देहरादून। खरीदारी व नए कार्यों की शुरुआत के लिए शुभ माना जाने वाला धनतेरस इस बार खास होने वाला है। कार्तिक कृष्णपक्ष की त्रयोदशी पर 25 अक्टूबर को धनतेरस कई शुभ व विशिष्ट योगों के बीच मनाया जाएगा।
वैसे भी धनतेरस अबूझ मुहूर्त दिवस होता है। इसी दिन स्वास्थ्य के देवता भगवान धनवंतरि की जयंती भी रहेगी। भगवान धनवंतरि समुद्र मंथन से अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इस बार शुक्रवार को प्रदोष भी रहेगा, जिससे शुक्र प्रदोष व धन त्रयोदशी का महासंयोग बन रहा है। इसके अलावा ब्रह्मयोग व सिद्धियोग रहेगा। पंडितों के अनुसार 100 साल बाद ऐसे महासंयोग की स्थिति बन रही है। इससे पहले एक नवंबर 1918 को ऐसा महासंयोग बना था। भगवान कुबेर को शिवजी ने धनतेरस के दिन ही धनाध्यक्ष की उपाधि प्रदान की थी। इस दिन जो भी शुभ कार्य या खरीदारी की जाए, वह समृद्धिकारक होती है। ज्योतिषाचार्य डॉ. नवीन चंद्र जोशी बताते हैं कि धनतेरस पर शाम को लक्ष्मी व कुबेर की पूजा, यम दीपदान किया जाता है। यह अबूझ मुहूर्त वाला दिन होता है। पूरे दिन खरीदी की जा सकती है। शाम को प्रदोष काल में की गई खरीदारी अति शुभ रहेगी।
ज्योतिषाचार्य डॉ. गोपाल दत्त त्रिपाठी के अनुसार धनतेरस के दिन चांदी और पीतल के बर्तन, चांदी के सिक्के, चांदी की गणेश व लक्ष्मी की प्रतिमाओं की खरीदारी करने की प्राचीन परंपरा है। इलेक्ट्रॉनिक सामान, वाहन आदि का चलन भी रहा है।
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Mon Oct 21 , 2019