विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बुधवार को पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित को तलब कर भारतीय जवानों के साथ हुए इस बर्बर कृत्य के प्रति आक्रोश जताते हुए कहा कि एक मई को जम्मू एवं कश्मीर में नियंत्रण रेखा के पास हुई इस घटना में पाकिस्तानी सेना शामिल है। भारत ने इस मामले पर ‘कार्रवाई योग्य साक्ष्य’ पाकिस्तान को सौंपकर उससे इस घटना के संबंध में ठोस कार्रवाई करने की मांग की है।
जयशंकर ने कहा कि घटनास्थल राजा नाला से इकट्ठा किए गए खून के नमूनों से साफ पता चलता है कि हमलावर कृत्य को अंजाम देकर एलओसी पार कर लौट गए थे। उन्होंने कहा कि भारतीय जवानों पर हमला करने वालों को कवर देने के लिए पाकिस्तानी सेना ने बत्ताल सेक्टर में फायरिंग की थी।
तो वही दूसरी तरफ इस घटना के बाद कुछ पाकिस्तानी छात्रों को, जो एक एनजीओ के निमंतण्र पर भारत आए थे, वापस भेज दिया गया है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता गोपाल बागले ने कहा, ”जब हमें जानकारी मिली कि बच्चे एक मई को भारत में आए हैं तो मंत्रालय ने एनजीओ को परामर्श दिया कि यह इस तरह के कार्यक्रम के लिए उपयुक्त समय नहीं है।”