देहरादून। प्रदेश में त्रिवेंद्र रावत सरकार ने प्रशासनिक बॉडी को चुस्त-दुरुस्त करने की कवायद से शुरू कर दी है। मुख्यमंत्री के कड़े निर्देश पर विभागों में कर्मचारियों की छंटनी तो चल ही रही है। अब विभागों के पुनर्गठन की प्रक्रिया भी शुरु कर दी गई है। राज्य में इसकी शुरुआत सबसे पहले सबसे भारी-भरकम माने वाले लोक निर्माण विभाग से की गई है। अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई में चीफ इंजीनियर लेवल-2 के पांच और अधीक्षण अभियंता के चार पद समाप्त कर दिए गए हैं। दरअसल विभिन्न प्रोजेक्ट्स के लिए ये पद सृजित किए गए थे और प्रोजेक्ट पूरे होने के बाद ये बने हुए थे। उत्तराखंड सरकार लगातार प्रशासनिक ढांचे को दुरुस्त करने की कोशिशों में जुटी हुई है। इससे पहले 50 साल से ऊपर की उम्र के ऐसे कर्मचारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी गई थी जो काम करने में अक्षम थे, सुस्त थे या जिनकी पर्फॉर्मेंस ठीक नहीं पाई गई थी। अब राज्य सरकार ने पीडब्ल्यूडी के साथ विभागीय ढांचों के पुनर्गठन की प्रक्रिया शुरु की ह। .बता दें कि मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत आजकल सभी विभागों की कामकाज की समीक्षा कर रहे हैं। लोक निर्माण विभाग की समीक्षा के बाद मुख्यमंत्री ने इनके विभागीय ढांचे के पुनर्गठन के निर्देश दिए थे। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद 25 सितंबर को लोक निर्माण विभाग के अपर सचिव ओमप्रकाश ने नौ पद समाप्त करने संबंधी एक आदेश जारी किया। इस आदेश के तहत लोक निर्माण विभाग में चीफ इंजीनियर-लेवल टू के 12 पदों में से पांच पद समाप्त कर दिए गए हैं। इसके अलावा अधीक्षण अभियंताओं के भी चार पद समाप्त कर दिए गए हैं।