15 फरवरी को राज्य में नई विधानसभा के लिए वोट पडऩे हैं। इसीदिन शादियों का भी धूम-धड़ाका रहेगा। इससे मत प्रतिशत गिरने को लेकर नेता तो परेशान हैं ही शादी वाले भी मतदान के चलते कोई बाधा ना आए इसके लिए रिटर्निंग अधिकारी से बारात निकालने से डीजे बजाने तक की इजाजत जुटा रहे हैं। इस महीने अब 28 फरवरी तक शुभ कार्य के सात मुहूर्त हैं। इसमें 14 फरवरी यानी मतदान से एक दिन पहले अंगारा श्री गणेश चतुर्थी व्रत का मुहूर्त है। जबकि 15 को मतदान वाली तिथि में चैत्र की संक्रांति है। इसलिए इन दो तिथियों पर विवाह के साथ ही मुंडन, जनेऊ, गृहप्रवेश जैसे कई शुभ कार्य लोगों ने प्लान किए हुए हैं। ज्योतिषाचार्य डा.सुशांत राज के अनुसार दोनों दिन विशेष शुभ मुहुर्त है। विवाह समारोह की अधिकता इतनी है कि शहर के प्रमुख र्वैंडग प्वाइंट शादियों के चलते बुक हैं। पटेलनगर के ब्र्लैंसग फार्म के श्रवण शर्मा के अनुसार विवाह समारोह 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे पर आ रहा है, इसलिए अपनी शादी को खास बनाने के लिए कई युवाओं ने इस दिन को विवाह के लिए चुना है। ऐसे में 14-15 फरवरी को शादियां कुछ अधिक ही हैं। निर्वाचन आयोग से परमिशन लेकर ही बुकिंग सहस्रधारा रोड स्थित तिरुपति र्वैंडग प्वाइंट के संचालक वरुण कपूर के अनुसार उन्होंने इसी शर्त पर र्वैंडग प्वाइंट दिया है कि वधु पक्ष निर्वाचन आयोग से विवाह समारोह की लिखित परमिशन प्रस्तुत करेगा। लेकगार्डन के यशपाल सिंह के अनुसार शादी की तिथि पहले तय हुई थी। उसके बाद चुनाव घोषित हुए ऐसे में लोग चाहकर भी अपनी तारीख बदल नहीं सके। उन्होंने बताया कि इस दिन के लिए शहर के सभी र्वैंडग प्वाइंट और होटल बुक हैं। मत प्रतिशत पर पड़ेगा असर शादी-विवाह की अधिकता का असर मतदान प्रतिशत पर भी पड़ सकता है। मतदान वाले दिन परिवहन सेवाओं पर प्रशासन की रोकटोक अधिक रहती है, ऐसे में लोगों को परेशानी झेलनी पड़ सकती है। रिश्तेदारी निभाने के लिए शादी समारोह में जाने की छुट्टी मांगने वाले कर्मचारियों को बड़ी संख्या में निराश होना पड़ा है। छुट्टी कैंसल होने से परिवार का उत्साह भी ठंडा पड़ गया।
विकास के मायने सिर्फ देश का सबसे ऊंचा बांध बनाना और झील को वोटिंग के लिए खोलना ही नहीं
Thu Feb 9 , 2017
नई टिहरी । जिस विकास के लिए फलते-फूलते टिहरी शहर को जलमग्न करने के साथ ही एक समृद्ध संस्कृति को दरबदर कर दिया गया हो, वह टिहरी बांध बनने के एक दशक बाद भी दूर-दूर तक नजर नहीं आ रहा। विकास के मायने सिर्फ देश का सबसे ऊंचा बांध बनाना […]
