आधार – और एसे ही बहुत से कानून श्री मोदी एवं कम्पनी के कितने उपयोगी है- सी ए राजेश्वर पैन्युली
ट्राई के प्रमुखआर.एस .शर्मा एवं हैकर कानून से ऊपर हैं
दिल्ली:उत्तराखण्ड राजनीतिक स्वाभिमान मंच के संयोजक सी ए रेजेश्वर पैन्यूली ने कहा है किभारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण (ट्राई) के प्रमुख आर .एस .शर्मा ने शनिवार को ट्विटर पर अपना आधार (Aadhaar) नंबर सार्वजनिक करते हुए लोगों को चुनौती दी कि वे केवल इस जानकारी के आधार पर उन्हें नुकसान पहुंचाकर दिखाएं. इसके जवाब में कई हैकर्स ने दावा किया कि उन्होंने शर्मा द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर उनके बैंक डिटेल्स निकाल लिए हैं। इन हैकर्स ने इसको ट्विटर पर शेयर भी किया. कुछ एथिकल हैकर्स ने उनके खाते में 1 रुपये भेजने का दावा करते हुए स्क्रीनशॉट भी शेयर किए ।उन्होंने बाकायदा इसकी ट्रांजैक्शन आईडी भी शेयर की ।
बात ये नहीं है कि हैक्कर सच बोल रहा है या आर .एस . शर्मा ,बात यह है कि क्या शर्मा कानून से ऊपर हैं ।उन्होने अगर आधार नम्बर सार्वजनिक किया तो उन पर भी केस चलना चाहिए और हैक्कर पर भी कानुनी कार्यवाही होनी चाहिए।
दरअसल जो हमे लगता है ये सब नुरा कुश्ती है सरकार की।
दरअसल आधार या ऎसे बहुत से कानुन या तो बनाये गये या संसद मे विचाराधीन हैं वो सब बहुत सी खामिइयों के साथ है ये बातें अब सरकार को भी समझ मे आ रही है।
पर सरकार का सारा ध्यान सिर्फ वोट बैकं पर है ना कि जन हित पर ,कानून पर इसलिए बनाये जा रहे हैं कि वो जनता के लिए उपयोगी हों।
आधार जो सिर्फ़ इस लिए कांग्रेस द्वारा लाया गया था कि जो लोग सरकारी सुविधा का लाभ लेते हैं ,उन्हे वो सीधे मिले और गलत लोगों के हाथ मे ना जा पाए साथ ही साथ लोगों के पास एक पहचान पत्र भी हो।
पर सत्ताधारियों को तो शायद सब लोगों के डाटा चाहिए । लोगों पर कंट्रोल चाहिए । जिससे कि वो उन्हे अपने तरीके से इस्तेमाल कर सके वोट के लिये
सरकार का चाहे नोट बन्धी का कानून था वह भी फेल हुआ कई लोगों के वाजिब पैसे सरकार देने को राजी नही। देश को लाखों करोड़ का नुकसान ये ही ..
Insolvency and Bankruptcy Code, 2016
जिन मकान के खरीददारो के लिये लाया गया वही उसमे सामिल नही थे । एसा ही GST एक्ट आज तक बदलता ही जा रहा है । एसे ही बैंक को बचाने और जनता को डूुबाने का कानून संसद से ही वापस लेना पडा,और अभी बैंकों का चेक बन्द करने का कानून बनाने मे लगी है । जिससे की मास्टर कार्ड जैसी कम्पनी को लाभ हो और जनता अपने ही पैसे के लिये परेसान हो। ऐसे ही लिस्ट बहुत लम्बी है।
पर एसा क्यों हो रहा है , वो सिर्फ़ इसलिए की 2-4 भारत के बड़े उद्योगियो और मल्टिनेशनल कम्पनियो के हाथ मे भारत की अर्थव्यवस्था हो और चुनाव इतना महंगा हो जाए कि साधारण आदमी लड़ ना सके ,और गलती से कोई जीत भी गया तो सत्ताधारी उसे खरीद सकें क्योंकि आज की डेट मे तो लगभग 70-80 % पूरे भारत का चन्दा (Donation ) तो सत्ता धारियों को ही मिल रहा है । साथ साथ विदेश से जितना पैसा ये लेना चाहे उस पर कोई पूछ ताछ नही होगी एसा भी
कानून बना दिया है इस ईमानदार सरकार ने ।
लोग तो भगवान को भी पैसा इस आशा के साथ चढाते है कि कुछ बढाकर वापस देगा भगवान , फ़िर ये लोग जो चन्दा सत्ता धारीयों को दे रहे वो क्या निस्वार्थ होगा।यह विचारणीय प्रशन है आप जनहित में विचार करें।