देहरादून। साल 2016 में विधायकों के खरीद-फरोख्त मामले पर सीबीआई ने पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत समेत अन्य पर मामला दर्ज किया तो उत्तराखंड की राजनीति में भूचाल सा आ गया। इस घटनाक्रम को लेकर कांग्रेस ने गुरूवार को सड़कों पर उतरकर आंदोलन किया और केन्द्र सरकार का पुतला फूंककर प्रदर्शन किया।
बता दें कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के स्टिंग के साढ़े तीन साल पुराने मामले में सीबीआइ द्वारा रिपोर्ट दर्ज कर लिए जाने से कांग्रेस के साथ ही उत्तराखंड की मौजूदा भाजपा सरकार भी परेशानी में घिरती नजर आ रही है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के अलावा सीबीआइ ने भाजपा सरकार के काबीना मंत्री हरक सिंह रावत के खिलाफ भी एफआइआर दर्ज की है। हरक सिंह रावत पूर्व में कांग्रेस की हरीश रावत सरकार में मंत्री थे और भाजपा में आने के बाद मार्च 2017 में उन्हें त्रिवेंद्र सिंह रावत के नेतृत्व वाली मौजूदा भाजपा सरकार में भी कैबिनेट मंत्री बनाया गया।
ताजा घटनाक्रम के बाद राजनैतिक मोर्चे पर लगातार चुनौतियों से जूझते आ रहे हरीश रावत और मौजूदा कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत के भविष्य पर सवालिया निशान लग गए हैं। सीबीआइ का शिकंजा कसने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत के लिए राहत की बात यह है कि पार्टी उनके साथ खड़ी है। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार, सीबीआइ, ईडी और आइटी का दुरुपयोग कर रही है। जो भी आवाज केंद्र सरकार के खिलाफ उठी है उसे दबाने का प्रयास किया जा रहा है। केंद्र सरकार लोकतंत्र की हत्या करने का प्रयास कर रही है। उन्हांेने कहा कि इस मामले में कांग्रेस चैन से नही बैठेगी और केन्द्र सरकार की तानाशाही का मुहतोड़ जवाब दिया जाएगा।