नई टिहरी में कोतवाल सुंदरम शर्मा को हटाने के लिए पत्रकारों का धरना यसपी देहात जांच करने के आश्वासन के बाद स्थगित किया
नई टेहरी: शहर के पत्रकारो ने एसएसपी कार्यालय पर धरना प्रदर्शन किया।नई टिहरी में कोतवाल सुंदरम शर्मा को हटाने के लिए पत्रकारों का धरना दिया जिसमें, पत्रकार मुकेश रतूड़ी, गोविन्द बिष्ट, गोविन्द पुंडीर, देवेन्द्र दुमोगा, जेपी पाण्डेय, अनुराग, गंगा थपलियाल आदि के नेतृत्व में शहर के कई राजनितिक, सामाजिक संगठनों से जुड़े लोग समर्थन में खड़े हैं। राकेश राणा, पुरुषोत्तम थलवाल, मोहन सिंह रावत, प्रदीप रमोला, गंगा भगत नेगी, प्रताप गुसाईं, रामचंद्र नेगी, सीपी डबराल, केएल चमोली, तिलकराम चमोली, सुंदरलाल उनियाल, अमरीश पाल, राजेश, राजीव नेगी, त्रिलोक नेगी, डीपी चमोली आदि लोग भारी संख्या में एसएसपी ऑफिस पर पहुंचकर पत्रकारों के आंदोलन को समर्थन दे रहे हैं।
देहरादून:नई टिहरी में कोतवाल सुंदरम शर्मा द्वारा आर्किटेक्ट के.सी.कुड़ियाल के साथ मारपीट और पत्रकारों के साथ अभद्रता किये जाने की भाकपा(माले) तीव्र भर्त्सना करती है. हम यह मांग करते हैं कि एक नागरिक से सरेआम गाली गलौच,मारपीट करने और पत्रकारों से अभद्रता करने वाले कोतवाल सुंदरम शर्मा को तत्काल निलंबित किया जाए और उनके विरुद्ध कानून व्यवस्था से खिलवाड़ करने के मामले में मुकदमा दर्ज किया जाए.
पुलिस की जिम्मेदारी कानून व्यवस्था कायम करने की है. पुलिस कानून के मातहत है, कानून से ऊपर नही है.लेकिन नई टिहरी के कोतवाल के कारनामों को देख कर ऐसा प्रतीत होता है कि वे कानून को अपना बंधक समझते हैं. ऐसा अधिकारी जो जनता और मीडिया से अभद्रता करे,उसे किसी सार्वजनिक पद पर नहीं बैठाया जाना चाहिए.।
राज्य की त्रिवेंद्र सरकार से यह सवाल है कि इस बदमिजाज और कानून से खिलवाड़ करने वाले अफसर को बचा कर वह क्या सिद्ध करना चाहती है ? राज्य सरकार को ऐसे अफसर चाहिए जिनसे राज्य में कानून व्यवस्था कायम हो या वह ऐसे अफसरों की संरक्षक है, जिनसे राज्य में अनावश्यक तनाव उत्पन्न हो रहा है?सुंदरम शर्मा जैसे अफसरों को देख कर तो लगता है कि राज्य में डबल इंजन की सरकार नहीं बल्कि डबल हुड़दंग की सरकार चल रही है, जो आम जनता और पत्रकार दोनों के साथ हुड़दंगियों की तरह पेश आ रही है.।
हम नई टिहरी में चल रहे पत्रकारों के आंदोलन का समर्थन करते हुए,सुंदरम शर्मा को तत्काल हटाये जाने की मांग करते हैं.