राज्यपाल ने ‘गोल्डन की आशा स्कूल’ (Golden Key Asha School) का भ्रमण किया। पढ़ें सभी समाचार
*विशेष आवश्यकता वाले बच्चों से मुलाकात की और स्कूल की गतिविधियों की जानकारी ली।*
*राज्यपाल ने जवानों से मुलाकात कर उनसे संवाद किया।*
*राष्ट्रीय सुरक्षा में सेना के योगदान की सराहना की।*
*राजभवन देहरादून 30 जनवरी, 2025*
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने गुरुवार को बीरपुर में 14 इन्फैंट्री डिवीजन द्वारा संचालित ‘गोल्डन की आशा स्कूल’ (Golden Key Asha School) का भ्रमण किया। बीरपुर छावनी में विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए संचालित इस स्कूल में 50 बच्चे पढ़ रहे हैं। राज्यपाल ने भ्रमण के दौरान प्रत्येक कक्षा में जाकर बच्चों से बातचीत की और उनकी गतिविधियों एवं शिक्षण पद्धतियों की जानकारी ली। प्रधानाचार्या सामरा मिर्जा ने स्कूल द्वारा संचालित विभिन्न पहलों और कार्यक्रमों के बारे में अवगत कराया, जो गुणवत्तापूर्ण शिक्षा और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के लिए चलाए जा रहे हैं।
विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के उत्साह और सकारात्मकता से अभिभूत होकर, राज्यपाल ने विद्यालय के उत्कृष्ट प्रबंधन की सराहना की। उन्होंने प्रधानाचार्या और विशेष शिक्षकों की टीम द्वारा बच्चों के समग्र विकास के लिए किए जा रहे सराहनीय प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि इन बच्चों को आत्मनिर्भर और सम्मानजनक जीवन यापन में सहायता करने वाले सभी लोग अत्यंत पुनीत कार्य कर रहे हैं, समाज के अन्य लोगों को भी इस प्रकार के कार्यों में सहभागिता करने की आवश्यकता है। राज्यपाल ने बच्चों को मिठाइयाँ और उपहार भी दिए साथ ही स्कूल हेतु 1.25 लाख रुपये वित्तीय सहायता का चेक भी दिया।
‘गोल्डन की आशा स्कूल’ (Golden Key Asha School) के भ्रमण के पश्चात, राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने 14 इन्फैंट्री डिवीजन के जवानों और अधिकारियों से मुलाकात की और उनसे संवाद किया। उन्होंने राष्ट्र की सुरक्षा और सेवा में उनके अनुकरणीय समर्पण की सराहना करते हुए कहा कि भारतीय सेना का ‘राष्ट्र सर्वाेपरि’ का संकल्प अद्वितीय है। सैनिकों के साहस, निष्ठा और बलिदान पर पूरे देश को गर्व है।
राज्यपाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा में भारतीय सेना का योगदान अमूल्य है और आपके त्याग से ही देश की सीमाएं सुरक्षित हैं। कठिनतम परिस्थितियों में भी हमारे सैनिक मातृभूमि की रक्षा के लिए सदैव तत्पर रहते हैं। आप सभी सैनिकों का अदम्य साहस और अनुशासन प्रेरणादायक है, और आपकी सेवाएं राष्ट्र के लिए एक अमूल्य धरोहर हैं।
उन्होंने सैनिकों के समर्पण को सलाम करते हुए कहा कि उनका देश प्रेम और कर्तव्यनिष्ठा असाधारण है। चाहे कैसी भी चुनौतियां हों, वे अपने कर्तव्यों का निर्वहन पूरी निष्ठा से करते हैं। राज्यपाल ने कहा कि समूचा राष्ट्र उनकी बहादुरी और सेवा का ऋणी है, और उनकी प्रतिबद्धता से ही देश सुरक्षित और सशक्त बना हुआ है।
इस अवसर पर प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, मेजर जनरल नवीन महाजन, जीओसी, 14 डिवीजन, ब्रिगेडियर उपिंदर पाल सिंह, ब्रिगेड कमांडर 116 इन्फैंट्री ब्रिगेड, तथा अन्य सैन्य अधिकारी भी उपस्थित रहे।
*राजभवन देहरादून 27 जनवरी, 2025*
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से सोमवार को राजभवन में कैबिनेट मंत्री श्रीमती रेखा आर्या ने शिष्टाचार भेंट कर राष्ट्रीय खेलों के शुभंकर ‘‘मौली’’ की मौजदूगी में 28 जनवरी से शुरू हो रहे 38वें राष्ट्रीय खेलों के लिए औपचारिक निमंत्रण दिया।
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*राजभवन देहरादून 29 जनवरी, 2025*
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से बुधवार को राजभवन में अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह के उपराज्यपाल एडमिरल डी.के. जोशी ने शिष्टाचार भेंट की।
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*राजभवन देहरादून 29 जनवरी, 2025*
राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) ने बुधवार को भारतीय वन्यजीव संस्थान में आयोजित वन्यजीव प्रबंधन के 39वें सर्टिफिकेट कोर्स के समापन समारोह में मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए पदक विजेताओं को सम्मानित किया। यह पाठ्यक्रम भारत के विभिन्न राज्यों के रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, डिप्टी रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर और समकक्ष अधिकारियों के लिए तीन महीने का प्रशिक्षण कार्यक्रम है, जो संस्थान में आयोजित किया जाता है। ‘वन्यजीव संरक्षण गोल्ड मेडल’ सर्वश्रेष्ठ प्रशिक्षु श्रीमती बेथसेबी लालरेम्रुआती, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, मिजोरम को दिया गया। ‘सिल्वर मेडल फॉर बेस्ट ऑल राउंड वाइल्डलाइफर’ श्री उमेश, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, राजस्थान को प्रदान किया गया और ‘सिल्वर मेडल फॉर बेस्ट परफॉर्मेंस इन वाइल्डलाइफ मैनेजमेंट मॉड्यूल’ श्री राहुल उपाध्याय, रेंज फॉरेस्ट ऑफिसर, मध्य प्रदेश को प्राप्त हुआ।
इस अवसर पर उन्होंने संस्थान परिसर में पर्यावरण संरक्षण से जुड़े उत्पादों पर आधारित ‘सोविनियर शॉप’ का उद्घाटन किया। राज्यपाल ने समारोह के दौरान ‘जल खाता अभियान’ का शुभारंभ भी किया जो जल संरक्षण के प्रति लोगों को विशेषकर स्कूली बच्चों को जागरूक किए जाने के उद्देश्य से शुरू किया गया है।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने वन्यजीव संरक्षण के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि मानवता का भविष्य पर्यावरण की सुरक्षा और जैव विविधता के संतुलन पर निर्भर करता है। हमें मिलकर इन प्राकृतिक संसाधनों की रक्षा करनी होगी, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र सुनिश्चित किया जा सके।
उन्होंने उत्तराखण्ड की समृद्ध जैव विविधता पर प्रकाश डालते हुए हिम तेंदुए और बाघ संरक्षण में भारतीय वन्यजीव संस्थान के योगदान की सराहना की। उन्होंने संस्थान की अनुसंधान पहलों, विशेष रूप से संकटग्रस्त प्रजातियों की सुरक्षा, जल संरक्षण और पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखने में उनके प्रयासों की सराहना की। राज्यपाल ने कहा कि वन्यजीव संस्थान द्वारा किए जा रहे शोध और प्रशिक्षण कार्यक्रम न केवल पर्यावरण संरक्षण बल्कि राज्य की आर्थिकी को भी सुदृढ़ करने में सहायक हो सकते हैं।
कार्यक्रम में राज्यपाल ने संस्थान के सेवानिवृत्त विशिष्ट वैज्ञानिकों, श्री पी.सी. त्यागी, पूर्व पीसीसीएफ और संस्थान के पूर्व संकाय सदस्य, डॉ. एस.पी. गोयल, रिटायर्ड वैज्ञानिक और डॉ. पी.के. मलिक, रिटायर्ड वैज्ञानिक को भी सम्मानित किया। मेधावी शोधकर्ता डॉ. आकांक्षा सक्सेना, श्री गौरव पी.जे. और सुश्री स्वप्नाली गोले को भी वन्यजीव विज्ञान और संरक्षण के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता के लिए सम्मानित किया गया।
इस अवसर पर संस्थान के निदेशक श्री विरेन्द्र तिवारी ने संस्थान के क्रियाकलापों और उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी। समारोह में प्रथम महिला श्रीमती गुरमीत कौर, प्रमुख वन संरक्षण (हॉफ) उत्तराखण्ड धनंजय मोहन, प्रमुख वन संरक्षक समीर सिन्हा, संस्थान के कुलसचिव डॉ. एस सत्यकुमार, डीन डॉ. रूचि बढ़ोला सहित संस्थान के अन्य अधिकारी, वैज्ञानिक और प्रशिक्षु अधिकारी उपस्थित रहे।