राजधानी गैरसैण पर हुई व्यापक चर्चा व विभिन्न संगठनों ने दिए ठोस सुझाव
देहरादून: गैरसैण राजधानी निर्माणअभियान के तत्वावधान में हिन्दी भवन (परेड ग्राउंड, देहरादून) में जारी धरना स्थल पर आज 27वाँ दिवस पर बड़ी रणनीतिक बैठक आयोजित कर व्यापक चर्चा की| बैठक का प्रारम्भ स्वागत भाषण से हुआ जिसको मनोज ध्यानी (राज्य आंदोलनकारी) द्वारा किया गया| बैठक के सुसंचालन हेतु मनोज ध्यानी द्वारा कर्नल (डॉ0) डी.पी. डिमरी का नाम अध्यक्षता हेतु प्रस्तावित किया जिसे राजेन्द्र शाह ने समर्थन किया व सभी संगठनों के प्रतिनिधियों ने करतल ध्वनि से समर्थन किया| बैठक के सफल संचालन हेतु पीसी थपलियाल जी को जिम्मेदारी दी गई|
बैठक की अध्यक्षता करते हुए कर्नल (डॉ0) डीपी डिमरी ने कहा कि गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान का एक उद्देश्य होना चाहिए और सबको मुद्दे पर ही केन्द्रित रहना चाहिए| उन्होंने कहा कि सरकार को एक एक कर सभी कार्यालय गैरसैण की ओर शिफ्ट करने चाहिए | उन्होंने one to one contact को बल प्रदान करते हुए सभी सामाजिक संगठनों को एक मंच पर लाने पर बल दिया| पूर्व आई.ए.एस सुरेन्द्र सिंह पांगति ने राजधानी के सवाल पर राज्य विधेयक में शामिल न किया जाना और राजधानी पर शासनादेश का न होने को वैधानिक विसंगति बताया| हमारा उत्तरजन मंच के अध्यक्ष रणवीर चौधरी ने कहा कि गैरसैण पर सामाजिक संगठनों को जोड़ने का प्रयास सराहनीय है| उन्होंने नौकरशाही और विधायकों की सुविधाभोगी संस्कृति को गैरसैण राजधानी निर्माण में बाधक बताया| उन्होंने प्रदेश में भूमि खरीद कानून के बारबार शीथल करने के निर्णयों को घातक बताया और इसे जनविरोधी बताया| लोकतांत्रिक जनविकास पार्टी के अध्यक्ष ए. पी. जुयाल ने कहा कि सेवाओं और विद्वानों को आंदोलन से जुड़ने का सुझाव दिया| उत्तराखंड आंदोलनकारी मंच के जिलाध्यक्ष प्रदीप कुकरेती ने आंदोलन को दिशाबद्द बनाने के लिए कोर कमेटी व संयोजक मंडल के गठन का प्रस्ताव दिया| पोखड़ा ब्लाक के ब्लाक अध्यक्ष लाल सिंह ने प्रत्येक ब्लाक में गैरसैण अभियान छेड़ने का आह्वान करते हुए अपने ब्लाक पोखडा में आंदोलन तेज करने की जिम्मेदारी ली| ओहरे संगठन के महासचिव सुरेन्द्र सिंह रावत ने गैरसैण आंदोलन को जन जन तक पहुंचाने के लिए जनहित टोलियाँ व नुक्कड नाटिकाएं तैयार करने की बात कही| बैठक में बोलते हुए भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता राजेन्द्र शाह ने कहा कि गैरसैण पर जहाँ सत्तापक्ष की सोच स्पष्ट नहीं है वहीं प्रतिपक्ष भी समुचित दबाव नहीं बना पा रहा है| उन्होंने आंदोलन को सभी जनपदों पर ले जाने का सुझाव दिया| नैनीताल हाईकोर्ट के अधिवक्ता और उत्तराखंड विकल्प के नेता वीपी नौटियाल ने कहा कि राजधानी निर्माण के मुद्दे पर हमें एक बैनर के तले लडाई लड़ना होगी| उन्होंने इनवेस्टर समिट को प्रदेश के लिए छलावा बताते हुए कहा कि उत्तराखंड के जल, जंगल, जमीन पर उत्तराखंड के लोगों का ही अधिकार होना चाहिए| उन्होंने कहा कि हमें इस पर विचार करना चाहिए कि राजधानी पर लंबित निर्णय पर न्यायपालिका के विकल्प को भी तलाशना चाहिए| जनमंच के अध्यक्ष मनमोहन लखेड़ा ने राजनीतिक दलों को राजनीतिक तरीके से निपटने की रणनीति विकसित करने पर जोर दिया| संचालन पूर्व सैन्य अधिकारी पीसी थपलियाल द्वारा किया गया| बैठक उपरांत सभी सुझावों पर गौर करने के लिए चिंतन किया गया व सभी उपस्थित संगठनों के अध्यक्ष व महासचिवों को अपने सुझाव अनुरूप कार्यक्रम तैयार करने पर सहमति बनी जिसे गैरसैण राजधानी निर्माण अभियान संघर्ष स्थल से चरणबद्ध रूप में चलाया जाएगा| निर्णय लिया गया कि सभी संगठन स्वयं तय कर बताएंगे कि किस दिवस पर वह धरना देने की जिम्मेदारी उठाएंगे| आज की रणनीति बैठक में *संयुक्त नागरिक संगठन के अध्यक्ष ब्रिगेडियर केजी बहल, डीएवी महाविद्यालय के छात्र नेता सचिन थपलियाल, नैनीताल हाईकोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट वीपी नौटियाल, दयानंद चंदोला, पूर्व क्षेत्र पंचायत सदस्य उपेन्द्र चौहान, आंदोलनकारी जबर सिंह पावेल, अंतराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन के महासचिव रिटायर्ड मेजर सैयद जैदी, आनंद प्रकाश जुयाल, युवा आंदोलनकारी मदन भंडारी, उत्तराखंड परिवर्तन पार्टी के योधराज त्यागी, कोषाध्यक्ष कुलदीप मधवाल, उक्रांद के दीपक गैरोला, बिजेन्द्र रावत, श्रीकोट से आए हुक्म सिंह भंडारी,गोविंद सिंह बिष्ट, आर्यावर्त फाउंडेशन के अध्यक्ष हर्ष मैंदोली, परवीन गुसांई, अभिषेक रावत, एस. पी. चौहान, प्रवीण शाह, चतुर सिंह नेगी, संयुक्त नागरिक संगठन के महासचिव सुशील कुमार त्यागी, संजय किमोठी, नी. एस. रावत, सूरज भट्ट, शूरवीर सिंह नेगी, लक्ष्मी प्रसाद थपलियाल, कोटद्वार से संदीप नौडियाल, ओहरे के महासचिव अजय शाह, लुसून टोडरिया, हरिजन ओमी, अखिल गढ़ना सभा को हेमंत जुयाल, बैंक इम्पलाईज एसोसिएशन के जगमोहन मेहंदीरत्ता, उक्रांद (डेमोक्रेटिक) के बलवेन्द्र सिंह नेगी, हमारा उत्तरजनमंच के अध्यक्ष रणवीर चौधरी, महासचिव समीर मुंडेपी मानवेन्द्र सिंह, सुभाष रतूडी, पीसी थपलियाल, बलवंत सिंह नेगी, मनोज पांगति, सिख फैडरेशन से जसबीर सिंह पुन, सहसपुर से अमर सिंह कश्यप, राजेश कुमार, अशोक कुमार रतूडी, मनोज ध्यानी (राज्य आंदोलनकारी), किरण किशोर, सोहन सिंह, राकेश उनियाल* आदि बडी संख्या मे समर्थक उपस्थित रहे|