देहरादून। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत गुरूवार से दिल्ली दौरे पर है। समझा जा रहा है कि वह वहां कई केन्द्रीय मंत्रियों और संगठन के बड़े नेताओं से मिलकर लम्बित पड़े कई मामलों का समाधान निकालने का प्रयास करेंगे।
सूबे की कई परियोजनाएं जो अदालत और एनजीटी की नकारात्मक टिप्पणियों के कारण उलझी पड़ी है उनके समाधान का प्रयास किया जायेगा। वहीं सरकार व संगठन से जुड़े कई अन्य मसलों को भी सुलझाने के प्रयास किये जा सकते है। सरकार गठन के बाद से खाली पड़े दो कैबिनेट मंत्री पदों को अभी तक नहीं भरा जा सका है वहंीं संसदीय कार्यमंत्री स्व. प्रकाश पंत के निधन के बाद इनकी संख्या तीन हो चुकी है। सरकार का आधे से अधिक कार्यकाल बीत चुका है। लेकिन खाली पड़े कैबिनेट मंत्री पदों का खाली पड़ा होना एक बड़ा सवाल है।
अभी बीते दिनों पंचायत चुनाव के दौरान भारी संख्या में पार्टी के नेताओं व कार्यकर्ताओं के बागी स्वर भी पार्टी के लिए बड़ी समस्या बने हुए है। कई विधायक अनुशासन हीनता के दायरे में है। उन पर होने वाली कार्यवाही तथा गैरसैंण राजधानी जैसे मुद्दों पर भी निर्णय होना है। यही नहीं मानसून के बाद राज्य के विकास का पहिया जो एक तरह से थम सा गया है। सड़कों व पुलों की जर्जर हालत है की मरम्मत का कार्य तथा अगले साल होने वाले महाकुंभ और राष्ट्रीय खेलों के आयोजन के लिए सरकार को व्यापक स्तर पर केन्द्रीय मदद की दरकार है। इन्ही तमाम चिंताओं को लेकर मुख्यमंत्री आज दिल्ली गये है। जहंा तीन से सात के बीच उनकी कई केन्द्रीय मंत्रियों से मुलाकात प्रस्तावित है। देखना है कि सीएम क्या कुछ लेकर लौटते है।
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Thu Oct 17 , 2019