कानपुर । जान की जोखिम वाला खतरनाक ब्लू व्हेल गेम भारत में अपने पैर पसार रहा है। आज उत्तर प्रदेश के हमीरपुर जिले में इसका एक और मामला सामने आया है। यहां मौदहा कस्बे के चर्च कंपाउंड में रविवार शाम करीब चार बजे जयपुरिया स्कूल के कक्षा सात के छात्र ने फांसी लगा ली। उसी स्थान पर उसका स्क्रीन टूटा हुआ मोबाइल मिला है। पिता का कहना है कि ब्लू व्हेल गेम की वजह से बेटे ने आत्महत्या की है। वहीं, पुलिस का कहना है कि मोबाइल में ब्लू व्हेल गेम नहीं मिला है। परिजनों के कहने पर शव का पोस्टमार्टम नहीं कराया गया।
नगर के चर्च कंपाउंड निवासी पार्थ सिंह (13) पुत्र विक्रम सिंह चौहान जयपुरिया स्कूल कुछेछा का कक्षा सात का छात्र था। मृतक छात्र के पिता विक्रम ने बताया कि घटना से 15 मिनट पूर्व बेटा मोबाइल में गेम खेल रहा था। उसे अपने दोस्त के जन्मदिन की पार्टी में जाना था। मां रसगुल्ले बना रही थी और वह मकान की ऊपरी मंजिल में पेंटिंग करवा रहे थे। दोपहर को उसने अपने कमरे में लगे पंखे की राड में रस्सी का फंदा डालकर आत्महत्या कर ली। बेड के ऊपर कुर्सी भी रखी मिली।
पार्थ जो मोबाइल लिए था उसकी स्क्रीन टूटी मिली है। रोते बिलखते पिता ने बताया कि कुछ दिन पहले उसके पुत्र ने ब्लू व्हेल गेम का जिक्र किया था। उससे कहा था कि वह इस गेम को न खेलें। इस गेम में धमकियां मिलतीं हैं। पिता का कहना है कि इसी गेम ने उसके पुत्र की जरूर जान ले ली। विक्रम सिंह चौहान मूलरूप से सायर गांव के रहने वाले हैं। वह बड़े काश्तकार है। कस्बे में अपने निजी मकान में रहकर बच्चे को पढ़ाते थे।