देहरादून। स्वयं का सबसे अनुशासित पार्टी बताने वाली भाजपा को इन दिनों अपनों ने ही मुश्किलों में डाल रखा है। एक मामला सुलट नहीं पाता है तब तक कोई दूसरा बखेड़ा खड़ा कर देता है और फिर शीर्ष नेता पार्टी की साख बचाने के लिए सफाईंयंा देने में जुट जाते है। वर्तमान में प्रदेश में पचायत चुनाव चल रहे है। इससे चुनावों पर कितना प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा यह अभी भविष्य के गर्भ में छिपा है।
भले ही बीते दिनोें अपने बयानों व कारनामों से भाजपा की नाक में दम करने वाले लंढोरा विधायक कुंवर प्रणव चैम्पियन को भाजपा ने बाहर का रास्ता दिखा दिया हो लेकिन इसके बाद भी पार्टी के दूसरे नेताओं ने उससे कोई सबक नहीं लिया है। अब भाजपा विधायक सुरेश राठौर ने अपने क्षेत्र के आधे हिस्से ंमें पाकिस्तान बसने की बात कहकर नया बखेड़ा खड़ा कर दिया, वहीं एक अन्य भाजपा नेता जो गन्ना समिति के चेयरमैन है का रायफल से फायरिंग करने का वीडियो वायरल होने पर बवाल मचा हुआ है। रायपुर क्षेत्र से भाजपा विधायक उमेश शर्मा काऊ भी इन दिनों अपने एक वायरल हो रहे आडियों को लेकर भाजपा के लिए परेशानी का सबब बने हुए है इस आडियो में भाजपा विधायक अपने क्षेत्र से किसी निर्दलीय प्रत्याशी को चुनाव में जितवाने की बात कर रहे है। पार्टी ने उन्हे नोटिस जारी किया था जिसका जवाब वह पार्टी को दे चुके है। अब देखना यह है कि पार्टी अब उनके खिलाफ क्या कार्यवाही करती है। कुल मिलाकर पार्टी लाइन के खिलाफ और अनुशासन हीनता से जुड़े तमाम मामले भाजपा के लिए मुश्किल का सबब बने हुए है। पंचायत के चुनावी दौर में इसका पार्टी पर बुरा प्रभाव भी पड़ना तय माना जा रहा है। यही कारण है कि भाजपा के शीर्ष नेता अब इन बयानवीर नेताओं का किसी तरह बचाव करने में जुटेे हुए है या फिर उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही कर रहे है। अब तक 90 से अधिक लोगों को दंडित किया जा चुका है लेकिन इसके बाद भी बयानवीरों के बेतुके बयान देने का सिलसिला थमता नहीं दिख रहा है। मुख्यमंत्री नसीहत दे रहे है कि नेताओं को इस तरह के गलत बयान नहीं देने चाहिए। वहीं प्रदेश अध्यक्ष अजय भट्ट और पुष्कर धामी कह रहे है कि पार्टी लाइन के खिलाफ काम करने व बोलने वाले नेताओं पर सख्त कार्यवाही की जायेगी। लेकिन सत्ता की हनक वाले इन बयानवीरों को रोक पाना भाजपा के लिए मुश्किल हो रहा है।