टिहरी। जनपद की टिहरी डैम का जल स्तर बढ़ने से लोग खतरे के साए में जीने को मजबूर हैं। टिहरी झील का जलस्तर बढ़ने से लोगों के घरों में दरारें पड़ने लगी हैं। जिसको लेकर ग्रामीणों ने कई बार शासन-प्रशासन से गुहार लगाई है। लोगों का कहना है कि सरकार उनकी समस्या को गंभीरता से नहीं ले रही है। टिहरी बांध बनते समय सरकार ने वहां के लोगों का विस्थापन कर उन्हें अलग-अलग स्थानों पर उनके रहने की व्यवस्था की, लेकिन अब एक बार फिर से टिहरी के लोगों पर खतरा मंडराने लगा है। जैसे-जैसे टिहरी झील का जलस्तर बढ़ता जा रहा है, उससे वहां के आसपास रहने वाले लोगों के घरों में दरारें पड़ने लगी है। कुछ लोग घरों की स्थिति को देखते हुए खुले आसमान के नीचे रात बिताने को मजबूर हैं।वहीं, ग्रामीणों का कहना है कि पर्यटन का हब होने के कारण यहां पर्यटकों का जमावड़ा लगा रहता है। लेकिन जब भी टिहरी डैम का जल स्तर आरएल 820 मीटर से ऊपर बढ़ता है तो गांव के नीचे पानी आ जाता है, साथ ही मकानों में दरारें पड़ रही हैं। जिससे लोग में खौफ है। वहीं सरकार की लापरवाही से ग्रामीणों में आक्रोश है. उनका कहना है कि सरकार उनकी समस्याओं को गंभीरता से नहीं ले रही है।