आर,टी,ई,का लाभ समय पर न मिलने से निजी विद्यालय संचालक नाराज
बड़कोट (मदन पैन्यूली)– वित्तविहीन मान्यता प्राप्त संघठन की जिला स्तरीय बैठक बड़कोट के एक निजी विद्यालय में आयोजित की गयी, बैठक में बिभाग द्वारा आर टी ई की धनराशि 3 सालों से विद्यालयो और लाभार्थी गरीब छात्रों को न देने को लेकर गहरी नाराजगी व्यक्त की गई ।
संगठन ने निजी विद्यलायो पर थोपे जा रहे नियमों को गैर जरूरी बताते हुए इसके विरोध करने की आम सहमति तय की ।
रविवार को वित्तविहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयी संघटन की जिला इकाई की बैठक में बतौर मुख्य अतिथि प्रदेश अध्यक्ष सुरेश रमोला ने कहा कि गरीब बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने पर ग्रहण लग गया है। इससे जहाँ गरीब अभिभावक परेशान है वंही निजी विद्यालय अपने आपको ठगा हुवा महसूस कर रहे है ।शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत उत्तराखंड के निजी स्कूलों में अभी तक 25 फीसदी सीटों पर प्रवेश दिया जाता है, लेकिन सरकार द्वारा 2 वर्ष बीत जाने पर भी अभी तक न छात्रों को धन राशि दी गयी है न ही स्कूल संचालकों को जिससे अभिभावकों सहित निजी स्कूलों के संचालकों में आक्रोश है ।आरटीई के तहत शिक्षा विभाग निजी स्कूलों में जितने भी एडमिशन कराता है, उसके बदले में उसे शुल्क का भुगतान करना होता है। केंद्र सरकार की योजना के चलते शुल्क का बजट वहीं से जारी होता है।
लेकिन सरकार स्कूलों को दिए जाने वाले शुल्क का भुगतान नहीं कर रही है इसके अलावा प्रवेश पाने वाले बच्चों की किताबों व ड्रेस इत्यादि का खर्च भी प्रतिपूर्ति व्यय के रूप में सरकार ही देती है।लेकिन दो साल बीत जाने के बाद भी अभी तक गरीब छात्र इससे वंचित है
सभी स्कूलों ने फैसला लिया कि यदि जल्द ही धनराशि अवमुक्त नही हुई तो आगामी सत्र में किसी भी छात्र को निशुल्क प्रवेश नहीं दिया जाएगा।
बैठक में जिलाध्यक्ष जय पाल सिंह सजवाण,रमेश उनियाल,देवेंद्र सिंह राणा,नरेश राणा,धनबीर चौहान,सुनील थपलियाल शशीमोहन ,ओंकार बहुगुणा,बलदेव भंडारी ,चंद्र गोपाल सहित दर्जनों विद्यालय के संस्थापक ,प्रधनाचार्य मौजूद थे।