देहरादून। विकासनगर मोर्चा कार्यालय में पत्रकारों से वार्ता करते हुए जन संघर्ष मोर्चा अध्यक्ष रघुनाथ सिंह नेगी ने कहा कि वर्ष 2016 में तत्कालीन हरीश रावत सरकार के खिलाफ मंत्री हरक सिंह रावत, विधायक मदन सिंह बिष्ट व सी.ई.ओ. उमेश शर्मा द्वारा काली कमाई अर्जित करने, ब्लैकमेलिंग व तख्तापलट के उद्देश्य से किये गये स्टिंग मामले को लेकर उन्होने उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर कर उक्त स्टिंगबाजों के खिलाफ भी सीबीआई जाँच कराने का आग्रह किया था, जिसमें मोर्चा द्वारा माँग की गयी थी कि उक्त स्टिंगबाजों द्वारा सैकड़ो हजारों करोड़ रूपये के साम्राज्य मात्र डेढ़ दो दशक में खड़े कर दिये गये हैं तथा इनका इतिहास फर्जीवाड़े व ब्लैकमेलिंग का रहा है।
उन्होने बताया कि उक्त मामले पर संज्ञान लेते हुए उच्च न्यायालय के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश राजीव शर्मा व मनोज तिवारी की खण्डपीठ द्वारा मंत्री हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा व मदन सिंह बिष्ट को नोटिस जारी किये गये थे। नेगी ने कहा कि मोर्चा द्वारा कई वर्षों से उक्त व्यक्तियों के खिलाफ लड़ाई लड़ी जा रही है तथा स्टिंग मामले में भी मोर्चा द्वारा यह उल्लेख किया गया था कि स्टिंगबाज ही पैसों की पेशकश व षडयन्त्र रच रहे हैं तो फिर स्टिंग जनहित व प्रदेशहित में कैसे हुआ! मोर्चा ने इस बात की भी माँग की थी कि अगर हरीश रावत के खिलाफ सीबीआई जाँच हो रही है तो इनके खिलाफ भी सीबीआई जाँच होनी चाहिए।
सीबीआई द्वारा पूर्व मुख्यमन्त्री हरीश रावत के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने के साथकृसाथ हरक सिंह रावत, उमेश शर्मा आदि के खिलाफ भी जो एफआईआर दर्ज करायी गयी है, इससे निश्चित तौर पर सच जनता के सामने आयेगा कि कैसे इन स्टिंगबाजों ने प्रदेश को तबाह करने का काम किया। नेगी ने कहा कि मोर्चा की माँग पर सीबीआई द्वारा स्टिंगबाजों के खिलाफ भी प्राथमिकी दर्ज होने से मोर्चा को भारी सफलता मिली है। पत्रकार वार्ता में मोर्चा महासचिव आकाश पंवार, दिलबाग सिंह, डॉ. ओ.पी. पंवार, मौ. असद, प्रवीण शर्मा पीन्नी आदि शामिल थे।