प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि ऐसे धार्मिक मुद्दों को बातचीत से सुलझाया जा सकता है और उन्होंने सर्वसम्मति पर पहुंचने के लिए मध्यस्थता करने की पेशकश की। पीठ में न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति एस के कौल भी शामिल हैं। पीठ ने कहा, ‘‘ये धर्म और भावनाओं से जुड़े मुद्दे हैं। ये ऐसे मुद्दे है जहां विवाद को खत्म करने के लिए सभी पक्षों को एक साथ बैठना चाहिये और सर्वसम्मति से कोई निर्णय लेना चाहिये। आप सभी साथ बैठ सकते हैं और सौहार्दपूर्ण बैठक कर सकते हैं।’’
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ‘‘सर्वसम्मति से किसी समाधान पर पहुंचने के लिए आप नये सिरे से प्रयास कर सकते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो आपको इस विवाद को खत्म करने के लिए कोई मध्यस्थ भी चुनना चाहिये। अगर दोनों पक्ष चाहते हैं कि मैं उनके द्वारा चुने गये मध्यस्थों के साथ बैठूं तो मैं इसके लिए तैयार हूं। यहां तक कि इस उद्देश्य के लिए मेरे साथी न्यायाधीशों की सेवाएं भी ली जा सकती हैं।’’ सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगर दोनों पक्ष चाहे तो वह प्रधान वार्ताकार भी नियुक्त कर सकता है।