देहरादून:राज्य में बजट 2019-20 वर्ष की तैयारी गतिमान है, जिसके अन्तर्गत सचिव वित्त एवं नियोजन अमित नेगी की अध्यक्षता में बजट चर्चा एवं आउटकम बजट पर चर्चा चल रही है। बजट के वास्तविक उपयोग की स्थिति का आकलन करने हेतु 02 जनवरी, 2019 से 04 जनवरी, 2019 तक नियोजन विभाग में आउटकम बजट के सम्बन्ध में सभी विभागों के साथ विचार-विमर्श कर बैठकों का आयोजन किया गया। आउटकम बजट को सतत् विकास लक्ष्यों ¼SDGs½ के साथ लिंक करते हुए बजट व्यवस्था का प्राविधान किया जाना है।
उल्लेखनीय है कि वर्तमान में नीति आयोग के दिशा-निर्देशों के क्रम में प्रत्येक राज्य सतत् विकास लक्ष्यों को निर्धारित अवधि में प्राप्त करने हेतु विभिन्न प्रकार की योजनाऐं तैयार कर रहा है। इसी क्रम में उत्तराखण्ड राज्य द्वारा आउटकम बजट के साथ 17 सतत् विकास लक्ष्यों के विभिन्न उपलक्ष्यों एवं संकेतकों को लिंक किया जा रहा है। उपलक्ष्यों को बजट के साथ लिंक करते हुए उन्हें निर्धारित अवधि में पूर्ण करने हेतु अपेक्षित कार्य एवं रणनीतिक योजना तैयार करने की व्यवस्था की जा रही है। नीति आयोग द्वारा एक सप्ताह पूर्व देश के समस्त राज्यों के SDGs Index आधार वर्ष के अनुसार तैयार किये गये थे, जिसमें उत्तराखण्ड राज्य 11वें स्थान पर था। SDGs के संकेतकों को बजट के साथ लिंक करते हुए तथा उसके व्यापक अनुश्रवण किये जाने से वर्ष 2019-20 में SDGs Index में राज्य की स्थिति 11वें स्थान से ऊपर लाने का लक्ष्य रखा गया है।
बैठक में राज्य योजना आयोग के मुख्य समन्वय अधिकारी व शोध अधिकारी, डाॅ.मनोज कुमार पंत व अपर शोध अधिकारी डाॅ. के.के.पन्त द्वारा विस्तृत विचार-विमर्श के उपरान्त सभी विभागों के प्रतिभागियों से अपेक्षा की गयी कि वे दिये गये सुझावों के अनुसार आउटकम बजट शीघ्रातिशीघ्र राज्य योजना आयोग को प्रस्तुत करेंगें। सतत विकास लक्ष्यों के चयनित विभागवार संकेतक सभी विभागीय प्रतिभागियों को उपलब्ध कराये गये। आयोग द्वारा तैयार की गई ई-आंकलन में Data Feed करते हुए निर्धारित समसामयिकता के अनुसार अद्यतन किये जाने से अवगत कराया। बीस सूत्री कार्यक्रम अधिष्ठान द्वारा तैयार किये गये SDGs संकेतकों को मुख्य रूप से आउटकम बजट के साथ Align (संरेखित) किये जाने पर विस्तृत चर्चा करते हुए आगामी विधानसभा के सत्र में आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2019-20 को प्रस्तुत किये जाने हेतु सभी विभागों को दिनांक 05 जनवरी, 2019 तक अर्थ एवं संख्या, निदेशालय/बीस सूत्री कार्यक्रम को उपलब्ध कराये जाने के निर्देश दिये गये। विभागों द्वारा किये गये सफल प्रयास, नवोन्वेष (नवाचार) योजना व सफलता की कहानी के विषय में भी संक्षिप्त नोट उपलब्ध कराया जाना है।