बसपा प्रमुख ने चुनावों में इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों का उपयोग खत्म करने के लिए एक कानून बनाए जाने की मांग भी की। मायावती ने राज्यसभा की बैठक शुरू होने पर यह मुद्दा उठाते हुए कहा कि उनकी पार्टी ने कामकाज निलंबित कर इस मुद्दे पर चर्चा करने के लिए नियम 267 के तहत एक नोटिस दिया है।
उन्होंने कहा कि हाल ही में उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में विधानसभा चुनाव हुए हैं लेकिन इन चुनावों के नतीजे जनता का जनादेश नहीं बल्कि ‘ईवीएम का जनादेश’ हैं। उन्होंने कहा कि हमारे संविधान में लोकतंत्र की व्यवस्था है जिसके तहत संसद और विधानसभाओं में वह लोग पहुंचते हैं जिन्हें जनता चुनती है, न कि ऐसे लोग संसद और विधानसभाओं में पहुंचते हैं जिन्हें ईवीएम चुनती है।
उन्होंने कहा कि आज दुनिया के कई बड़े लोकतांत्रिक देशों में मतदान के लिए मतपत्रों का उपयोग किया जाता है और ईवीएम को वहां खारिज किया जा चुका है। मायावती ने आरोप लगाया कि ईवीएम में छेड़छाड़ की गई जिसकी वजह से, उनकी पार्टी के पक्ष में डाले गए वोट भाजपा के खाते में चले गए।