पूर्व भाजपा सांसद और बाबरी मस्जिद विध्वंस पर रामजन्मभूमि न्यास के सदस्य विलास वेदांती ने कहा कि उनके कहने पर 6 दिसंबर 1992 को कारसेवकों ने ढांचा तोड़ा था और विश्व हिंदू परिषद के दिवंगत नेता अशोक सिंघल और महंत अवैद्यनाथ भी ढांचा तुड़वाने में शामिल थे, जबकि लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी और विजयाराजे सिंधिया कारसेवकों को समझाने में लगे हुए थे।
वेदांती ने कहा कि भले ही उन्हें फांसी हो जाए लेकिन वह अपने बयान से नहीं पलटेंगे। वेंदाती का ये बयान सुप्रीम को उस आदेश के बाद आया है जिसमें सीबीआई को लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी समेत 13 नेताओं के खिलाफ ध्वंस की साजिश रचने का मामला चलाये जाने की इजाजत दी गई है।