देवदार के घने जंगलों में लगी तस्करों की घनी नजर
(मदन पैन्यूली ) उत्तरकाशी जिले के बडकोट उप जि अधिकारी ने बडकोट तहसील के पिछले आठ साल की कार्य शैली पर ही सवाल खड़े कर दिए है इसके साथ ही वन महकमे की संलिप्तता को भी संदेह के घेरे मी डाल दिया है मामला तहसील बडकोट के ब्याली में स्थित देवदार के घने जंगल का है जो अपर यमुना वन प्रभाग के रवाई रेंज के अंतर्गत आता है, दरअसल ब्याली का जंगल देवदार तस्करी के लिए काफी मशहूर है जहा सेब के बगीचों की आड़ में अब तक कई हेक्तियर निजी भूमि बाहरी व्यक्तिओ द्वारा खरीदी जा चुकी है, निजी भूमि की एवज में धडल्ले से ब्याली में देवदार के हरे भरे पेड़ तस्करों द्वारा काट लिए गये है जो खुद उप जिला अधिकारी ब्ह है ऐसा नही है कि यह अनुमति से काटे गये हो बल्कि बिना अनुमति के ही फारेस्ट की भूमि को इन्हे साफ़ कर दिया गया अपने चेकिंग के दौरान SDM बडकोट ब्याली में दौरा भी कर चुके है और अवैध 45 देवदार के स्लीपर एक रिसोर्ट से बरामद भी कर चुके है मामला बड़ा देख SDM ने तहसील के पुराने कागजात खसरा भी खंगालने शुरू कर दिए है जिसमे इसी वर्ष सितम्बर महीने में 3 हेक्तियर निजी भूमि तीन बाहरी व्यक्तिओ के नाम ट्रासफर होना पाया गया है संदेह और ज्यादा तब गहराया जब राजस्व से 10 देवदार पेड़ रिसोर्ट के पास से काटने की अनुमति मांगी गयी लेकिन खसरा खंगालने में पता चला कि यही भूमि जब 2010 में ट्रासफर हुयी तो 357 पेड़ भूमि में पाए गये जबकि वर्तमान में 257 पेड़ ही भूमि पर रजिस्टर हुए है ऐसे में अगर मामले की गहनता से जांच हो तो वन महकमे के साथ साथ राजस्व अधिकारिओ और कर्मचारियो पर गाज गिरना तय है क्योंकि वन भूमि और तहसील की खसरा सीट हरेक वर्ष नवीनीकरण और आंकड़े दर्शित किये गये है जो तहसील के दस्तावेजो में पूरी तरह गायब है केवल देवदार का जंगल ही दर्शित किया गया है।