देहरादून: जिला आपूर्ति विभाग की टीम ने सेलाकुई क्षेत्र में शुक्रवार शाम छापा मारकर रसोई गैस की अवैध रिफिलिंग का भंडाफोड़ किया। इस दौरान करीब डेढ़ दर्जन प्रतिष्ठानों में छापेमारी कर रसोई गैस के 30 सिलेंडर जब्त किए गए। बड़े पैमाने पर चल रहे इस धंधे की शिकायत कई दिनों से मिल रही थी।
जिला आपूर्ति अधिकारी विपिन कुमार ने बताया कि जिन प्रतिष्ठानों में कार्रवाई हुई है, उनके संचालकों के विरुद्ध एफआइआर की कार्रवाई की जाएगी। औद्योगिक इलाके के कारण सेलाकुई में श्रमिक बड़ी संख्या में रहते हैं।
वह छोटे सिलेंडर प्रयोग करते हैं और इसका फायदा दुकानदार उठा रहे। स्थिति ये है कि सेलाकुई जमनपुर बाजार में लगभग हर दूसरी में अवैध रिफिलिंग पकड़ी गई। श्रमिकों से मनमाना दाम लिया जा रहा था। जिला आपूर्ति अधिकारी के मुताबिक, सेलाकुई में अब लगातार छापे की कार्रवाई की जाएगी।
नहीं रुक रहा रिफिलिंग का धंधा
भले पुलिस और आपूर्ति विभाग पिछले कुछ दिनों से अवैध रिफिलिंग के खिलाफ कार्रवाई कर रहे हों, लेकिन दून में यह काला धंधा रुकने का नाम नहीं ले रहा। शहर से लेकर देहात तक काले धंधे के पांव जमे हुए हैं और कानून को ठेंगा दिखा धड़ल्ले से मुख्य बाजारों में रिफिलिंग का धंधा हो रहा। पिछले दिनों भी इंदिरानगर में पुलिस ने अवैध रिफिलिंग के बड़े रैकेट को धर दबोचा था। धंधे के पांव पसारने की वजह विभागों की मिलीभगत भी मानी जा रही।
आठ सौ के बदले डेढ़ हजार
गैस की कालाबाजारी जितना बड़ा जुर्म है, इसके धंधेबाज उतना ही बड़ा मुनाफा भी कमाते हैं। उन्हें आठ सौ रुपये खर्च कर दो हजार रुपये का मुनाफा होता है। जांच में मालूम चला है कि आरोपी बड़ा सिलेंडर आठ सौ रुपये में खरीदते हैं। इस एक सिलेंडर से पांच छोटे सिलेंडर में गैस रिफिल होती है। छोटे सिलेंडर में तीन किलो गैस की रिफिलिंग में ग्राहक से चार सौ रुपये वसूले जाते हैं।
डिलीवरी मैन से होती है सेटिंग
पुलिस के मुताबिक, आरोपियों की सेटिंग अलग-अलग गैस कंपनियों के डिलीवरी मैन से होती है। आरोपी उनके जरिए आठ सौ का सिलेंडर लेते हैं। ऐसे में पुलिस अब डिलीवरी मैनों का भी पता लगा रही है।