_*64वाँ दिवस का धरना*_
*गढ़वाल की छात्र राजनीति के पुरोधा और भीष्म पितामह कहे जाने वाले विवेकानंद खंडूरी और धाद के अध्यक्ष हर्षमणी व्यास पहुंचे गैरसैंण आंदोलन को समर्थन देने|
देहरादून (गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान, संघर्ष स्थल (हिन्दी भवन के समक्ष) 19 नवम्बर 2018| गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के बैनर तले पूर्णकालिक राजधानी गैरसैंण बनाने को लेकर चल रहा धरना कार्यक्रम आज भी धरना स्थल पर पूरे जोश-खरोश के साथ जारी रहा| आज संघर्ष स्थल पर राजधानी गैरसैंण के पक्ष में आंदोलनकारियों की सुध-बुध लेने गढ़वाल की छात्र राजनीति के पुरोधा और भीष्म पितामह कहे जाने वाले विवेकानंद खंडूरी के पहुंचते ही आंदोलनकारियों में जबरदस्त उत्साह पैदा हो गया और उसके उपरांत गैरसैंण के पक्ष में जमकर नारेबाजी की गई| भाई विवेकानंद खण्डूरी ने भी स्वयं नारेबाजी में खूब साथ दिया| विवेकानंद खंडूरी ने गैरसैंण को प्रदेश की बड़ी जरूरत बताते हुए गैरसैंण अभियानकर्मियों को अपनी शुभकामनाएं दी| इस अवसर पर खण्डूरी ने कहा कि सरकार ने शीतकालीन का पूर्ण सत्र करावकर सिद्ध किया था कि गैरसैंण स्थाई व पूर्णकालिक राजधानी बनाई जा सकती है| इससे पूर्व देर सांय धरना स्थल पर पहुँचकर गैरसैंण को समर्थन देने *धाद के अध्यक्ष हर्षमणी व्यास भी साथियों समेत पहुंचे| श्री हर्षमणी व्यास ने हिमालयी सरोकारों के पक्ष में ठोस कदम उठाने की मांग करते हुए गैरसैंण को पूर्णकालिक राजधानी को बेहद जरूरी मांग बताया| उन्होंने गैरसैंण आंदोलन को अपनी ओर से पूर्ण सहयोग व समर्थन देने की बात कही| *गैरसैंण राजधानी निर्माण अभियान* के आज के 64वें दिन के धरना में उपस्थिति देने वालों में *मनोज ध्यानी, उपेन्द्र चौहान, इंजीनियर आनंद प्रकाश जुयाल, भाई विवेकानंद खंडूरी, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, हर्ष मैंदोली, वरिष्ठ पत्रकार जीतमणि पैन्यूली,मदनसिंह भंडारी, डॉ राकेश व्यास,सुभाष रतूडी, सुरेश नेगी, कृष्ण काँत कुनियाल, पी.सी. थपलियाल, राकेश चंद्र सती, भुवन जोशी, इंद्र सिंह भंडारी, पवनेश मैंदोली* आदि सम्मिलित रहे|।