देहरादून: प्रांतीय होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा संघ एवं आइआइएचपी देहरादून की ओर से संयुक्त रूप से एक दिवसीय सेमीनार एवं सम्मान समारोह का आयोजन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि आयुष शिक्षा मंत्री हरक सिंह रावत ने होम्योपैथिक चिकित्सकों की एनपीए की मांग को जल्द पूरा करने का आश्वासन दिया।
हरिद्वार बाईपास स्थित एक होटल में आयोजित सेमीनार में सबसे पहले होम्योपैथी के जनक डॉ. हैनीमैन को याद किया गया। कार्यक्रम में मेरठ से डॉ. अनिल चौहान व लखनऊ से डॉ. गिरीश गुप्ता ने होम्योपैथी पर अपने शोध पत्र प्रस्तुत किए। मुख्य अतिथि ने कहा कि संभवत: अगले सत्र से राज्य में दो होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज शुरू किए जाएंगे। हर्रावाला और कोटद्वार में होम्योपैथी मेडिकल कॉलेज खुलने प्रस्तावित हैं।
उन्होंने कहा कि होम्योपैथी चिकित्सकों को कैबिनेट द्वारा पारित एनपीए का भुगतान जल्द कराया जाएगा। इसके साथ ही एलोपैथिक एवं पशु चिकित्सकों की तरह 25 फीसद एनपीए भी जल्द मिलेगा, इसके लिए प्रयास किए जाएंगे।
इस दौरान संघ पदाधिकारियों ने आयुष मंत्री को 18 बिंदुओं का मांगपत्र भी सौंपा। जिसमें मुख्य रूप से एनपीए, डीएसीपी, विभागीय पदोन्नति, ढांचे का पुनर्गठन, पीजी भत्ता, राजकीय क्षेत्र में मेडिसिन कॉलेज की स्थापना एवं नए चिकित्सालयों की स्थापना आदि की मांगें शामिल थी। कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि सचिव आयुष हरबंस सिंह चुघ, निदेशक होम्योपैथिक चिकित्सा डॉ. नसरीन फातिमा, निदेशक आयुर्वेद डॉ. अरुण कुमार त्रिपाठी, वित्त नियंत्रक प्रमोद कुमार जोशी, उपनिदेशक डॉ. देशराज, डॉ. आनंद शरण उनियाल, रजिस्ट्रार डॉ. शैलेंद्र पांडेय, जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ. कमलजीत सिंह, डॉ. सतीश सिंह पिंगल, डॉ. इंद्रजीत नंदा आदि मौजूद रहे। इधर, तीन नवंबर को प्रांतीय होम्योपैथिक चिकित्सा सेवा संघ का तृतीय वार्षिक अधिवेशन एवं चुनाव होगा।