भाजपा के सामने मुश्किल यह है कि जनता ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर भरोसा करके इतना बड़ा जनसमर्थन दिया है, इसलिए किसी अच्छे कद के डिलीवरीमैन की तलाश है, जो 2019 तक यूपी को उत्तम प्रदेश में बदलने की क्षमता रखता हो। 16 मार्च को पर्यवेक्षकों का जाना तय था, लेकिन यूपी में जीते विधायकों को लखनऊ पहुंचने में एक दो दिन का समय लगेगा, इसलिए अभी तारीख तय नहीं की है।
दोनों पर्यवेक्षक केन्द्रीय मंत्री एम वैंकया नायडू और भूपेंदर यादव लखनऊ जाकर विधायकों की राय जानेंगे और उनकी राय से ही मुख्यमंत्री का चयन किया जाएगा।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर जनता ने भरोसा किया है इसलिए पार्टी इसमें सावधानी बरत रही है कि ठोक बजाकर फैसला लिया जाए ताकि बीच में कोई असहज स्थिति न बने। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के सामने एक ही लक्ष्य है कि सीएम डिलीवरी देने वाला हो, जिससे कि जनभरोसे को कायम रखा जा सके। जातिगत स्थिति से ऊपर उठकर अनुभव को ध्यान में रखने की बात है। प्रशासनिक अनुभव और राजनीतिक सूझबूझ भी, जिससे कि यूपी जैसे बड़े राज्य को संभाला जा सके।