_177वाँ दिवस समाचार प्रकाशनार्थ जारी_
आम चुनाव 2019 में गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान द्वारा नोटा को पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से उम्मीदवार बनाने पर मिल रहे हैं अनेकों ठोस रणनीति के सुझाव|*
देहरादून 13.03.2019| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* द्वारा जारी धरना आज *177वें दिन* में प्रवेश कर गया| आम चुनाव 2019 की घोषणा का स्वागत करते हुए गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान ने भी नोटा को उम्मीदवार बनाने पर राजनीतिक विमर्श और सुझाव मांगने प्रारंभ कर दिए हैं| आज से संगठन को विभिन्न वैचारिक संगठनों व संस्थाओं द्वारा गंभीर सुझाव मिलने लगे हैं; जिनकी समीक्षा करना प्रारंभ कर दिया गया है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान का कथन है कि स्थाई राजधानी गैरसैंण प्रदेश की राजधानी घोषित हो जानी चाहिए अन्यथा इसका खामियाजा राजनीतिक दलों को नोटा के रूप में भुगतना पड़ सकता है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान की नोटा रणनीति पर संगठन का कहना है कि प्रदेश में जिस प्रकार से भूमि खरीद को खुली छूट प्रदान कर दी गई है, राजधानी गैरसैंण का प्रश्न आज तक हल नहीं किया गया है व बेरोजगारी की समस्या जस की तस खड़ी हुई है, ऐसे में उत्तराखंड की जनता को उन राजनीतिक दलों को सबक सिखाना ही होगा जिन्होंने पिछले 18 वर्ष में अपनी गलत नीतियों के कारण प्रदेश की आर्थिक स्थिति को बदहाल बना दिया है| राज्य को कर्ज में डुबो दिया है और व्यवस्था में आम आदमी को दूर खड़ा कर दिया है| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान मानता है कि जिस दिन प्रदेश की राजधानी गैरसैंण में स्थापित हो जाएगी, उसी दिन राज्य की व्यवस्था मैं आम आदमी की पैंठ बढ़ेगी व व्यवस्था अंतिम आदमी को लाभ देने की दिशा में बढ़ जाएगी| इसको लेकर गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान इस बात को टटोल रहा है कि क्या आम चुनाव 2019 में प्रदेश की सभी पांचों संसदीय सीटों पर नोटा को पूर्ण रूप से अथवा आंशिक रूप से सदस्य बनाया जा सकता है अथवा नहीं| संगठन के पास इस रणनीति पर ठोस सुझाव मिलने लगे हैं| आज धरना पर उपस्थित रहने वालों में विजय सिंह रावत, परमा सिंह राणा, सुबोध थपलियाल, चंद्रप्रकाश जोशी, कृष्ण सिंह रावत, जेएस जंगपांगी, सोहन सिंह रावत, दीपक नेगी, सुनील सिंह, हर्ष प्रसाद मैंदोली, के.के भंडारी, मनोज ध्यानी, सुमन डोभाल काला, संजय पवार, कमल कांत, मदन सिंह भंडारी आदि थे|
_मनोज ध्यानी, प्रेस प्रभाग, गै.रा.नि.अ_