यूपी : लोकायुक्त के दर पंहुची योगी के प्रमुख सचिव समेत
आधा दर्जन आला अधिकारियों के भ्रष्टाचार की शिकायत l
लखनऊ / 01 फरवरी 2019 ……………
यूपी के सीएम योगी के एक प्रमुख सचिव समेत आधा दर्जन अधिकारियों पर
कदाचार,भ्रष्टाचार और नैतिक अधमता में लिप्त होकर काम करने के गंभीर आरोप
लगाते हुए एक शिकायत लोकायुक्त कार्यालय में आज दाखिल की गई है l उत्तर
प्रदेश के समाज कल्याण विभाग के वर्तमान प्रमुख सचिव मनोज सिंह आदि पर
निहित स्वार्थों में लिप्त होकर उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के
आदेशों के खिलाफ जाकर अनेकों आदेश जारी करने का आरोप लगाते हुए राजधानी
लखनऊ निवासी समाजसेविका और आरटीआई कार्यकत्री उर्वशी शर्मा ने आज सूबे के
लोकायुक्त को एक शिकायत दी है l
उर्वशी ने अपनी शिकायत में कहा है कि मनोज सिंह ने अन्य अधिकारियों के
साथ दुरभि संधि करके उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय के आदेशों के
खिलाफ जाकर जो गैरकानूनी काम किये हैं उनको करते समय कार्मिक विभाग,
वित्त विभाग और समाज कल्याण विभाग के शासनादेशों को भी ताक़ पर रखा गया है
जिससे साफ है कि आई० ए० एस० मनोज सिंह आदि इन मामलों में एक लोक सेवक के
रूप में अपने कृत्यों का निर्वहन करने में व्यक्तिगत हित अथवा अनुचित या
भ्रष्ट उद्देश्य से प्रेरित थे l
शपथ-पत्र से समर्थित 20 पेज की शिकायत में उर्वशी ने मनोज सिंह आदि पर
भ्रष्टाचार करके संवैधानिक व्यवस्थाओं,न्यायालयों के आदेशों और
नियमावलियों के प्रतिकूल जाकर अवैध नियुक्ति करने और जालसाजी के
अभियुक्त को अनुचित रूप से लाभ पंहुचाने की दुष्प्रेरणा करने के 20
प्रमाण भी लोकायुक्त को दिए हैं l
उर्वशी ने बताया कि मनोज आदि ने पदीय अधिकारों का दुरुपयोग करते हुए
गैरकानूनी आदेश जारी करके हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट की रोक के बाद भी
पूर्व के प्रशासनिक आदेशों और तथ्यों को छुपाकर अपात्र को नियुक्ति देने,
अधिकार क्षेत्र से परे जाकर प्रोन्नत वेतनमान, ए.सी.पी. के लाभ देने और
पदोन्नति के उच्च पदों पर नियुक्ति प्रदान करने जैसे काम किये हैं और इस
क्रम में सरकार को आर्थिक क्षति भी कारित की है l
उर्वशी ने बताया कि इससे पहले साल 2014 में भी समाज कल्याण विभाग के
तत्कालीन प्रमुख सचिव सुनील कुमार ने भी भ्रष्टाचार में लिप्त होकर
वर्तमान प्रमुख सचिव मनोज सिंह सरीखी बेजा हरकतें कीं थीं लेकिन तदसमय
उनके द्वारा की गई शिकायत पर लोकायुक्त के दखल के बाद सुनील ने अपनी गलती
मानते हुए गैरकानूनी रूप से किये गए सभी आदेशों को खुद ही निरस्त कर दिया
था l
शिकायत में प्रमुख सचिव मनोज के साथ-साथ न्याय विभाग अनुश्रवण प्रकोष्ठ
के तत्कालीन विशेष सचिव, उच्च न्यायालय लखनऊ बेंच के तत्कालीन मुख्य
स्थाई अधिवक्ता ,निदेशक समाज कल्याण, समाज कल्याण के तत्कालीन अनु सचिव
सतीश कुमार, और साल 2014 के 12 नवम्बर को बनी शासन की चयन समिति के
अध्यक्ष और सभी सदस्यगणों के साथ-साथ कई अन्य अधिकारियों पर भी
भ्रष्टाचार में लिप्त होकर काम करने का आरोप लगाने वाली नामचीन
एक्टिविस्ट उर्वशी ने बताया कि उन्होंने लोकायुक्त से अनुरोध किया है कि
वे इन मामलों से सम्बंधित मूल पत्रावलियां सम्बंधित कार्यालयों से तलब
करके जांच करें और गैरकानूनी निर्णय लेने वाले मनोज सिंह समेत अन्य
सभी दोषी लोकसेवकों के विरुद्ध कार्यवाही की संस्तुति करने करने के
साथ-साथ मनोज सिंह द्वारा निजी लाभ के लिए शातिराना ढंग से किये सभी
आदेशों को निरस्त कराने की संस्तुति भी करें।