न्यायाधीशों ने सर्वसम्मति से पारित आदेश में कहा, ”हमारा मानना है कि सरकार इसके गुण-दोषों पर खरी नहीं उतरी है और न ही वह यह दिखा पाई है कि स्थगन का आदेश न आने से कोई अपूरणीय क्षति हो जाएगी. इसलिए हम स्थगन की मांग करने के लिए लाए गए इस आपात प्रस्ताव को खारिज करते हैं.”
सैन फ्रांसिस्को स्थित ‘नाइंथ यूएस सर्किट कोर्ट ऑफ अपील्स’ की तीन सदस्यीय पीठ ने कहा, ”सरकार ने ऐसे किसी सबूत का उल्लेख नहीं किया है जिससे यह पता चले कि नामित देशों में से किसी एक देश ने भी अमेरिका में आतंकी हमला करवाया है.”
ट्रंप ने पिछले महीने शासकीय आदेश पर हस्ताक्षर किया था जिसके तहत ईरान, लीबिया, इराक, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन के नागरिकों के अमेरिका में दाखिल पर होने पर 90 दिनों, शरणार्थियों के आने पर 120 दिनों तथा सीरियाई शरणार्थियों के आने पर अनिश्चितकालीन समय के लिए रोक लगाई गई थी. संघीय अदालत ने इस आदेश पर रोक लगाई हुई है.
अपीली अदालत की ओर से सुनाया गया यह फैसला ट्रंप प्रशासन के लिए एक बड़ा झटका है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि उसका विधायी आदेश चरमपंथी इस्लामी आतंकियों को देश में प्रवेश करने से रोकने के लिहाज से एक बड़ा कदम था. ट्रंप ने अदालत के आदेश पर जल्दी ही प्रतिक्रिया देते हुए ट्वीट किया.
ट्रंप प्रशासन ने अदालत से मांग की थी कि वह सिएटल की एक संघीय अदालत द्वारा उसके शासकीय आदेश पर लगाई गई रोक को हटा ले. सिएटल की अदालत ने यह फैसला वाशिंगटन राज्य की अपील पर सुनाया था.