राष्ट्र के बहादुर बेटों को श्रद्दांजलि*
_प्रात: 11:00बजे संघर्ष स्थल, हिन्दी भवन के सामने, परेड ग्राउंड देहरादून_
कायरतापूर्ण आतंकी हमला (जम्मू कश्मीर में,) शहीद हुए *भारत माँ के 42 लाल – आपको शत शत नमन*
1. जयमाल सिंह- 76 बटालियन
2. नसीर अहमद- 76 बटालियन
3. सुखविंदर सिंह- 76 बटालियन
4. रोहिताश लांबा- 76 बटालियन
5. तिकल राज- 76 बटालियन
6. भागीरथ सिंह- 45 बटालियन
7. बीरेंद्र सिंह- 45 बटालियन
8. अवधेष कुमार यादव- 45 बटालियन
9. नितिन सिंह राठौर- 3 बटालियन
10. रतन कुमार ठाकुर- 45 बटालियन
11. सुरेंद्र यादव- 45 बटालियन
12. संजय कुमार सिंह- 176 बटालियन
13. रामवकील- 176 बटालियन
14. धरमचंद्रा- 176 बटालियन
15. बेलकर ठाका- 176 बटालियन
16. श्याम बाबू- 115 बटालियन
17. अजीत कुमार आजाद- 115 बटालियन
18. प्रदीप सिंह- 115 बटालियन
19. संजय राजपूत- 115 बटालियन
20. कौशल कुमार रावत- 115 बटालियन
21. जीत राम- 92 बटालियन
22. अमित कुमार- 92 बटालियन
23. विजय कुमार मौर्य- 92 बटालियन
24. कुलविंदर सिंह- 92 बटालियन
25. विजय सोरंग- 82 बटालियन
26. वसंत कुमार वीवी- 82 बटालियन
27. गुरु एच- 82 बटालियन
28. सुभम अनिरंग जी- 82 बटालियन
29. अमर कुमार- 75 बटालियन
30. अजय कुमार- 75 बटालियन
31. मनिंदर सिंह- 75 बटालियन
32. रमेश यादव- 61 बटालियन
33. परशाना कुमार साहू- 61 बटालियन
34. हेम राज मीना- 61 बटालियन
35. बबला शंत्रा- 35 बटालियन
36. अश्वनी कुमार कोची- 35 बटालियन
37. प्रदीप कुमार- 21 बटालियन
38. सुधीर कुमार बंशल- 21 बटालियन
39. रविंदर सिंह- 98 बटालियन
40. एम बाशुमातारे- 98 बटालियन
41. महेश कुमार- 118 बटालियन
42. एलएल गुलजार- 118 बटालियन।
भारत संघ के बेटे मातृ भूमि के लिए बड़ी से बड़ी कुर्बानी दे रहे हैं| हम नहीं जानते कि नीति नियंताओं की खामियाँ हैं या फिर गुप्तचर तंत्रिका की विफलता ; परंतु राष्ट्र के बेटों को पुन: बड़ी शहादत देनी पड़ी है| राष्ट्र को आतंक छलनी करना चाह रहा है, परंतु इसे किसी भी सूरत में मंजूर नहीं किया जा सकता है| राष्ट्र अपने बहादुर जवानों के साथ खड़ा है, यह संदेश जाना आज अवश्यमभावी है| हम भारत सरकार से अनुरोध करेंगे कि राष्ट्र के साधनों और शक्ति का प्रयोग राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए झोंके| गुप्तचर तंत्रिका को ढ़ंग से खंगाले| राष्ट्र यह कतई बर्दास्त नहीं कर सकता है कि हमारे देश के लाल बिना एक गोली चलाए, यूं ही कुर्बान होते रहें| कृपया उठें, साहस जुटाएं और आंतकवाद के मुंह पर कठोरतम तमाचा जड़ें| हम सब राष्ट्र के बहादुर बेटों की शहादत पर शोक व गमगीन हैं| और अपनी सम्वेदना का प्रकटीकरण करने के लिए, अपने जवानों की कुर्बानी को श्रद्दांजलि अर्पित करने के लिए आज *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के मंच पर ( संघर्ष स्थल, लैंसडोन चौक, देहरादून) पर *प्रात: 11:00 बजे* एकत्र होंगे| आप सभी अभियानकर्मियों से अनुरोध है कि समय पर उपस्थित हों|
*जय भारत! जय उत्तराखंड!*
पोर्टल के पत्रकार बंधुओं के निमंत्रण
परम् सम्मानित पोर्टल से दुनिया को समाचार पहुंचाने वाले मित्रों को सादर? प्रणाम, जय बद्रीविशाल
साथियों
आपको आपके हौंसले को नमन करता हूँ कि सरकार पोर्टल के संपादक को सम्पादक नही मानती है।हमारा जूनन देखिये
कि tv से पहले आप जगत को अच्छे अच्छे समाचारों से रूबरू होने के लिए मजबूर करदेते हैं। दुनिया आप पर सही खबरों को लेकर विश्वास करने लगि है ।पर लोकतंत्र की सरकार अपनी जनता के विश्वास करने वाले पत्रकार बिन्दुओं को भरोसा में नहीं ले रही है।उन पर भरोसा नहीं करते उनको पत्रकार नहीं मानती ।जबकि असलियत यह है कि पोर्टल की खबर को सरकार भी देखने को मजबूर है । क्योंकि जो सही खबरें आप देते हैं वह बड़ा बैनर नहीं देता है ।इन सब पर भी सरकार आपको मान्यता नहीं देना चाहती हैं। क्योंकि हम प्रयास करने के लिए समय देने के लिए अपना मन मार रहे हैं। संघटित होकर कार्य कर नहीं रहे । अपने हित की लड़ाई के लिये समय भी नहीं दे पाते।
अपने अधिकार के लिए हमने ही आगे पहल करनी होगी। मीडिया ही हमारी लड़ाई को लेकर आगे बढ़ेगा ।यह हमारा विश्वास है।
इस कड़ी को आगे बढ़ाने की पहली पहल देव भूमि उत्तराखंड से कर हम लोग देश के लिए सँघर्ष करने वाले साथियों को जोड़ने का प्रयास करने जारहे हैं जिससे हमारे अन्य समाचार पत्रों में काम करने वाले साथियों को मिलनेवाली सुभीदा , अधिकारों का लाभः हमे मिले ।हमारी लोकतांत्रिक देश की चुनी हुई सरकार उसका हनन न करने पाय ।
आज देश को बचाने के लिए समाचार पोर्टल की बड़ी जुम्मेदारी है।
हम सब साथ मिलकर इस लड़ाई में विजय प्राप्त कर सकते हैं यही लोकतंत्र को जीवित रखने के लिये हमें अपने धर्म का पालन करना चाहिए । उत्तराखंड में पत्रकार पोर्टल को विज्ञापन देने की नीति के लिये जुलाई 2013 से नवम्बर 013 तक 11 बैठक कर पत्रकार उत्तराखंड में चल रहे संघठनों के साथियों के विचार लेकर पत्रकारों के हित की लड़ाई लड़ी है।तब पोर्टल को विज्ञापन मिलने की प्रक्रिया सुरु हुई यह अल्प अभिनव प्रयास रहा है।
इस अभियान को आगे बढ़ाने के लिए हमने लोकतांत्रिक व्यवस्था के साथ उत्तराखंड वेव पोर्टल एसोसिएशन का गठन कर पहला प्रयास किया है। इसके आगे बढ़ाने के लिए सभी की राय लेकर सेवक को अध्यक्ष के रूप में मार्गदर्शन करने की जुमेदारी दी है।
आप सभी से अनुरोध है कि पोर्टल के लिए काम करने वाले मित्रों को अधिकार दिलाने का काम किया जाता रहे आप सभी से अनुरोध है कि आप हंसों के बीच में बगुले को जुमेदारी दी है। बिना भेदभाव के अपने समाज के लिए कुछ करने का मन बनाने का काम कर आने वाली पीढ़ी को अपने मनुष्य होकर मनन करने का प्रमाण अपने हित की लड़ाई लड़ने में समय का योगदान देकर एसोसिएशन में भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए अपनी इच्छा शक्ति का परिचय देकर एक जुट एक मुट्ठी में बंधे । भारत में समाज के हिसाब से कानून बनाया जाता है।उसके लिए मन मस्तिष्क से तैयार रहते हुए अपने को जीवित रखने का प्रयास करते रहना है। अपने अहम को त्याग करने से ही समाज की भलाई का अंग हम बनसकते हैं।
तभी हम अपने आप एंव आने वाली पीढ़ी को मजबूती प्रदान करते रहेंगे।
यह भारत का पहला संघठन होगा जो अपने समाचार पत्र, पोर्टल के सदस्यों से कुछ सहयोग राशि लेगा नहीं बल्कि अपने सदस्यों को आर्थिक लाभ देता रहेगा। आप जुड़कर पौधे की जड़ें मजबूत करने का प्रयास मात्र करने की कृपा करें
सगठन में जुड़ने के लिए आप
अपना आधर कार्ड की फ़ोटो कापी, अपनी फ़ोटो, अपना पोर्टल का नाम, गूगल एनलिटिक , फोन ,मोबाइल नम्बर, ईमेल आईडी
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