लखनऊ। फैसले के लिए कोर्ट में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई थी। फिर भी निर्णय आते ही किसी व्यक्ति ने जयश्री राम का नारा लगा दिया। आरोपितों ने निर्णय आते ही एक-दूसरे को बधाई दी।
फैसले के बाद सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा कि मैं ही नहीं पूरा देश इस फैसले से खुश है। आज का ऐतिहासिक फैसला आया है। मैं सीधे रामलला के दर्शन करने अयोध्या ही जा रहा हूं। सांसद साक्षी महाराज ने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक रहा। मुझे सुबह से ऐसी उम्मीद थी जीत रामलला की होगी। वहीं मुस्लिम पक्ष की तरफ से जफरयाब जीलानी ने कहा कि ये फैसला कानून और हाई कोर्ट दोनों के खिलाफ है। विध्वंस मामले में जो मुस्लिम पक्ष के लोग रहे हैं उनकी तरफ से हाई कोर्ट में अपील की जाएगी। छह दिसंबर, 1992 को अयोध्या में विवादित ढांचा गिराया गया। इस पर हिंदू और मुसलमान दोनों अपने-अपने दावे करते थे। हिंदू पक्ष का कहना रहा कि अयोध्या में ढांचे का निर्माण मुगल शासक बाबर ने वर्ष 1528 में श्रीराम जन्मभूमि पर कराया था, जबकि मुस्लिम पक्ष का दावा था कि मस्जिद किसी मंदिर को तोड़कर नहीं बनाई गई थी। मंदिर आंदोलन से जुड़े संगठनों के आह्वान पर वहां बड़ी संख्या में कारसेवक जुटे और इस ढांचे को ध्वस्त कर दिया। इस मामले में पहली प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआइआर) उसी दिन रामजन्मभूमि थाने में दर्ज हुई। 40 ज्ञात और लाखों अज्ञात कारसेवकों के खिलाफ आइपीसी की विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज हुआ।
दो कर्मचारी हुए कोरोना संक्रमित, फॉरेस्ट प्रोटेक्शन पैथोलॉजी बंद
Wed Sep 30 , 2020
देहरादून। वन अनुसंधान संस्थान के फॉरेस्ट प्रोटेक्शन पैथोलॉजी डिवीजन के दो तकनीकी कर्मचारियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हुई है। एफआरआई में कोरोना संक्रमित मिलने के बाद फॉरेस्ट प्रोटेक्शन पैथोलॉजी डिवीजन को बंद कर दिया गया है। इसके साथ ही एहतियातन संपर्क में आने वाले कर्मचारियों को भी होम क्वारंटीन […]

You May Like
-
मोरी ब्लॉक के भीतरी गाँव मे लगी आग
Pahado Ki Goonj January 2, 2019