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पृथक जनपद की मांग को लेकर में धरना स्थल मे तब्दील हुई यमुना घाटी की तहसीले ।

Pahado Ki Goonj

पृथक जिले की मांग को धरना प्रदर्शन में तब्दील हुई रवांई घाटी की तहसीलें
– रवांई घाटी पृथक जिले की मांग को लेकर बड़कोट व पुरोला तहसील में भूख हड़ताल शुरू तथा पुरोला तहसील में धरना जारी
मदन पैन्यूली यमुना घाटी— बड़कोट। रवांई घाटी पृथक जनपद की मांग को लेकर बड़कोट तथा मोरी तहसील में स्थानीय लोगों द्वारा भूख हड़ताल शुरू कर दी है। बुधवार को बड़कोट में स्थानीय लोगों, जनप्रतिनिधियों सहित व्यापार मंडल द्वारा जिले की मांग को लेकर नगर में जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया जिसके बाद तहसील मुख्यालय में पहुंचकर आम सभा की गई सभा के बाद तहसील परिसर में दो लोग भूख हड़ताल पर बैठे तथा मोरी तहसील में चार लोग भूख हड़ताल पर बैठे। वही पुरोला तहसील परिसर में स्थानीय लोगों का धरना जारी है।
पूर्व तय कार्यक्रम के अनुसार बुधवार को स्थानीय निवासी, ग्रामीण व्यापारी, सामाजिक कार्यकर्ता, जनप्रतिनिधि सहित विभिन्न संगठनों से जुड़े लोग बड़कोट बस स्टेशन पर एकत्र हुए तथा वहां से ढोल-नगाड़ों के साथ नगर के मुख्य मार्ग से होते हुए जुलूस निकाला गया तथा प्रदर्शन किया गया। इस दौरान बड़कोट नगर क्षेत्र के सभी व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे। जुलूस तहसील परिसर में पहुंचकर आम सभा में तब्दील हुआ, जहां आंदोलनकारियों ने एसडीएम को ज्ञापन दिया तथा भूख हड़ताल पर बैठ गए। भूख हड़ताल पर बैठने वालों में जिला संघर्ष समिति के अध्यक्ष अब्बल चंद कुमाई तथा कामरेड बलवीर सिंह शामिल रहे ।वहीं दूसरी ओर मोरी तहसील में सुरेंद्र पुजारी, सूरज श्रुति लाल सूरज सिंह भूख हड़ताल पर बैठे हैं, साथ ही पुरोला तहसील में धरना जारी है तथा 16 अगस्त से भूख हड़ताल शुरू होगी।
रवांई घाटी पृथक जनपद की मांग को लेकर संपूर्ण घाटी लामबंद होकर आंदोलन पर कूद पड़ी है इस घाटी में स्थित तीन तहसील हैं तथा इस समय तीनों तहसीलें धरना स्थल में तब्दील हो गई है।
विदित है कि रवाई घाटी पृथक जनपद की मांग लंबे समय से चली आ रही है सबसे पहले सन 1975 में रवांई घाटी पृथक जनपद की मांग शुरू हुई थी। जिसके बाद लोगों द्वारा समय समर्थक मांग उठाई गई लोगों की मांग एवं यहां की भौगोलिक स्थिति को देखते हुए 15 अगस्त सन 2011 को तत्कालीन मुख्यमंत्री डॉ रमेश पोखरियाल निशंक ने उत्तराखंड में 4 जिलों की घोषणा की थी जिसमें एक रावण घाटी का यमुनोत्री जिला भी शामिल था लेकिन आज 7 साल बीत जाने के बाद भी पृथक रवानी घाटी जिला नहीं बन सका जिस कारण आक्रोशित रवाई घाटी के लोग आंदोलन करने को मजबूर हो गए और जगह जगह धरना-प्रदर्शनों के दौर शुरू हो गए हैं आंदोलनकारियों का कहना है कि जब तक पृथक जनपद कि उनकी मांग पूरी नहीं होती है तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।
बड़कोट में आयोजित जुलूस प्रदर्शन में यमुनोत्री पृथक जनपद संघर्ष समिति के सचिव रामानंद डबराल भरत सिंह चौहान, गोविंद राम डोभाल, महिपाल सिंह असवाल, पूर्व नगरपालिका अध्यक्ष अतोल सिंह रावत, संजय डोभाल व्यापार मंडल अध्यक्ष राजाराम जगूड़ी, सुभाष रावत राजेश उनियाल, जयेंद्र सिंह रावत, विजय जगूड़ी, उत्तम रावत, शांति बेलवाल सहित विभिन्न गांव से पहुंचे जनप्रतिनिधि एवं आम लोगों सहित सैकड़ों लोग शामिल रहे।

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