सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को एक अभूतपूर्व आदेश में कलकत्ता हाई कोर्ट के मौजूदा न्यायाधीश सी एस कर्णन को उसके सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होने और यह बताने का आदेश दिया कि उनके खिलाफ अवमाननना संबंधी कार्यवाही क्यों शुरू नहीं की जाए.
कोर्ट ने उन्हें न्यायिक एवं प्रशासनिक कार्य करने से तत्काल रोक दिया है.
प्रधान न्यायाधीश जे एस खेहर की अध्यक्षता वाली सात न्यायाधीशों की पीठ ने कहा, ‘‘न्यायमूर्ति सी एस कर्णन को नोटिस जारी किया जाए. इसका जवाब 13 फरवरी तक दिया जाए.
न्यायमूर्ति सी एस कर्णन को वे न्यायिक या प्रशासनिक कार्य हाथ में लेने से तत्काल रोका जाएगा जो उन्हें सौंपे गए हों.’’
इस पीठ में न्यायमूर्ति दीपक मिश्रा, न्यायमूर्ति जे चेलमेश्वर, न्यायमूर्ति रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति एम बी लोकुर, न्यायमूर्ति पी सी घोष और न्यायमूर्ति कुरियन जोसेफ शामिल हैं.
पीठ ने कहा, ‘‘उन्हें उनके पास मौजूद सभी न्यायिक एवं प्रशासनिक फाइलें कलकत्ता हाई कोर्ट के महापंजीयक को लौटाने का आदेश दिया जाता है.’’
इसमें कहा गया है, ‘‘न्यायमूर्ति सी एस कर्णन कारण बताओ की आगामी तिथि पर व्यक्तिगत रूप से पेश होंगे.’’