सत्ताधारी दल भाजपा के पक्ष में ईवीएम में कथित छेड़छाड़ का आरोप लगाते हुए कांग्रेस, सपा और बसपा सदस्य आसन के समक्ष आ कर सरकार के खिलाफ नारे लगाने लगे जिसकी वजह से उप सभापति पी जे कुरियन ने 11 बज कर 23 मिनट पर बैठक को साढ़े ग्यारह बजे तक के लिए स्थगित कर दिया। विपक्ष के आरोपों को नकारते हुए सरकार ने कहा कि चुनाव आयोग स्पष्ट कर चुका है कि ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं की जा सकती और अगर किसी को आपत्ति है तो उसे सदन का समय खराब करने के बजाय चुनाव आयोग में जाना चाहिए।
बसपा नेता मायावती ने सत्तारूढ़ दल के खिलाफ एक टिप्पणी की जिस पर सत्तापक्ष ने कड़ी आपत्ति जताई। संसदीय कार्य राज्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने उनकी टिप्पणी को हार की हताशा करार देते हुए कहा कि यह टिप्पणी देश की जनता और लोकतंत्र का अपमान है। उन्होंने कहा कि खुद उत्तर प्रदेश में दो विधानसभा चुनावों में से एक बार बसपा और एक बार सपा जीती तथा दोनों चुनावों में ईवीएम का उपयोग हुआ था। तब कांग्रेस ने कोई आपत्ति नहीं जताई थी। विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद ने कहा कि कांग्रेस के शासन में ईवीएम से छेड़छाड़ नहीं हुई, यह तो अब जा कर हो रहा है। आजाद ने कहा कि चुनाव लोकतंत्र का आधार होते हैं तथा चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष, विश्वसनीय और साफ सुथरे होने चाहिए। इसके लिए समय-समय पर नियमों में संशोधन भी किया गया। पहली बार ईवीएम शक के दायरे में आई है।