अंबानी ने बुधवार को शुरू हुए नासकाम के नेतृत्व मंच सम्मेलन में कहा, ‘ट्रंप वास्तव में बिनमांगी मुराद पूरी करने जैसा साबित हो सकते हैं. घरेलू सूचना प्रौद्योगिकी उद्योग अपने यहां की समस्याओं के समाधान तैयार करने पर ध्यान दे सकता है जो कि खुद बहुत बड़ा बाजार है.’ सम्मेलन तीन दिन चलेगा.
संयोग से उनका यह बयान ऐसे समय आया है जकि भारतीय साफ्टवेयर एवं साफ्टवेयर सेवा प्रदाता कंपनियों के मंच नासकाम ने अपने वाषिर्क वृद्धि के अनुमानों की घोषणा को बुधवार को मई 2017 के लिए टाल दिया क्यों कि यह उद्योग ट्रंप की नीतियों के बारे में स्थिति स्पष्ट होने का इंतजार करना चाहता है. ट्रंप ने गत 20 जनवरी को अपना कार्यभार ग्रहण किया.
मुकेश अंबानी के समूह ने भारत में अपने नए दूरसंचार उद्यम रिलायंस जियो पर 1200 अरब रुपए खर्च किए हैं.