देहरादून। जौनसार बावर के साहिया क्षेत्र के किसान लबें समय से सैकड़ों हेक्टेयर भूमि पर अदरक और अरबी का उत्पादन करते आए हैं। जिससे उनकी अच्छी खासी आमदनी होती है। इस बार बारिश न होने के कारण इसके उत्पादन में 50ः की कमी देखी गई है। जिसके कारण किसान मायूस और परेशान हैं. कई किसानों ने तो अदरक के बीज के लिए बैंकों से ऋण लिया था। उत्पादन में कमी होने के कारण किसानों के माथे पर चिंता की लकीरें साफ नजर आ रही हैं। बारिश कम होने के कारण किसानों के सामने आर्थिकी का संकट पैदा हो गया है। किसान गुमान सिंह का कहना है कि अगर समय से बारिश हो जाती तो फसल की पूरी तरह लागत के अनुपात में उत्पादन अधिक होता। जिससे उनको बाजार में इसके अच्छे दाम मिलते। उन्होंने बताया कि इस बार उत्पादन में 50 प्रतिशत की कमी आई है। जिसके कारण किसान काफी परेशान हैं। गुमान सिंह का कहना है कि इस बार मंडी में भी अदरक के दाम अच्छे मिल रहे हैं लेकिन अदरक, अरबी, मिर्च, टमाटर व अन्य नगदी फसलों में उत्पादन 50ः कम हुआ है जिस कारण से किसानों को उनका मेहनताना भी पूरा नहीं मिल पा रहा है। एक और किसान ने कहा कि उनका पूरा परिवार अदरक की खेती करता है। उन्होंने बिजाई के समय अदरक का बीज महंगे दामों में लिया गया था, लेकिन उत्पादन काफी कम हुआ है। जिसके कारण किसानों को आर्थिक हानि झेलनी पड़ रही है.वहीं साहिया मंडी के आढ़ती निखिल अग्रवाल ने बताया कि पिछले वर्ष साहिया मंडी से हरियाणा, पंजाब, चंडीगढ़, दिल्ली आदि राज्यों में अदरक और अरबी की डिमांड होती थी। प्रतिदिन 400 कट्टे अरबी व 400 कट्टे अदरक के अनेकों प्रदेशों में भेजे जाते थे। इस साल उत्पादन कम होने से चलते इसमें कमी आई है। निखिल अग्रवाल ने कहा कि यहां के किसान रासायनिक उर्वरक का प्रयोग नहीं करते हैं। जिसके कारण यहां की फसल ऑर्गनिक होती है. ऐसे में इन फसलों की डिमांड अन्य राज्यों में लगातार बनी रहती है।