को सेना की भर्ती में लंबाई की छूट देने के लिए भी पर्रिकर जी का उत्तराखंड सदैव आभारी रहेगा। पीठसैंण में वीर चंद्र सिंह गढ़वाली जी का मूर्ति का अनावरण करने के लिए पर्रिकर जी वहां पहुंचने वाले पहले केंद्रीय मंत्री थे।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने संपूर्ण उत्तराखंड की ओर से पर्रिकर जी को भावभीनि श्रद्धांजलि अर्पित की है।