नई दिल्ली। लद्दाख की गलवान घाटी में चीन की सेना से हिंसक झड़प के बाद भारत-चीन सीमा पर सेना और वायुसेना को हाई अलर्ट पर कर दिया गया है। लद्दाख के अलावा, अरुणाचल, उत्तराखंड, हिमाचल और सिक्किम से जुड़ी सीमाओं पर उच्च स्तर की सतर्कता बरती जा रही है। सूत्रों का कहना है कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत और तीनों सेनाओं के प्रमुखों के साथ बैठक के बाद अलर्ट का स्तर बढ़ाने का निर्णय लिया गया।
सूत्रों ने कहा कि सेना ने अरुणाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और लद्दाख में अतिरिक्त सैनिकों और हथियारों को अग्रिम मोर्चे के ठिकानों के लिए रवाना कर दिया है। एक सैन्य अधिकारी ने नाम न बताने की शर्त पर कहा कि अब आगे से कार्रवाई के लिए नियम अलग होंगे। प्रधानमंत्री ने इस बारे में विस्तृत नीति सामने रखी है। सूत्रों का कहना है कि सेनाएं चीनी पक्ष की ओर से किसी भी आक्रामक कार्रवाई पर सख्ती से जवाब देने का रुख अपनाएंगी। भारत-चीन सीमा पर बने सभी 180 से ज्यादा सीमा चौकी को अलर्ट कर दिया गया है। हाल ही में आईटीबीपी ने लद्दाख में बॉर्डर पोस्ट पर 1500 अतिरिक्त जवानों की तैनाती की थी। सूत्रों के मुताबिक, आईटीबीपी के जवानों ने चीन की हरकत पर नजर रखने के लिए कई जगहों पर लांग रेंज पेट्रिलिंग और शार्ट रेंज पेट्रोलिंग की संख्या बढ़ा दी है। कुछ संवेदनशील जगहों पर खास निगरानी की जा रही है। भारत-चीन सीमा पर कुछ समय पूर्व चीनी सुरक्षा बलों ने लिपुपास को विवादित स्थल बताकर कुछ आपत्तिजनक बैनर लहराए थे। उसके बाद सुरक्षा बलों ने नाभीढांग से लिपुपास के आठ किमी के दायरे में सुरक्षा बढ़ा दी थी।चीन सीमा की सुरक्षा के लिए भारतीय सेना ने भी नाभीढांग से लिपुपास तक आईटीबीपी के साथ संयुक्त कांबिंग (गश्त) शुरू कर दी है। यह कांबिंग दिन रात की जा रही है। रात को नाइट विजन उपकरणों के साथ सुरक्षा बल इस पूरे क्षेत्र के चप्पे-चप्पे पर नजर रख रहे हैं।वायुसेना और नौसेना भी सतर्कवायुसेना से भी अपने अग्रिम ठिकानों पर अलर्ट बढ़ाने के साथ एलएसी पर सघन निगरानी करने को कहा गया है। भारतीय नौसेना से भी हिंद महासागर क्षेत्र में अलर्ट का स्तर बढ़ाने को कहा गया है, जहां चीनी नौसेना की अक्सर हलचल रहती है। नौसेना हिंद महासागर में अपनी तैनाती बढ़ा रही है।