किडनी कांड में विदेशियों की संलिप्तता के बाद उत्तराखंड आने वाले विदेशियों को लेकर पुलिस महकमा हरकत में आ गया है। अब ऐसे विदेशी नागरिकों का भी पूरा ब्योरा रखने की तैयारी है, जो राज्य में टूरिस्ट वीजा पर आते हैं। इसके लिए एसएसपी ने स्थानीय अभिसूचना इकाई को निर्देशित करते हुए कहा है कि सभी प्रकार के वीजा पर देहरादून में आने वाले विदेशियों की जानकारी रखी जाए। साथ ही इस बात पर भी गौर किया जाए कि टूरिस्ट वीजा पर आने का उद्देश्य पर्यटन ही है या कुछ और।
दरअसल, विदेशी नागरिकों के दून आने और उसकी सूचना पुलिस को न देने का मामला किडनी कांड के भंडाफोड़ के बाद से ही सुर्खियों में है। वजह यह है कि ओमान से किडनी ट्रांसप्लांट कराने आए चारों नागरिक यहां टूरिस्ट वीजा पर ही आए थे, जो बीते 11 सितंबर से ही फरार चल रहे हैं।
इन चारों के खिलाफ लुक आउट नोटिस भी जारी है और इमीग्रेशन डिपार्टमेंट से दून पुलिस लगातार संपर्क में है, लेकिन अभी ओमान नागरिकों का कुछ पता नहीं चल पाया। यही नहीं पुलिस अभी तक इस बात को लेकर भी पशोपेश में है कि ओमान नागरिक किडनी ट्रांसप्लांट कराने ही आए थे या इरादा कुछ और था।
टूरिस्ट वीजा पर कर ली नौकरी
बीते अगस्त माह में टूरिस्ट वीजा पर नौकरी करने का भी मामला सामने आ चुका है। 29 अगस्त को आइएसबीटी क्षेत्र के होटल के स्पा सेंटर में थाईलैंड की दो युवतियां नौकरी करते पकड़ी गईं थी। इसके अलावा राजपुर रोड के भी एक होटल से थाईलैंड की युवती को नौकरी करते पकड़ा गया था।
यह विदेशी युवतियां पर्यटन के नाम पर यहां आईं और नौकरी करने लगीं। तीनों युवतियों को भारत छोडऩे का नोटिस थमा दिल्ली इमीग्रेशन डिपार्टमेंट के हवाले कर दिया गया था।
वीजा के प्रकार, मान्य अवधि
पर्यटक वीजा, तीस दिन
व्यवसायिक वीजा, तीन साल
मानवीय वीजा, दो साल
निजी वीजा, तीन महीना
वर्किंग वीजा, तीन साल
छात्र वीजा, एक वर्ष या इससे अधिक
ट्रांजिट वीजा, अधिकतम एक माह
वर्ष 2016
टूरिस्ट वीजा पर आए विदेशी : 23746
अन्य वीजा पर आए विदेशी : 472
वर्ष 2017
टूरिस्ट वीजा पर आए विदेशी : 16500
अन्य वीजा पर आए विदेशी : 175
हर विदेशी का रखा जाएगा रिकार्ड
देहरादून की एसएसपी निवेदिता कुकरेती के मुताबिक देहरादून में अधिकांश विदेशी नागरिक पर्यटन के ही उद्देश्य से आते हैं। नियमत: उन्हें एलआइयू को आने और ठहरने के स्थान के बारे में सूचना देनी होती है, लेकिन कुछ विदेशी नागरिक इसकी अनदेखी कर जाते हैं। ओमान नागरिकों के मामले में ऐसा ही हुआ। अब ऐसी व्यवस्था बनाने का प्रयास किया जा रहा है कि दून आने वाले हर विदेशी का रिकार्ड रखा जा सके।
दिल्ली के दो और अस्पताल जांच के दायरे में
किडनी कांड से दिल्ली के दो और अस्पतालों के नाम जुड़ गए हैं। किडनीखोर अमित राऊत गंगोत्री चैरिटेबल हॉस्पिटल में किडनी ट्रांसप्लांट करने के बाद मरीजों को इन्हीं अस्पतालों के लिए रेफर करता था। इसके साथ ही तीन पैथोलॉजी सेंटर के भी नाम प्रकाश में आए हैं, जहां के मेडिकल परीक्षण रिपोर्ट मिलने के बाद पुलिस ने अब जांच का दायरा बढ़ा दिया है।
उत्तरांचल डेंटल कॉलेज परिसर स्थिति गंगोत्री चैरिटेबल हॉस्पिटल की जांच आगे बढऩे के साथ नए-नए खुलासे हो रहे हैं। एसएसपी निवेदिता कुकरेती ने बताया कि गंगोत्री अस्पताल में चलने वाली एंबुलेंस की लॉग बुक में मरीजों को दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल रेफर किए जाने के पुष्टि तो पहले हो चुकी है, लेकिन अपोलो अस्पताल और नरेल फैब्रिस करनाल बाईपास में भी गंगोत्री हॉस्पिटल से मरीज शिफ्ट किए जाने की बात सामने आई है।
इसके साथ ही दिल्ली के रोहिणी इलाके में स्थित मस्तु एंड मूर व गंगोत्री पैथोलॉजी और एसआरएल लैब में मरीजों के सीटी स्कैन, एमआरआइ, एंजियोग्राफी, किडनी मैपिंग जैसे टेस्ट कराए जाते थे। इन अस्पतालों व पैथोलॉजी सेंटरों को भी जांच के दायरे में ले लिया गया।
एसएसपी ने बताया कि इसके पुलिस की एक टीम दिल्ली भेजी जा रही है। सभी जगह से आवश्यक दस्तावेज जुटाकर मामले की बारीकी से जांच की जाएगी।