कुक ने 59 टेस्ट मैचों में टीम की कप्तानी की. उन्हीं की कप्तानी में इंग्लैंड ने 2013 और 2015 में एशेज श्रंखला पर कब्जा जमाया था. उन्होंने माना कि उनका यह फैसला कड़ा जरूर है लेकिन यह सही समय पर लिया गया है.
उनका यह फैसला हालांकि हैरानी भरा नहीं है. उन्होंने स्वीकार किया कि भारत दौरे पर पिछले साल दिसम्बर में पांच टेस्ट मैचों की श्रृंखला में 0-4 से शिकस्त खाने के बाद उनकी कप्तानी पर काफी सवाल उठे थे.
इंग्लैंड एंड वेल्स क्रिकेट बोर्ड (ईसीबी) की वेबसाइट पर कुक के हवाले से लिखा गया है, “इंग्लैंड का कप्तान होना और टेस्ट टीम का पांच साल तक नेतृत्व करना बेहद सम्मान की बात है.”
उन्होंने कहा, “कप्तानी छोड़ना काफी मुश्किल फैसला था, लेकिन मैं जानता हूं कि यह मेरे लिए सही समय पर लिया गया सही फैसला है.”
उन्होंने कहा, “भारत दौरे के बाद मेरे पास सोचने का समय था और मैंने इस सप्ताहांत चेयरमैन कोलिन ग्रेवस से बात की और अपना इस्तीफा उन्हें सौंपा.”
कुक ने अपने समर्थकों का साथ देने के लिए शुक्रिया किया और साथ ही यह बात भी साफ कर दी कि वह एक खिलाड़ी के तौर पर देश के लिए खेलते रहेंगे.