उच्चतम न्यायालय के नजरिये को ठोस बताते हुये आदित्यनाथ ने कहा, ‘यह एक स्वागत योग्य कदम है।’ संसद भवन के बाहर पत्रकारों से बात करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा, ‘हम इसका स्वागत करते हैं और दोनों पक्षों को अपने मतभेद सुलझा कर इसका हल निकालता चाहिये। उन्हें राज्य सरकार से जो भी सहयोग चाहिये, हम वो करेंगे।’
आदित्यनाथ की यह टिप्पणी उच्चतम न्यायालय के उस विचार के बाद आयी कि अयोध्या मंदिर विवाद एक संवेदनशील और संवेदनात्मक मामला है क्योंकि इसमें सभी संबंधित पक्षों को साथ बैठकर इस विवादास्पद मामले का हल निकालने की जरूरत है।