बंद बंद बंद पर व्यपारियो का गुस्सा फूट पड़ा
6 सितम्बर को भारत बंद
10 सितम्बर को फिर भारत बंद
कॉग्रेस का बंद —- दुकान बंद
बीजेपी का बंद —- दूकान बंद
गुर्जर का बंद —— दुकान बंद
जाट का बंद ——- दुकान बंद
पाटीदार का बंद — दुकान बंद
किसान का बंद — दुकान बंद
कोई भी आंदोलन हो दुकान बंद ! ये हुआ दुकान बंद , वो हुआ दुकान बंद, !
अरे हरामखोरो हम व्यापारी है
तुम्हारे घर की लुगाई नही है !
इतना दम है तो
पाकिस्तान बार्डर पर आतंकवादी की एंट्री बंद करवा दो
अपने रुतबे का फायदा उठाकर किसी गरीब की सरकारी नोकरी लगादो
अपने शहर में भ्रष्टाचार खत्म नही करेंगे बल्कि खुद भ्रस्टाचार फैलाएगा
ये शहर बंद करके कौन सा तुम्हारे बाप का भला हो रहा है जरा पब्लिक को बताने का कष्ट करें
अरे हरामखोरो ये देश की जनता को मूर्ख मत समझो इन्हें जीने दो
अरे भाइयों दुकानदार की मजबूरी समझो , वो दिनभर दुकान चालू करता है तो उसके घर का पेट पलता है !
उसको मतलब नही होता कौंन हिन्दू,कौन मुसलमान, कौन जाट, पाटीदार,गुर्जर,sc st , करनी सेना, अरे उसके लिए तो ग्राहक भगवान होता है !
बंद करना है तो बैंक, सहकारी आफिस ,कोर्ट, नगर निगम , कलेक्टर आफिस, पुलिस थाने,
संसद भवन ये बंद करें !इस देश की सबसे बड़ी समस्या यही से शुरू होती है वो है भ्रस्टाचार!
पहले इनसे लड़ो !
व्यापारी तो खुद ही मरा हुआ है
डॉलर 72 rs पर है सभी items के भाव आसमान छू रहे है !
बाजार में कॉम्पिटिशन बहुत है !
ओर ऊपर से बंद बंद बंद !