*आराकोट में बादल फटने से 10 लोगों की मौत की पुष्टि, 18 ग्रामीण अभी लापता।*
*राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर, आपदा सचिव और आई जी ने लिया जायजा।दिया निर्देश*
*जिलाधकारी ने आराकोट ने डाला डेरा, खुद संभाली कमान।*
उत्तरकाशी के आराकोट और सटे इलाकों में बादल फटने की घटना से बीते दिन तड़के पब्बर और टोंस नदी में आयी भीषण बाढ़ से आराकोट, मैजणी और माकुड़ी गांवों में दस लोगों की मौत की पुष्टि बताई जा रही है ।जबकि एक शव हिमाचल से बहकर आया। क्षेत्र के अलग अलग गांवों में अभी 18 लोगों को लापता बताया जा रहा है । टिकोची गांव में इंटर कॉलेज, अस्पताल, पटवारी चौकी ध्वस्त हो गई। मौसम विज्ञान केन्द्र ने संभावना जताई है कि अगले 24 घंटे में देहरादून समेत उत्तरकाशी, चमोली, पिथौरागढ़, पौड़ी और नैनीताल में भारी बारिश हो सकती है। मौसम विभाग ने इन जिलों में रेड अलर्ट जारी किया है। साथ ही जिला प्रशासन ने गाइडलाइन भी भेजी है। उधर जिलाधिकारी ने सोमवार को जिले के सभी स्कूलों में छुट्टी के आदेश जारी किए हैं। क्षेत्र में बादल फटा है या नहीं, इस पर राज्य मौसम केंद्र के निदेशक बिक्रम सिंह ने कहा कि वहां हमारे पास बारिश को मापने का इंतजाम नहीं है। लेकिन तीन घंटे तक वहां भारी से भारी बारिश हुई है। टौंस नदी में बाढ़ की वजह से रविवार सुबह त्यूनी बाजार में पानी भर गया। लोगों को जान बचाने के लिए घर छोड़कर भागना पड़ा। नदी का जल स्तर बढ़ने पर प्रशासन ने निचले इलाके को खाली करा दिया है। आपदा के 8 घंटे बाद जिलाधिकारी आशीष चौहान अपनी टीम के साथ कई जगह पैदल चल कर आराकोट आपदा प्रभावितो के बीच पहुंचे ,और देर रात तक स्थिति का जायजा लिया और डेरा जमाए हुए रेस्क्यू और राहत बचाव कार्य की कमान खुद संभाले हुए है। उधर सुबह 10 बजे देहरादून से आपदा सचिव अमित नेगी और आईजी एस के गुंज्याल आराकोट पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। घायलों को मोरी में उपचार भेजा गया जबकि 4 गंभीर घायलों को हायर सेंटर देहरादून हेलीकाप्टर द्वारा भेजा गया। आपदा सचिब ने sdrf की टीम को महत्वपूर्ण गाड़ गधेरों पर रस्सी का बेली ब्रिज़ बनाने के आदेश दिए । आपदा प्रभावित गांव में राहत और मेडिकल कीट और जरुरी सामग्री हेलीकाप्टर द्वारा पहुंचाया गया है ।