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लोकतंत्र में समाचार पत्र का काम सच्चाई को उजागर करने का होना चाहिए

Pahado Ki Goonj

पहाड़ों की गूंज  विश्व स्तर पर एक ही प्रकार का प्रकाशन करता है ।इसकी विशिष्ट पहचान बनी है कि अल्प समय में काफी अल्प साधनों से प्रदेश,देश एवं विश्व की सेवा करने का प्रयास किया जारहा है ।
आज हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सरकार ने किसानों के बजट में 11हजार करोड़ रुपए कृषि बजट में कम कर दिये साथ देश की शिक्षा के लिए 21हजार करोड़ कम कर दिया । देश की जनता का सवाल है क्या कृषि के बजट कम कर किसानों की आय दुगुनी बढ़ाने के सपने पूरे साकार हो सकते हैं। य किसानों की आत्महत्या बढ़ेगी ?

क्या शिक्षा के बजट में इतनी बड़ी कटौती कर देश की शिक्षा का स्तर विश्व स्तर का होगा ।येसे से बेटी पढाओ बेटी बढ़ाने के सपने कैसे पूरे होंगे ??
आज सारे देश का ध्यान किसको बदनाम करने पर बांटा जा रहा है। जो सोनिया गांधी  भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी जो सूचना क्रांति,सौर ऊर्जा, पंचायत के लिए रोजगार से जोड़ने की योजनाओं को टिहरी बांध निर्माण  से देश मजबूत करने के लिए काम के साथ लाखों  लाख वोट पाकर विजय बनाकर जनता ने संसद में भेजें हैं। प्रधानमंत्री को सबसे बड़े लोकतंत्र में भाषा का प्रयोग पद की गरिमा के अनुकूल करने की आवश्यकता है पद पर बैठ कर देश की जनता ने चुप रहने वाले प्रधानमंत्री पीवी नर्शिमहाराव ,डॉ मन मोहन सिंह बहुत बड़ा  विकास दे गये जिनका लेवल बदल कर प्रचार प्रसार आज किया जाता है।
आज मोदी जी कहते हैं मैं मोदी हूँ मै किसी को नहीं छोड़ूंगा

ठीक ही कहा मोदी जी ने upa सरकार के शासन काल से ज्यादा सैनिक पकिस्तान  नेे मार दिये। सीमा पर जवान मर रहा है खेत पर लाखों किसान आत्महत्या कर गये। जो दो  रक्षक देश के हैं उनकी जान बचाने का काम के लिये बहस करो । दुश्मन जवानों को नहीं छोड़ रहा । सरकार की नीति किसानों को आत्महत्या करने से नहीं छोड़ रही हैं जरा सोचो ।

चीन के डोक लाम सड़क हम रोकने में कुछ नहीं कर पाए ।
पर उसका व्यपार बढ़ाने के लिए चीन ने डोकलाम के नाम पर अपने व्यपार बढ़ाने के लिए उल्टे उसका सड़े वीमारी फैलाने वाले मोबाइल रिलाइंस कम्पनी देश की जनता का स्वास्थ्य खराब कर जनता को लूट रही है।
इसके लिए कोई मीडिया हाऊस बहस नहीं करा रहे हैं।

बहस है तो रॉफेल विमान की यह है। यह सब जानते हैं कि भारतीय यरोनॉटेक्स कम्पनी को क्यों छोड़कर रिलांयस को बीच मे लाये। यदि हमारे अधिकारीयो ,,,,के ज्ञान में कमी है। है तो उनको काम करने से ज्ञान बढ़ेगा।

अंधा गुड़ पहचानता है।

भारत के  किसी बिमान ने बम से 300 सैनिक नहीं मारे । 4गढ़वाल राइफल के जवान जसवंत सिंह रावत ने 1962 की ठंड में चीन के300 सैनिकों को उनके बीच से आधुनिक हथियार छीन कर लाने के बाद 72 घन्टे तक उनके छक्के छोड़ाए ।उसके सहास ने चीन का मुराल कम कर रखा है।उनको परमवीर चक्र देने के लिये भी देश के नेताओं को सोचने का समय नहीं है। भारत की सेना को अति आधुनिक  राइफल हथियार की कमी है वह आमने सामने की लड़ाई के लिए जरूरी है । सैनिक  का इस कमी से  मोरल गिर रहा है ।जनरल खंडूरी ने क्यों इस्तीफा दिया रक्षा समिति से कोई मीडिया इस बात पर नहीं बहस करता है। देश के किसानों एवं जवान की चिंता मीडिया की बहस में शामिल नहीं हो सकती है।यही देेेश के लिए है

 

? हजारों हजार करोड़  से ज्यादा के विज्ञापन देकर इनके मुह बंद हो गये ?

देश कहाँ जारहा है।  पत्र इस सरकार में भी अघोषित आपात काल पा रहा है। कोई सत्ता पक्ष के नेता बोल ही नहीं रहा है ।जबकि कांग्रेस में इंदिरा गांधी जी के समय चन्द्र शेखर, मोहन धारियां, रामधन जैसे नेताओं ने आपात काल मे जनपक्ष रखा था इस पर जेल में रहे। मोदी सरकार के सांसदों को कहने में क्यों डर लगता है। यह सावन के अंधे को हरा ही हरा दिखाई देता है। क्या जीवन को खतरा है। है तो बहस न करने पर सांसदों से देश से जनता क्या अपेक्षा करेगी । यह प्रश्न है इसका उत्तर वोट में नोटा से जनता देरही है आगे भी देगी ।

जनता ने 15 लाख ,100 दिन में काले धन यूवाओं को रोजगार ।कृषि ऋण माफ़ करने के नाम पर वोट दिया।  जो नहीं हुआ ।देश की विदेश नीति में भी गिरावट आई है। मीडिया चुप है मोदी जी का सर्वे चल रहा है।
भारत की जनता को ज्ञान है भरत जी ने राम के लिये गददी छोड़ी और बीजेपी ने गददी के लिये राम छोड़ दिया। सरकार का काम मन्दिर बनाना होता तो 1991 से अबतक बन जाता ।मंदिर बनाने का काम आदिगुरु शंकराचार्य का रहा है उस परम्परा को बनाये रखने के लिये इच्छा शक्ति बढ़ाने की आवश्यकता है।वही मंदिर बना सकते हैं। व्यपारियो सेे सौदे हो सकते हैं।मन्दिर नहीं बन सकते।

सरदार पटेल जी मूर्ती बना कर दिखाई दे रहा है कि प्रतिमा फट गई है।इससे बड़ी मूर्ती अब बनाने वाले हैं । उनके नाम से इतने रुपये से विश्व स्तरीय विश्वविद्यालय बनाया जाता तो ओर भी देश मजबूत होता , उसके लिए बजट नहीं है ।टीवी इन सवालों पर बहस नहीं कर सकते ।कि बरिष्ठ  आईं ए एस अधिकारी विना सोचे समझे हटाया जाना उनकी तोहीन ही है। मिशाइल बैज्ञानिक का भी सम्मानित करने की आवश्यकता है। देश का किसान आज कृषि के बजट में कटौती एंव शिक्षा के बजट में कटौती कर अपने को ठगा सा महसूस करने लगा है।

कृषि उत्पादन कॉफी घट गया है । 

100 ज़्यादा अरब पति बन गए हैं ।बजट कम होने से बेटियों को पढ़ाओ बेटियों बढ़ाओ योजना प्रभावित हो रही है । बजट में अभी समय है सुधार करने का सुधार करने से देश बढ़ेगा। राफेल के मुदा जितना प्रचार प्रसार होगा उतना नुकसान बीजेपी को ही होगा

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