सुबह करीब आठ बजे नैनीताल, देहरादून, पौड़ी, बागेश्वर, हरिद्वार, चंपावत आदि जनपदों में सायरन बजने से अफरा-तफरी मच गई। प्रशासनिक अमला सड़कों पर उतर गया। पता चला कि चमोली में 7.2 तीव्रता का भूकंप आया। इससे हर जिले में नुकसान हुआ। यह हकीकत नहीं भूकंप की स्थिति से निपटने की मॉक ड्रिल थी।
नैनीताल सहित अन्य जनपदों के कलेक्ट्रेट से भूकंप सायरन बजा तो सरकारी मशीनरी एक्टिव हो गई। रोज नौ बजे बजने वाला सायरन आठ बजे बजा तो शहरवासी भी चोंक पड़े। कई बाहर आए। सायरन बजाती गाड़ियों, अफसरों के वाहन दौड़ते नजर आए तो चिंता फिर बढ़ी कि क्या हुआ।
करीब आधा घंटे बाद पता चला कि आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की ओर से भूकंप की मॉकड्रिल की जा रही है। प्रशासन को सूचना मिली कि राज्य में भूकंप आया गया है। इसका केंद्र चमोली जिले के हेलंग में है और भूकंप की तीव्रता 7.2 तीव्रता थी। भूकंप से चमोली में छह की मौत और 35 लोगों के घायल होने की सूचना मिली। इसके अलावा अन्य जनपदों में भी ऐसी ही सचनाएं आईँ। चमोली से गंभीर घायलों को हेलीकॉप्टर से देहरादून लाया गया।
सभी जनपदों में प्रशासन ने मलबे में दबे घायलों को बाहर निकाला। उन्हें अस्थाई चिकित्सा शिविरों तक पहुंचाया गया। तमाम लोग हताहत हुए। प्रशासन का पूरा फोकस राहत व बचाव कार्य पर रहा।
गौरतलब है कि उत्तराखंड को भूकंप की दृष्टि से संवेदनशील माना जाता है। ऐसी स्थिति से निपटने के लिए पुलिस, प्रशासन, आपदा विभाग आदि समय-समय पर मॉक ड्रिल करते हैं। इसी के तहत शुक्रवार की सुबह कई जिलों में भूकंप की स्थिति से निपटने के लिए पूर्वाभ्यास किया गया।