देहरादून। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे ने शिक्षा की गुणवत्ता के लिए स्कूलों के नियमित मुआयने पर जोर दिया। उन्होंने जिलाधिकारियों और शिक्षा महकमे के अधिकारियों को भी मुआयने में तेजी लाने के निर्देश दिए, साथ ही इस दौरान शिक्षक की गरिमा का पूरा ध्यान रखने की हिदायत भी दी। उन्होंने सरकारी विद्यालयों में भी सीसीटीवी कैमरे लगाने के निर्देश दिए।
शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे सोमवार को सचिवालय में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए जिलाधिकारियों एवं शिक्षा महकमे के अधिकारियों से रूबरू हुए। शिक्षा के स्तर में सुधार की जरूरत बताते हुए उन्होंने कहा कि छात्र-छात्राओं के विषय ज्ञान का स्तर अच्छा होना चाहिए। इससे छात्र-छात्राएं विभिन्न प्रतियोगिताओं में कामयाब हो सकेंगे।
उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों को चौदहवें वित्त आयोग से मिली ग्राम निधि का उपयोग विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं मुहैया कराने पर होना चाहिए। जिलाधिकारियों को इस संबंध में कार्यवाही के निर्देश दिए गए। उन्होंने सभी सरकारी संस्थानों, कार्यालयों में नाम पट्टिकाएं संस्कृत में बनाने के निर्देश भी दिए। उन्होंने कहा कि खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने को प्रत्येक जिले में खेल महाकुंभ व जिला खेल ओलंपियाड आयोजित किया जाए। शिक्षा मंत्री ने गुरुग्राम के रेयान पब्लिक स्कूल की घटना से सबक लेकर समस्त मान्यताप्राप्त निजी विद्यालयों में सीसीटीवी कैमरे लगाने और वहां कार्यरत सभी कर्मचारियों का सत्यापन कराने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सरकारी विद्यालयों में भी यथासंभव सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने चाहिए। प्रत्येक शिक्षक व शिक्षणेत्तर कर्मचारी का फोटोयुक्त प्रोफाइल उनकी गरिमा का ध्यान रखते हुए विद्यालय के सूचना पट्ट पर लगाए जाने चाहिए।
अक्षय पात्र योजना के तहत ऊधमसिंह नगर, देहरादून व नैनीताल के जिलाधिकारियों को तत्काल भूमि का चयन करने के निर्देश दिए गए। इस मौके पर संस्कृत शिक्षा सचिव उषा शुक्ला, अपर सचिव पंचायती राज हरिचंद्र सेमवाल, शिक्षा महानिदेशक आलोक शेखर तिवारी, माध्यमिक शिक्षा निदेशक आरके कुंवर, अकादमिक शोध एवं प्रशिक्षण निदेशक सीमा जौनसारी, एसएसए अपर राज्य परियोजना निदेशक मुकुल कुमारी सती मौजूद थे।