जिलाधिकारी  की अध्यक्षता में  जनता दर्शन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनता दर्शन के साथ साथ मसूरी में कानून एवं शान्ति व्यवस्था के आदेश दिए 

Pahado Ki Goonj

 23  को  मतदान  किसान  परेशान,     डी एम दर्शन  ने  जनता कार्यक्रम का आयोजन किया  कर जनता दर्शन के साथ मसूरी में कानून एवं शांति व्यवस्था के आदेश नीचे दिए गए है

दिनांक 23 दिसंबर 2024, प्रमुख सविन बैसाख की राष्ट्रपति ऋषिपर्णा सभागार में दर्शन/जनसुनवाई कार्यक्रम का आयोजन किया गया। जनदर्शन/जनसुनवाई में आज 110 शिकायत प्राप्त हुई। अधिकांश याचिका भूमि, बंदोबस्त, अवैध कब्जे, अवैध निर्माण, वृद्ध नागरिक, एमडीडीए, लोनिवि, पुलिस से संपर्क प्राप्त हुई।
रिकॉर्ड्स में निर्देश दिए गए हैं कि जनदर्शन/जनसुनवाई में प्राप्त हो रही मिर्ज़ा का समयबधित साउदी करें, और जिन मिर्ज़ा पर जांच एवं आख्या प्रस्तुत की सामान्य जानकारी में साबिद की बिक्री करें। उन्होंने डिप्लॉयमेंट अधिकारियों को निर्देश दिया कि जनमानस की शिक्षाओं को चुनने से न लेने पर चर्चा की जाएगी।

आज आने वाले प्रत्येक शिकायत का नामांकन नामांकन कार्यालय में किया गया लेटर मॉनिटरिंग सिस्टम ऐप पर अंकित किया गया। मा0 मुख्यमंत्री द्वारा नामांकित कार्यालय के पत्र मॉनिटरिंग सिस्टम की घोषणा के बारे में जानकारी ब्याज, जिससे जनमानस को अपने शेयरधारकों के सौर ऊर्जा भटकना न ही पढेगा।

वृद्ध नागरिकों एवं महिलाओं की याचिका पर पुनर्विचार करने के लिए वकीलों ने निर्देशित किया। वहीं बुजुर्गों की ओर से जारी की गई शिकायत में पुलिस अधिकारियों को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं और पुलिस विभाग के वरिष्ठ नागरिक सेल पर भी कार्रवाई के आदेश दिए गए हैं। जनदर्शन कार्यक्रम में सचिवालय की भूमि पर अवैध कब्जा करने की शिकायत पर यूपी स्टालिन विकासनगर को कार्यवाही के निर्देश दिए गए हैं। ग्राम पंचायत छरबा की भूमि पर अवैध कब्जे की शिकायत उपयोजना अधिकारी विकासनगर को जांच कर हटाने के निर्देश दिए गए हैं।
बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अभिनव शाह, अपर डिवीजनल जयभारत सिंह, के.के. मिश्रा, अपर नगर आयुक्त बीर सिंह बुदियाल, निदेशक ग्राम्य विकास अभियंता विक्रम सिंह, जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार सहित लोनिवि, स्वास्थ्य, एमडीडीए, विद्युत, सिंचाई, पुलिस आदि शामिल हैं। समस्त विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे।
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: नामांकन प्रमाणपत्र के निर्देशन में आज दिनांक 23/12/2024 को भिक्षावृत्ति में एक बालक को पटेल नगर से भिक्षावृत्ति रिवायत टीम द्वारा बच्चों को सम्मानित किया गया कि जीडी एवं मेडिकल करवाकर बाल कल्याण समिति के सम्मिलन में बालक को प्रस्तुति दी गई ( खुला आश्रय) रखावाया गया।

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सुशासन सप्ताह के अंतर्गत “प्रशासन ग्राम की ओर” एक दिवसीय छात्रावास का आयोजन किया गया

विश्विद्यालय: मेमोरियल सविन बैसाख के विचारधारा में आज ऋषिपर्णा सभागार में सुशासन सप्ताह के अंतर्गत “प्रशासन ग्राम की ओर” अभियान के तहत एक दिव्य विश्विद्यालय का आयोजन किया गया।
उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी अपलोड करने के निर्देश दिए।
आयोजित कार्यक्रम में आयोजित कार्यक्रम के निदेशक विक्रम सिंह एवं जिला विकास अधिकारी सुनील कुमार ने जिले में आयोजित कार्यक्रम का विस्तार डेक्स से जानकारी देते हुए कार्यक्रम को बेहतर स्वरूप प्रदान करने की सलाह दी।

कार्यशाला में संबंधित संबद्धता से जुड़े अद्यतन जानकारी साझा की गई। इस अवसर पर विभिन्न स्थानों के नामित अधिकारियों को श्रमिकों तक प्रभावशाली रूप से नामांकन पर विचार-विमर्श किया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में सुशासन सुरक्षा और शौचालयों को अधिक आसानी से बनाया जाना चाहिए।
वर्कशॉप में यह भी बताया गया है कि वर्कशॉप को और अधिक मजबूत और प्रभावशाली बनाने में सफलता का दायित्व सौंपा गया।
इस अवसर पर जिले के जिला स्तरीय वैज्ञानिक अधिकारी सहित संबंधित विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।

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 मसूरी में क्रिसमस, नववर्ष और शीतकालीन पर्यटन के दौरान भारी बारिश के बीच भारी आमद के दृश्य, कानून और शांति व्यवस्था के साथ-साथ व्यवस्था व्यवस्था के साथ भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163(1) के तहत जिला प्रशासन के आदेश

फ्लेक्स (जार्ज एलीफ रिस्टोर रोड), बस्साघाट एवं कुथलगेट पर स्केल और किंक्रेग पर स्थायी रूप से सेटेलाइट स्टिक विकसित करने और निर्मित वुडलैंड को वाहनवार विभक्त करते हुए चित्रित करने का दायित्व अधि0अभि0 प्रा0ख0 लो0नि0वि0, आर0टी0ओ0 (इ), अधि0अधि0 न0पा0प0 मसूरी, जिला विकास पर्यटन अधिकारी को ।

मसूरी के आर्किट स्थल पर व्यवस्था, समुदाय को पदजमतबामचज कर स्टेक प्लेस पर डायवर्ट हुक्म और क्रमवार यात्रियों के समुदाय को बिना माइन ऑपरेशन का दायित्व पुलिस कप्तान (यातायत) और क्षेत्र के पदाधिकारी मसूरी को।

स्थापत्य स्थलों का संचालन, प्रकाश व्यवस्था, मोबाइल टाइलों की व्यवस्था, सुनिश्चित सुनिश्चित की जाए, जिससे कि किसी भी स्थिति में कानून और शांति व्यवस्था बाधित न हो।

शटल सेवा के माध्यम से लाईब्रेरी एवं पिक्चरपैलेस तक आने वाले यात्रियों की पर्याप्त मात्रा में कैरिकेचर एवं गोल्फ कार्ट की व्यवस्था करने की व्यवस्था करने के लिए ब्यूली अधिकारी नगर पैलेस मसूरी एवं अपर नगर कमिश्नर नगर निगम को

शटल सेवा बूथ का संचालन, पर्याप्त मात्रा में शटल उपलब्ध है और शटल सेवा उपलब्ध कराने वाले सेवा प्रदाता को नियंत्रक का दायित्व सहायक परिवहन अधिकारी को प्रदान करना है।

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वर्कशॉप, 23 दिसंबर 
मसूरी में कानून एवं शांति व्यवस्था के साथ-साथ वर्चुअल व्यवस्था के साथ बनाए रखना एवं आम जनता, आगंतुकों एवं टीवी की सुविधा को स्थायी उपाय के रूप में देखते हुए भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163(1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग प्रभावित प्रभाव से ऑर्डर जारी किए गए हैं।
फ्लेक्स (जार्ज एवरेस्ट रेस्टॉरेंट रोड), ज़ार्ज एवरेस्ट रेस्टॉरेंट रोड), ज़ार्ज एवरेस्ट स्टोर्स रोड, किन्क्रेग पर स्थायी रूप से सेटेलाइट स्टिक विकसित करने और निर्मित विक्रय स्थल को वाहनवार विभक्त करने के लिए चित्रांकन किया गया और वर्टिकल प्लेस को वाहनवार विभक्तों द्वारा दर्शाया गया। (इ), अधि0अधि0 न0पा0प0 मसूरी, जिला पर्यटन विकास अधिकारी, वकील, पुलिस अधीक्षक निदेशालय, पुलिस कप्तान नगर, वकील का होगा।
संयुक्त परिवहन अधिकारी (परिवर्तन), कार्गो द्वारा शटल सेवा के माध्यम से आने वाले यात्रियों की संख्या एवं शटल सेवा प्रदाताओं द्वारा फेरे के दौरान परिवहन के दौरान यात्रियों की संख्या का दायरा भी रखा जाएगा। साथ ही, शटल सेवा बूथ का संचालन, पर्याप्त मात्रा में शटल उपलब्ध कराए गए और शटल सेवा प्रदान करने वाले शटल सेवा प्रदाताओं को भी उनकी देनदारी नियंत्रित करनी होगी।
पुलिस अधीक्षक (यातायात) एवं क्षेत्र अधिकारी, मसूरी के स्थापत्य स्थलों पर व्यवस्था कायम रखना, आदेशानुसार यात्रियों के सहयोग को बिना अनुमति के संचालन का दायित्व देना होगा।
अभिलेखीय क्रमबद्ध इकाइयाँ और आवश्यक व्यवस्थाएँ जैसे कि तीर्थस्थलों का संचालन, प्रकाश व्यवस्था, मोबाइल टाइल्स, सुपीरियर सुनिश्चत की जाए, जिससे कि किसी भी स्थिति में कानून और शांति व्यवस्था बाधित न हो। शटल सेवा के माध्यम से लाईब्रेरी एवं पिक्चरपेलेस तक आने वाले यात्रियों की पर्याप्त मात्रा में जीप एवं गोल्फ कार्ट की व्यवस्था करने की व्यवस्था करने का दायित्व अधिकारी नगर पैलेस मसूरी एवं अपर नगर कमिश्नर नगर निगम निगम का होगा।
पुलिस अधीक्षक (नगर) फ़्लोरिडा फ़्लोरिडा की सुरक्षा एवं ट्रैफ़िक व्यवस्था के फ़्रिज के रूप में संचालन के लिए अपने स्तर से सुनिश्चित करें। आदेश का उल्लंघन करने पर भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई की जा रही है। यह आदेश दिनांक 20.01.2025 से प्रभावी होगा।

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 मसूरी में पहली बार शीतकालीन यात्रा व्यवस्था लागू अधिकारियों की जिम्मेदारी तय

मसूरी में शीतकालीन यात्रा व्यवस्था की जिम्मेदारी शिक्षकों ने तय की

मसूरी यात्रा व्यवस्था में पुराने जमाने का उल्लंघन करने पर होगी विधिक कार्यवाही

मसूरी में पहली बार लागू हुआ प्रभावशाली यात्रा प्लान, मर्चेंडाइज ने तय की जिम्मेदारी

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राष्ट्रीय खेल: पांच खेलों के लिए पंजीकरण प्रणाली तय*

*राज्य खेल संघों को तीन से लेकर 13 जनवरी 25 तक तीन चरणों में करनी है प्रविष्टि*

*हैंडबाॅल, ताइक्वांडो, वाॅलीबाॅल जैसे खेलों के लिए हुआ निर्णय*

*एनएसएफ, एसओए, यूटीओए, एसएससीबी को भेजा गया पत्र*

38 वें राष्ट्रीय खेलों के अंतर्गत पांच खेलों के लिए पंजीकरण प्रणाली तय कर ली गई है। गेम्स टेक्निकल कंडक्ट कमेटी (जीटीसीसी) ने इस संबंध में निर्णय ले लिया है। पंजीकरण प्रणाली को तय करते हुए जीटीसीसी ने राज्य खेल संघों के लिए प्रविष्टि की अंतिम तिथि भी तय कर दी है। राज्य खेल संघों को तीन चरणों में तीन से 13 जनवरी तक प्रविष्टि सुनिश्चित करनी होगी। जिन खेलों के लिए पंजीकरण प्रणाली तय की गई है, उसमें हैंडबाॅल, बीच हैंडबाॅल, ताइक्वांडो, वाॅलीबाॅल और बीच वाॅलीबाॅल शामिल हैं।

जीटीसीसी चेयरपर्सन सुनैना कुमारी ने इस संबंध में एनएसएफ, एसओए, यूटीओए, एसएससीबी के अध्यक्ष, सचिव व कोषाध्यक्षों को पत्र भेजा है। उत्तराखंड ओलंपिक संघ के महासचिव डा डीके सिंह के अनुसार इन खेलों के संबंध में राष्ट्रीय स्तर पर सहमति बनाने की आवश्यकता थी। अब इस पर जीटीसीसी के स्तर पर निर्णय ले लिया गया है।

*पंजीकरण प्रणाली के अंतर्गत निर्धारित बिंदु*
1-राष्ट्रीय खेल महासंघ अपने संबंधित खेलों के दिशा निर्देशों के अनुसार योग्य एथलीटों के नाम संबंधित राज्य खेल संघों को प्रदान करेंगे। एनएसएफ खेल सूची को संबंधित राज्य खेल संघों के साथ साझा करेगें।

2-हैंडबाॅल और बीच हैंडबाॅल खेल के लिए वर्ष 2023 में गोवा में आयोजित 37 वें राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाली शीर्ष सात टीमों को उत्तराखंड में 38 वें राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा।

3-ताइक्वांडो खेल में एथलीटों का चयन आईओसी/जीटीसीसी द्वारा नियुक्त चयन समिति के तहत देहरादून में आयोजित किया जाएगा। ये चयन सभी ताइक्वांडो एथलीटों के लिए खुले रहेंगे। व्यक्तिगत स्पर्धाओं के लिए प्रत्येक भार वर्ग में शीर्ष एथलीट (पुरूष व महिला) अपने-अपने राज्यों का प्रतिनिधित्व करने के लिए पात्र होंगे। टीम स्पर्धाओं में चयन समिति टीमों की रैंकिंग घोषित करेगी और शीर्ष आठ टीमें (पुरूष व महिला), जिनमें से प्रत्येक में तीन एथलीट होंग, पात्र होंगे। मिश्रित जोड़ी स्पर्धा के लिए, चयन समिति शीर्ष आठ जोड़ियां की सूची घोषित करेगी, जो भाग लेने के पात्र होंगे। इन परीक्षणों में योग्य एथलीटों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए मानकीकृत और पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।

4-वाॅलीबाॅल और बीच वाॅलीबाॅल टीमों के लिए 2022 में अहमदाबाद, गुजरात में आयोजित 36वें राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने वाली राज्य टीमों (गुजरात को छोड़कर) को उत्तराखंड में 38वें राष्ट्रीय खेलों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया जाएगा। राज्य ओलंपिक संघों और संबंधित राज्य वॉलीबॉल संघों को वॉलीबॉल और बीच वॉलीबॉल के लिए टीम चयन परीक्षण आयोजित करने का अधिकार है। इन परीक्षणों में योग्य एथलीटों का उचित प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करने के लिए मानकीकृत और पारदर्शी प्रक्रियाओं का पालन करना होगा।

*सरकार की पैनी नजर, तैयारियों में तेजी*
38 वें राष्ट्रीय खेलों की तैयारियों पर राज्य सरकार की पैनी निगाह है। तैयारियों ने गति पकड़ ली है। राष्ट्रीय खेल सचिवालय युद्धस्तर की तैयारी में जुटा है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का कहना है कि राष्ट्रीय खेलों की तैयारी चरणबद्ध ढंग से आगे बढ़ रही है। राज्य सरकार पहली बार उत्तराखंड में आयोजित हो रहे राष्ट्रीय खेलों के भव्य आयोजन के लिए प्रतिबद्ध है।

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*मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य में गोबर धन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन हेतु पेयजल, पशुपालन, उरेडा, डेयरी, कृषि विभाग की जिम्मेदारी तय की*

राज्य में ग्रामीण रोजगार एवं किसानों की आय को बढ़ावा देने के साथ ही स्वच्छ ऊर्जा को प्रोत्साहित करने को लेकर मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने भारत सरकार की अम्ब्रेला स्कीम गोबर धन योजना के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए पेयजल, पशुपालन, उरेडा, डेयरी, कृषि विभाग को जिम्मेदारी तय करते हुए कार्य योजना पर समन्वयित प्रयासों से कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

सीएस श्रीमती राधा रतूडी ने पेयजल विभाग को गोबर धन योजना के सफल संचालन के लिए प्रभावी कार्ययोजना के अध्ययन के निर्देश दिए हैं। उन्होंने डेयरी विकास विभाग के तहत प्रस्तावित बायोगैस योजनाओं के समयबद्धता एवं गुणवत्तापूर्ण क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने बायो गैस संयत्रों हेतु गोबर, अन्न आदि स्थानीय किसानो से खरीदने के निर्देश दिए हैं | डेयरी विकास के तहत गढवाल दुग्ध संघ (श्रीनगर) द्वारा 400 किलो बायोगैस प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो गैस संयंत्र संयुक्त उद्यम मॉडल पर स्थापित किया जा रहा है। संयुक्त उद्यम हेतु प्राइवेट उद्यमी का चयन किया जा चुका है। गोबर का उपार्जन तथा प्लांट का संचालन प्राइवेट पाटर्नर द्वारा किया जाएगा। यहां पर 400 किग्रा० बायोगैस प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायोगैस संयंत्र, 1000 किग्रा० प्रतिदिन क्षमता की बायोपेन्ट इकाई एवं 3000 किग्रा प्रतिदिन उत्पादन क्षमता की जैविक खाद इकाई स्थापित की जा रही है। संयंत्र के संचालन हेतु प्रतिदिन 4 हजार किग्रा० गोबर तथा लगभग 3 हजार किग्रा० बायोमास की आवश्यकता होगी।श्रीनगर से 25 किलोमीटर के दायरे में लगभग 29 दुग्ध समितियां एवं 2 गौशालायें स्थित हैं जिसक अंतर्गत लगभग 150 सदस्य एवं 400 पशु आच्छादित करते हुए बायोगैस संयंत्र हेतु लगभग 4000 किग्रा० गोबर क्रय किया जायेगा। बायोगैस सयंत्र हेतु आवश्यक अतिरिक्त कच्चे माल की उपलब्धता बायोमास के द्वारा सुनिश्चित की जायेगी। प्लांट संचालन के उपरान्त उत्पादित बायोगैस का उपयोग दुग्ध प्रसंस्करण तथा बेकरी उत्पाद हेतु किया जायेगा। बायोगैस के अतिरिक्त लगभग 3 मीट्रिक टन जैविक खाद एवं आवश्यकता अनुसार बायो पेंट का उत्पादन किया जायेगा। बायोगैस सयंत्र पर गोबर पहुंचाने पर किसानों से रू० 02.00 प्रति किग्रा की दर से गोबर क्रय किया जायेगा तथा गांव / समिति स्तर परं एग्रीगेशन पॉइंट में गोबर क्रय की दर रू० 01.00 प्रति किग्रा होगी।

 

इसके साथ ही आँचल पशुआहार निर्माणशाला रूद्रपुर के तहत 1000 किलों बायो सीएनजी प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो गैस संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। इस प्लान्ट की स्थापना एवं संचालन का कार्य BOT मॉडल में प्रस्तावित किया जा रहा है। गोबर गैस संयंत्र की स्थापना प्राईवेट पाटर्नर द्वारा की जायेगी तथा निर्धारित अवधि में संचालन के उपरान्त यू०सी०डी०एफ०. को हस्तान्तरित किया जायेगा। पशुआहार निर्माणशाला में डेरी विकास विभाग के नाम से कुल 04.85 हेक्टेयर भूमि आवंटित है जिसमें से वर्तमान में 01.60 हैक्टेयर भूमि अनुपयोगी है। प्लान्ट की स्थापना हेतु लगभग 1.5 एकड भूमि की आवश्यकता होगी जिसके लिये उक्त अनुपयोगी भूमि का उपयोग किया जायेगा। सम्बन्धित भूमि पर 1000 किग्रा० बायो सी०एन०जी० प्रतिदिन उत्पादन क्षमता का बायो सी०एन०जी० संयन्त्र, 5000 किग्रा० प्रतिदिन क्षमता की पेन्ट इकाई एवं 30000 किग्रा० प्रति दिन क्षमता की एक जैविक खाद (PROM) इकाई स्थापित की जायेगी।इस संयंत्र के संचालन हेतु प्रतिदिन 25 हजार किग्रा गोबर तथा लगभग 15 हजार किग्रा बायोमास की आवश्यकता होगी। बायो सी०एन०जी० संयंत्र रुद्रपुर से 30 किलोमीटर के दायरे में लगभग 3225 पशु अाच्छादित करते हुए लगभग 32000 किग्रा०/दिन गोबर क्रय किया जायेगा। बायो सी०एन०जी० के अतिरिक्त लगभग 24 मीट्रिक टन PROM एवं आवश्यकता अनुसार बायो पेट क उत्पादन किया जायेगा। गोबर की उपलब्धता हेतु दुग्ध मार्गो पर स्थित दुग्ध समितियों अथवा अन्य दुग्ध उत्पादकों से गीबर क्रय किया जायेगा। बायो सी०एन०जी० सयंत्र पर गोबर पहुंचाने पर किसानो से रू0 2 प्रति किग्रा की दर से गोबर क्रय किया जायेगा तथा गांव/समिति स्तर पर एग्रीगेशन पॉइंट में गोबर क्रय की दर रू० 01.00 प्रति किग्रा होगी। बायो सी०एन०जी० सयंत्र हेतु अतरिक्त कच्चे माल की आवश्यकता बायोमास के द्वारा पूर्ति की जायेगी।

बैठक मे भविष्य में बायोगैस योजनाओ के विषय मे जानकारी दी गई कि व्यक्तिगत बायोगैस संयंत्र योजनान्तर्गत चयनित लाभार्थियों को 02 घन मी क्षमता के व्यक्तिगत बायो गैस संयन्त्र स्थापित कराये जायेगे। कच्चे माल के रूप में लगभग 40 से 50 किग्रा० गोबर की प्रतिदिन आवश्यकता होगी जो 4 से 5 पशुओं से प्राप्त हो सकेगा। प्लांट से उत्पन्न होने वाली बायो गैस को लाभार्थी घरेलू एल०पी०जी० के विकल्प के रूप में उपयोग करेंगे। प्रस्तावित प्लान्ट हेतु लगभग रू0 50 हजार की आवश्यकता आंकलित की गयी जिसमे लगभग रु० 17 हजार एन०डी०डी०बी से अनुदान के रूप में प्राप्त होगा तथा अवशेष धनराशि CSR/ राज्य सहायता एवं सम्बन्धित लाभार्थियों द्वारा वहन की जायेगी।सार्वजनिक एवं संयुक्त बायोगैस संयन्त्र योजना के तहत क्लस्टर आधारित 25 एवं 40-50 घन मी ० श्रमता के सार्वजनिक बायो गैस सयंत्र स्थापित कराये जायेंगे जिसमे क्रमशः 10-15 एवं 20-25 परिवारों का समूह मिलकर कार्य करेगें। कच्चे माल के रूप में क्रमशः लगभग 600 किग्रा० एवं 1200 किग्रा० गोबर की प्रतिदिन आवश्यकता होगी जो 60-120 पशुओं से प्राप्त हो सकेगा।
उत्पन्न बायो गैस का सम्बन्धित लाभार्थियों द्वारा घरेलू एल०पी०जी० के विकल्प के रूप में उपयोग करेंगे। 25 घन मी० क्षमता के प्रस्तावित प्लान्ट एवं पाईप लाईन इत्यादि की स्थापना हेतु लगभग 3.50 लाख रुपये एवं 40-50 घन मी० क्षमता के प्रस्तावित प्लान्ट हेतु लगभग रू0 7.00 लाख की आवश्यकता आंकलित की गयी जिसमें कमशः रू0 70400 एवं रू0 2.0 लाख एन०डी०डी०बी से अनुदान के रूप में प्राप्त होगे तथा अवशेष धनराशि CSR/ राज्य सहायता एवं सम्बन्धित लाभार्थियों द्वारा वहन की जायेगी।

 

बैठक में सचिव डॉ. बी वी आर सी पुरुषोत्तम सहित पेयजल, पशुपालन, डेयरी, उरेडा एवं कृषि विभाग के अधिकारी मौजूद रहे |

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 मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने ओल्ड गुरूकुल कांगड़ी में अमरहुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द जी महाराज के 99वे बलिदान दिवस पर आयोजित राष्ट्रभक्त महायज्ञ में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वामी श्रद्धानंद ने देश की समता के लिए जो प्रयास और संघर्ष किया, वह स्मरण करने का दिन भी है। स्वामी श्रद्धानंद महाराज ने 20वीं सदी के प्रारंभ में भारत में स्वतंत्रता और वैदिक शिक्षा का एक ऐसा आंदोलन खड़ा किया था, जिसने कट्टरपंथियों की ओर अंग्रेजों की नींव हिलाने का काम किया था। स्वामी श्रद्धानन्द जी के विचारों से प्रभावित होकर, हजारों की संख्या में दूसरे धर्म के लोगों ने पुनः सनातन को अपनाया था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धानंद महाराज ने 1902 में हरिद्वार की पवित्र धरती पर गुरुकुल रूपी बीजरोपित किया था, जो आज एक विशाल वट वृक्ष बनकर पूरी दुनिया को वैदिक शिक्षा का प्रकाश एवं शिक्षा देने का काम कर रहा है। यह विश्वविद्यालय न केवल शिक्षा का केंद्र है बल्कि राष्ट्र निर्माण और वैदिक संस्कृति के प्रचार प्रसार का भी एक मजबूत स्तंभ है। इस विश्वविद्यालय की शिक्षा प्रणाली में जहां एक ओर गौतम, कपिल, कणाद, जैमिनी आदि ऋषियों के जीवन दर्शन का पूरा समावेश है, वहीं दूसरी ओर राष्ट्रवाद की भावना का तत्व भी विद्यमान है। इसी विश्वविद्यालय से हजारों शिक्षार्थियों ने विश्व बन्धुत्व का भाव लेकर शिक्षा धर्म और समाज सेवा के क्षेत्र में एक वैश्विक पहचान स्थापित की है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश कुटुंबकम की भावना से एक पृथ्वी-एक परिवार और एक भविष्य की अवधारणा को वैश्विक मंचों पर साकार कर रहा है। आज भारत की हर उस बात को जो दुनिया के हित में है, मानवता के हित में है, जो प्रधानमंत्री के द्वारा आगे बढ़ाया जा रहा है, उन्हें पूरी दुनिया अपना रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में कोरोना काल में 100 से भी अधिक देशों को हमारी सरकार ने कोविड वैक्सीन उपलब्ध कराने का काम किया था। योग एवं आयुर्वेद को वैश्विक स्तर पर ले जाने, मानवता के एक सूत्र में पिरौने का कार्य प्रधानमंत्री ने किया है। उन्होंने कहा कि प्रधामंत्री के मार्गदर्शन, सहयोग से राज्य सरकार भी प्रदेश में सनातन संस्कृति के उन्नयन, संरक्षण, संवर्धन के लिए लगातार संकल्पित होकर कार्य कर रही है। केदारनाथ के पुनर्निर्माण, बद्रीनाथ धाम का मास्टर प्लान पर तेजी से कार्य हुए हैं। मानसखंड मंदिर माला मिशन पर कार्य किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने दून विश्वविद्यालय में सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज़ की पढ़ाई प्रारम्भ करने का निर्णय लिया है। जिसमें अनेक प्रकार के शोध और अनुसंधान के कार्य होंगे। इस केंद्र में हिंदू सभ्यता और संस्कृति से जुड़े हुए विभिन्न विषयों पर शिक्षण और शोध के कार्य के साथ अन्य नवाचार के कार्यों को भी आगे बढ़ाया जाएगा। उन्होंने कहा कि हम सब मिलकर सनातन संस्कृति के संवर्धन एवं वैदिक शिक्षा के प्रचार प्रसार के माध्यम से भारत को फिर से पुनःविश्व गुरू बनाने में अवश्य सफल होंगे।

इस अवसर पर केन्द्रीय जल शक्ति मंत्री सीआर पाटिल, सांसद त्रिवेन्द्र सिंह रावत, कुलाधिपति सत्यपाल मलिक, विधायक प्रदीप बत्रा, जिला पंचायत अध्यक्ष किरण चौधरी, पूर्व विधायक स्वामी यतीश्वरानंद, कुवंर प्रणव चौम्पियन, संजय गुप्ता, विवेक ऑबराय, योगानंद शास्त्री, जिलाधिकारी कर्मेन्द्र सिंह, एसएसपी प्रमेन्द्र डोबाल उपस्थित थे।

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सागर गौरव दिवस” कार्यक्रम में सम्मिलित होने से पहले भोपाल (मध्यप्रदेश) में माननीय मुख्यमंत्री श्री Dr Mohan Yadav जी से भेंट की।*

*इस अवसर पर राज्य के विकास, आपसी सहयोग और सांस्कृतिक संबंधों को मजबूत करने पर विचार-विमर्श हुआ। दोनों राज्यों के बीच साझेदारी को नई दिशा देने के लिए हम मिलकर काम करेंगे। यह सहयोग हमारे साझा विकास और समृद्धि के लिए महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा।*

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सागर गौरव दिवस कार्यक्रम में सम्मिलित होने के लिए भोपाल, मध्यप्रदेश पहुंचने पर माननीय उप मुख्यमंत्री श्री Rajendra Shukla जी, भाजपा कार्यकर्ताओं एवं प्रवासी उत्तराखंडी भाई-बहनों ने स्वागत व अभिनंदन किया।*

*इस आत्मीय स्वागत हेतु आप सभी का सहृदय आभार!*

https://www.facebook.com/share/p/eqhbguWRhP75kmxb/

 

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*मुख्यमंत्री ने स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी का भावपूर्ण स्मरण कर अर्पित की श्रद्धांजलि*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी का उनकी जयन्ती पर भावपूर्ण स्मरण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पृथक उत्तराखंड राज्य निर्माण आन्दोलन में स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उत्तराखंड राज्य आन्दोलन में उनके सक्रिय सहयोग को सदैव याद रखा जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि स्वर्गीय इंद्रमणि बड़ोनी 1994 के राज्य आंदोलन के सूत्रधार रहे। वे देवभूमि के संस्कारों के अग्रदूत व पहाड़ के सच्चे हितैषी थे। पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिये उनकी संकल्पनाओं एवं राज्य निर्माण के संघर्ष में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता। मुख्यमंत्री ने कहा कि स्व. बड़ोनी जी की जयन्ती का अवसर हमें उत्तराखण्ड को विकसित एवं अग्रणी राज्य बनाने की भी प्रेरणा देता है।

 

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: मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के साथ संजय ड्राइव, सागर, मध्य प्रदेश में आयोजित लाखा बंजारा लेक रिजुवनेशन एण्ड लेक फ्रन्ट डेवलेपमेंट प्रोजेक्ट लोकार्पण कार्यक्रम में प्रतिभाग किया।

मुख्यमंत्री ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार को एक वर्ष पूर्ण करने पर हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि वे मध्य प्रदेश की पवित्र भूमि में जन्म लेकर प्रधानमंत्री पद तक पहुंचने वाले भारत रत्न, स्वर्गीय श्री अटल बिहारी वाजपेयी को कोटि-कोटि नमन करते हैं। मुख्यमंत्री ने कहा लाखा बंजारा झील के पुनर्निर्माण के लोकार्पण कार्यक्रम में सम्मिलित होने पर उनके मन में सागर में बिताए गए अपने बचपन के दिनों की यादें पुनः ताजा हो गई। सागर क्षेत्र की अनेक स्मृतियां उनके मन मस्तिष्क में हैं। इन सालों में मध्य प्रदेश और सागर क्षेत्र ने विकास की नई ऊंचाइयों को छूआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सागर क्षेत्र उनके जीवन का अविष्मरणीय हिस्सा है। उनके स्वर्गीय पिताजी महार रेजिमेंट में थे। उस दौरान उनकी पोस्टिंग सागर में हुआ करती थी। उन्हीं दिनों उन्होंने अपने छात्र जीवन के कई महत्वपूर्ण वर्ष सागर में बिताए। उन्होंने कहा सागर की भूमि और यहां के लोग के प्रति उनके मन में सम्मान है। यहाँ की प्रत्येक गली, रास्ता और झील उनकी स्मृतियों में हमेशा जीवंत रहती है। सागर की पुण्यभूमि ने उन्हें संस्कार, जीवन में नई दृष्टि और प्रेरणा प्रदान की है। मुख्यमंत्री ने कहा सागर की भूमि ने उनके जीवन में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है। इस भूमि से उनका रिश्ता सदा अटूट रहेगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्य प्रदेश सरकार द्वारा सागर क्षेत्र का कायाकल्प किया गया है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सरकार ने अपने पहले वर्ष में मध्यप्रदेश के उज्ज्वल भविष्य की मजबूत नींव स्थापित की है। वो बहुत सहजता से कार्य करते हैं। उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि आगामी चार वर्षों में डॉ. मोहन यादव और उनकी सरकार मध्य प्रदेश को तेज गति से आगे बढ़ाएंगे। उन्होंने कहा डबल इंजन सरकारें देशभर में विकास की गति को लगातार आगे बढ़ा रही है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में पूरे देश में उनकी सरकार को भारी जनसमर्थन मिल रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के मार्गदर्शन में भारत को 2047 तक विकसित राष्ट्र बनाने के संकल्प के सभी राज्य आगे बढ़ रहे हैं। जिसमें हम सभी ने अपना योगदान देना है। प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में महाकाल लोक के साथ केदारनाथ धाम का भव्य और दिव्य निर्माण कार्य किया गया है। देवभूमि उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता विधेयक को मंजूरी दे दी है। समान नागरिक की गंगा देवभूमि से ही संपूर्ण देश में जायेगी। उत्तराखंड संपूर्ण भारत के नागरिकों के लिए आस्था, विश्वास और संस्कृति का पवित्र केंद्र है। राज्य में जबरन धर्मांतरण के खिलाफ कठोर कानून लागू किया गया है। उन्होंने कहा हमारी सरकार का संकल्प है कि देवभूमि उत्तराखंड का मूल स्वरूप हमेशा बना रहना चाहिए। ये सभी कार्य हमारी सांस्कृतिक विरासत को सशक्त बनाने के साथ-साथ भारतीय संस्कृति की पहचान को वैश्विक मंच पर और अधिक मजबूती प्रदान करने में सहायक होंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश में आज विकास की चर्चा हो रही है। प्रधानमंत्री श्री मोदी के सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के मूलमंत्र को ध्येय मानकर डबल इंजन की सरकारें प्रत्येक क्षेत्र में विकास के नये आयाम प्राप्त कर रही है।

इस अवसर पर मध्यप्रदेश विधानसभा अध्यक्ष श्री नरेंद्र सिंह तोमर, उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल कैबिनेट मंत्री श्री गोविंद सिंह राजपूत सहित अन्य जनप्रतिनिधि उपस्थित रहे।

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मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलों से NCORD बैठकों की रिपोर्ट तलब की*

*नियमित NCORD बैठकें आयोजित ना करने वाले जिलाधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी*

 

*मेडिकल स्टोर को लगाने होंगे अनिवार्यतः सीसीटीवी तथा रिकाॅर्ड के डिजिटाइजेश भी जरूरी, दवाइयों का नशे के रूप में दुरूपयोग पर सीएसी सख्त*

*सम्बन्धित विभाग तथा जिलाधिकारियों को नशा मुक्ति केन्द्रो के लिए अलग से बजट मद सृजित करने के निर्देश*

 

*ड्रग्स फ्री कैम्पस के लिए निजी क्षेत्र, एनजीओ व सामाजिक संस्थानों के साथ एमओयू की योजना*

सभी जिलों से (Narco Coordination Center ) NCORD बैठकों की रिपोर्ट तलब करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर, चमोली एव चम्पावत जनपदों द्वारा इस वर्ष एक भी जिला स्तरीय NCORD की बैठक आयोजित ना किए जाने पर सख्त नाराजगी जाहिर करते हुए सम्बन्धित जिलाधिकारियों को कड़ी फटकार लगाते हुए सचिव गृह को इस सम्बन्ध में तत्काल पत्र प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने भविष्य में इस प्रकार की लापरवाही पर उत्तरदायी अधिकारियों की एसीआर में प्रतिकूल प्रविष्टि की चेतावनी भी दी है। मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों को NCORD की जिला स्तरीय बैठक माह में एक बार अनिवार्य रूप से आयोजित करने की कड़ी हिदायत दी है। मेडिकल स्टोर पर दवाइयों का नशे के रूप में दुरूपयोग पर सख्त माॅनिटरिंग को लेकर सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने महानिदेशक स्वास्थ्य को सभी मेडिकल स्टोर पर अनिवार्यतः सीसीटीवी लगवाने तथा रिकाॅर्ड के डिजिटाइजेश हेतु निर्देश दिए हैं।

सचिवालय में स्टेट लेवल नारकोटिक्स को-आर्डिनेशन मीटिंग (NCORD ) में मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने तत्काल सम्बन्धित विभाग तथा जिलाधिकारियों को नशा मुक्ति केन्द्रो के लिए अलग से बजट मद सृजित करने के निर्देश भी दिए हैं। उन्होंने जिलाधिकारियों को प्रत्येक जिले में एक-एक नशा मुक्ति केन्द्र अनिवार्यतः स्थापित करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही मुख्य सचिव ने सरकारी शिक्षण संस्थानों की भांति ही निजी स्कूलों, काॅलेजों एवं विश्वविद्यालयों में एंटी ड्रग्स कमेटी अनिवार्यतः गठित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने एण्टी ड्रग्स ई प्लज ( Anti Drug E pledge ) को भी जन अभियान के रूप में चलाने के निर्देश दिए हैं। उत्तराखण्ड में अभी तक 2,20,754 ई प्लज ली जा चुकी हैं। इस मामले में देशभर में उत्तराखण्ड 6वें स्थान पर है।

शैक्षणिक संस्थानों के कैम्पस को ड्रग्स फ्री सुनिश्चित करने में निजी क्षेत्र की भागीदारी को लेकर सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने विभिन्न एनजीओ, सामाजिक, सांस्कृतिक संस्थाओं के साथ इस सम्बन्ध में एमओयू करने की संभावनाओं पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में जानकारी दी गई कि इस वर्ष अभी तक राज्य में एनडीपीएस एक्ट के तहत 1020 केस रजिस्टर्ड हुए हैं तथा 1298 दोषियों को सजा हुई है। पीआईटी एनडीपीएस एक्ट 1988 के तहत राज्य में कुल 5 केस दर्ज किए गए, जिनमें देहरादून में 3, हरिद्वार में 1 तथा एएनटीएफ/एसटीएफ में 1 केस था। इस वर्ष नवम्बर माह तक 223.15 किग्रा चरस, 462.91 किग्रा डोडा, 15.92 किग्रा0 अफीम, 18.24 किग्रा0 हिरोइन, 0.343 किग्रा0 कोकेन, 2058 हिट एलएसडी, 0.372 किग्रा0 एमडीएमए, 1567.49 किग्रा0 गांजा तथा 2,52,208 टेबलेट व इंजेक्शन जब्त किये गए। नशे के अवैध कारोबार के सम्बन्ध में हरिद्वार जनपद में 8, पौड़ी में 1 तथा चमोली में 1 केस रजिस्टर्ड हुए हैं जिनमें कुल 3,13,30,078 रूपये की सम्पति जब्त तथा आर्थिक जांच की गई । इस वर्ष 6.640 एकड़ में अवैध अफीम की खेती नष्ट की गई।

 

बैठक में सचिव श्री शैलेश बगौली सहित पुलिस, स्वास्थ्य, शिक्षा, गृह विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी वर्चुअल माध्यम से मौजूद रहे।

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राज्य निर्वाचन आयुक्त श्री सुशील कुमार ने सोमवार को राज्य निर्वाचन आयोग मुख्यालय में नागर स्थानीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2024 के संबंध में प्रेस वार्ता की। राज्य निर्वाचन आयुक्त ने उत्तराखंड राज्य के 11 नगर निगम, 43 नगर पालिका परिषद एवं 46 नगर पंचायतों के सामान्य निर्वाचन 2024 हेतु निर्धारित कार्यक्रम जारी किया।

23  को  मतदान,  अखिल भारतीय किसान  परेशान, किसानों का  गाँधी  पार्क में  धरना प्रदर्शन के बाद  आंदोलन रहेगा  जारी 

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि नाम निर्देशन पत्र 27 दिसंबर, 2024 से प्राप्त किए जा सकेंगे, नाम निर्देशन पत्रों को प्राप्त करने की अंतिम तिथि 30 दिसंबर 24 है। उन्होंने कहा कि नाम निर्देशन पत्रों की जांच 31 दिसंबर, 2024 एवं 1 जनवरी, 2025 को की जाएगी। नाम निर्देशन पत्रों की वापसी की तिथि 2 जनवरी, 2025 निर्धारित की गई है। 3 जनवरी 2025 को निर्वाचन प्रतीक आबंटित किए जाएंगे। मतदान की तिथि 23 जनवरी 2025 एवं मतों की गणना की 25 जनवरी, 2025 को की जाएगी।

राज्य निर्वाचन आयुक्त ने बताया कि प्रदेश में कुल महिला मतदाताओं की संख्या 14 लाख 93 हजार 519 है, जबकि पुरुष मतदाताओं की संख्या 15 लाख 89 हजार 467 है, अन्य मतदाताओं की कुल संख्या 514 है। इस प्रकार कुल मतदाताओं की कुल संख्या 30 लाख 83 हजार 500 है।
उन्होंने बताया कि प्रदेश में कुल संवेदनशील मतदान केंद्र 601 एवं मतदान स्थल 1292 हैं। कुल अति संवेदनशील मतदान केंद्र 422 और मतदान स्थल 1078 है, संवेदनशील एवं अति संवेदनशील मतदान केंद्रों की संख्या घट बढ़ सकती है।
*सूचना एवं लोक सम्पर्क विभाग*

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वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए मॉक अभ्यास 22 जनवरी को*

*सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास की अध्यक्षता में बैठक, तैयारियों पर चर्चा*

*एनडीएमए के निर्देशों पर हो रहा है मॉक ड्रिल का आयोजन*

देहरादून। उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और वन विभाग ने राज्य में वनाग्नि को रोकने के लिए तैयारियां प्रारंभ कर दी हैं। राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, गृह मंत्रालय, भारत सरकार के निर्देश पर वनों की आग पर प्रभावी तौर पर नियंत्रण पाने के लिए जनवरी में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा।
सोमवार को उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण स्थित राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र में सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन की अध्यक्षता में मॉक ड्रिल की तैयारी को लेकर विभिन्न विभागों तथा जनपदों के साथ बैठक आयोजित की गई। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के जंगलों को आग से बचाने तथा वनाग्नि पर प्रभावी तौर पर नियंत्रण पाने के लिए एनडीएमए से मॉक ड्रिल कराए जाने के निर्देश प्राप्त हुए है।
उन्होंने बताया कि एनडीएमए से प्राप्त निर्देशों के क्रम में राज्य के सबसे संवेदनशील सात जिलों में मॉक ड्रिल का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि 22 जनवरी को अल्मोड़ा, नैनीताल, चंपावत, देहरादून, टिहरी, उत्तरकाशी और पौड़ी मॉक ड्रिल होगी। इससे पहले तैयारियों को लेकर सात जनवरी को ओरिएंटेशन और कोऑर्डिनेशन बैठक तथा 20 जनवरी को टेबल टॉप एक्सरसाइज का आयोजन किया जाएगा। बैठक में उन्होंने विभिन्न रेखीय विभागों तथा संबंधित जनपदों के प्रभागीय वन अधिकारियों के साथ मॉक ड्रिल को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए।
अपर सचिव वन श्री विनीत कुमार ने कहा कि फारेस्ट फायर मैनेजमेंट प्लान को लेकर बैठक कर ली जाए, ताकि जल्द से जल्द स्टेट प्लान बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि पिरूल कलेक्शन का नियमित तौर पर समीक्षा की जाए। जंगलों में पिरूल जितना कम होगा, वनाग्नि की घटनाएं उतनी ही कम होंगी। उन्होंने कहा कि पिरूल खरीद मूल्य को बढ़ाने पर भी शासन स्तर पर विचार चल रहा है। जल्द ही वृद्धि की जाएगी।
बैठक में संयुक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी मो. ओबैदुल्लाह अंसारी, श्री प्रमोद कुमार, पुलिस अधीक्षक देहरादून, श्री दिनेश बिष्ट, सांख्यिकी अधिकारी, श्री अर्पण कुमार राजू, उप सचिव खाद्य, श्री दिग्विजय सिंह, डिप्टी एसपी तथा यूएसडीएमए के एक्सपर्ट्स मौजूद थे।

*आईआरएस के अनुसार होगी मॉक ड्रिल*
देहरादून। सचिव आपदा प्रबंधन एवं पुनर्वास श्री विनोद कुमार सुमन ने आईआरएस यानी इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम को लेकर जानकारी दी। उन्होंने बताया कि आईआरएस सिस्टम में विभिन्न विभागों और अधिकारियों के दायित्वों का स्पष्ट उल्लेख है। उन्होंने बताया कि वनाग्नि पर मॉक ड्रिल आईआरएस सिस्टम के तहत आयोजित की जाएगी।

*वन विभाग पूरी तरह से तैयार*
देहरादून। एपीसीसीएफ श्री निशांत वर्मा ने बताया कि उत्तराखंड में 15 फरवरी से फॉरेस्ट फायर सीजन शुरू हो जाता है। एनडीएमए ने उत्तराखंड के जंगलों में आग को गंभीरता से लेते हुए इस संबंध में पुख्ता तैयारी करने के लिए मॉक एक्सरसाइज करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए वन विभाग की पुख्ता तैयारी है। उन्होंने बताया कि वन विभाग के पास संसाधानों की कमी नहीं है। फायर फायटर्स के पास भी पर्याप्त गियर हैं। उन्होंने बताया कि वनों में आग लगाने वाले असमाजिक तत्वों से सख्ती से निपटा जाएगा। उन्होंने बैठक में एनडीआरएफ की तर्ज पर एसडीआरएफ को भी फारेस्ट फायर हेतु मेंडेट प्रदान किए जाने का अनुरोध किया। उन्होंने बताया कि वन विभाग इस बार एलर्ट भेजने के लिए एप बनाया गया है।

*समुदायों की सहभागिता जरूरी*
देहरादून। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रशासन श्री आनंद स्वरूप ने वनाग्नि पर प्रभावी नियंत्रण के लिए समुदायों की सहभागिता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वे ही प्रथम रिस्पांडर्स होते हैं इसलिए वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए आम जनमानस में जागरूकता बहुत जरूरी है। उन्होंने विभिन्न जिलों से वनाग्नि नियंत्रण प्लान को यूएसडीएमए के साथ भी साझा करने को कहा।

*यूएसडीएमए से होगा मॉक अभ्यास का समन्वय*
देहरादून। अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी क्रियान्वयन डीआईजी श्री राजकुमार नेगी ने बताया कि मॉक ड्रिल का पूरा कोऑर्डिनेशन यूएसडीएमए स्थित एसईओसी से किया जाएगा। उन्होंने बीते बीस सालों की वनाग्नि के मामलों के अध्ययन पर जोर दिया। उन्होंने घस्यारी योजना को भी वनाग्नि प्रबंधन में शामिल करने की संभावनाओं पर विचार करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि वनाग्नि पर नियंत्रण के लिए जीआईएस मैपिंग आवश्यक है। उन्होंने बताया कि एनडीएमए की टीम में मॉक अभ्यास के लिए आएगी।

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राज्य निर्वाचन आयुक्त ने अवगत कराया कि नागर स्थानीय निकाय सामान्य निर्वाचन 2024 के लिए मतदान प्रक्रिया बैलेट पेपर के माध्यम से कराई जाएगी।

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