चुनाव आयोग ने एक बयान में कहा, ‘यह पहली बार नहीं है कि इस तरह के आरोप लगे हैं और आशंका उठाई गई है। लेकिन, छेड़छाड़ का आरोप लगाने वाला कोई भी इस बात को आयोग के सामने साबित नहीं कर पाया कि ईवीएम में किसी तरह से जोड़तोड़ या छेड़छाड़ की जा सकती है।’
निर्वाचन आयोग ने कहा, ‘इन शिकायतों के अलावा आयोग को पांच राज्यों में हुए चुनावों में राजनीतिक दलों या उम्मीदवारों द्वारा कथित तौर पर ईवीएम से छेड़छाड़ की कोई विशेष शिकायत या कोई ठोस सामग्री नहीं मिली। यदि कोई विशेष आरोप ठोस साक्ष्यों के साथ भारतीय निर्वाचन आयोग के समक्ष प्रस्तुत किया गया तो उसे गंभीरता के साथ देखा जाएगा।’
आयोग ने कहा, ‘अभी, आधारहीन, काल्पनिक आरोप लगाए जा रहे हैं। इसे खारिज किया जाना चाहिए।’ आयोग ने कहा कि वह ‘चरणबद्ध तरीके से पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की तैनाती करके चुनाव प्रक्रिया में नागरिकों का विश्वास बढ़ाएगा।’