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रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर का कार्य जल्द शुरू किया जाए-सीएम जानिए अन्य समाचार

Pahado Ki Goonj

*मुख्यमंत्री धामी ने संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान एवं छात्रवृत्ति वितरण कार्यक्रम में 261 संस्कृत विद्यार्थियों को किया सम्मानित*

*सरकार संस्कृत शिक्षा को बढ़ावा देने का कर रही है कार्य- मुख्यमंत्री*

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में संस्कृत शिक्षा विभाग द्वारा आयोजित किए गए कार्यक्रम में संस्कृत शिक्षा से जुड़े हुए 261 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
उन्होंने संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान में 2024- 25 हेतु 10 वीं और 12 वीं के कुल 24 मेधावी छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया। इसमें प्रथम, द्वितीय और तृतीय स्थान प्राप्त करने वालों को क्रमशः रु 5100, रु 4100 और रु 3100 रुपए की धनराशि दी गई।

डॉ भीमराव अंबेडकर अनुसूचित जाति- जनजाति संस्कृत छात्रवृत्ति योजना 2024 – 25 हेतु कुल 148 छात्र-छात्राओं को सम्मानित किया।
इसी प्रकार से मुख्यमंत्री ने गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना 2024- 25 के अंतर्गत कुल 89 छात्राओं को सम्मानित किया।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने संस्कृत शिक्षा के छात्र-छात्राओं को प्रेरित करते हुए कहा कि उत्तराखंड सरकार संस्कृत के संरक्षण और संवर्धन के लिए निरंतर प्रयत्नशील है। कहा कि उत्तराखंड संस्कृत अकादमी के माध्यम से संस्कृत विद्यालयों में अध्यनरत बालिकाओं के प्रोत्साहन हेतु प्रथम बार *गार्गी संस्कृत बालिका छात्रवृत्ति योजना* का शुभारंभ किया गया है। जिसके अंतर्गत संस्कृत विद्यालय में अध्यनरत सभी वर्गों की बालिकाओं को 3012 रुपए वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।
*डॉ भीमराव अंबेडकर अनुसूचित जाति एवं जनजाति छात्रवृत्ति योजना* के अंतर्गत 3012 रु वार्षिक छात्रवृत्ति प्रदान की जा रही है।

संस्कृत शिक्षा के मेधावी छात्र-छात्राओं को प्रेरित करने के लिए *संस्कृत छात्र प्रतिभा सम्मान योजना* संचालित की जा रही है। जिसके तहत हाई स्कूल और इंटरमीडिएट परीक्षा में संस्कृत शिक्षा में सर्वाधिक अंक प्राप्त करने वाले तीन-तीन विद्यार्थियों को प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने पर क्रमशः 5100, 4100 और 3100 रुपए की धनराशि प्रदान की जा रही है। कहा कि प्रदेश के 13 जनपदों में 13 संस्कृत ग्राम विकसित करने के लिए सरकार कार्य कर रही है। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी, हरिद्वार के माध्यम से सरकार प्रतिवर्ष अखिल भारतीय शोध सम्मेलन, अखिल भारतीय ज्योतिष सम्मेलन, अखिल भारतीय वेद सम्मेलन, अखिल भारतीय कवि सम्मेलन, संस्कृत शिक्षा कौशल विकास प्रशिक्षण कार्यशाला, संस्कृत छात्र प्रतियोगिता आदि विविध कार्यक्रमों का आयोजन कर देव भाषा संस्कृत के प्रचार – प्रसार हेतु निरंतर प्रयत्नशील है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के नेतृत्व में भारत अपनी प्राचीन मौलिक विरासत और संस्कृति के उत्थान के तौर से गुजर रहा है। भारत के प्राचीन वैभव और गौरव को प्रदर्शित करने वाली पहचान और प्रतीकों का संरक्षण और संवर्धन हो रहा है। उत्तराखंड भी हर दिशा में नवाचार के दौर से गुजर रहा है। उत्तराखंड में स्थानीय स्तर पर लिए जाने वाले निर्णय राष्ट्रीय स्तर पर भी मार्गदर्शन का कार्य कर रहे हैं। विकास के नित नए आयाम स्थापित किया जा रहे हैं। कहा कि उत्तराखंड के प्रवासी भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं कि उनके पूर्वजों की देवभूमि तेजी से उन्नति के दौर से गुजर रही है।

कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी, विधायक सरिता कपूर, सचिव संस्कृत शिक्षा दीपक कुमार गैरोला, निदेशक संस्कृत शिक्षा आनंद भारद्वाज आदि उपस्थित थे।

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: नीति आयोग, भारत सरकार द्वारा जी.बी. पंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान, अल्मोड़ा और अन्तरराष्ट्रीय एकीकृत पर्वतीय विकास केन्द्र के साथ राजपुर रोड स्थित होटल में ‘स्प्रिंगशेड प्रबंधन एवं जलवायु अनुकूलन: भारतीय हिमालयी क्षेत्र में सतत विकास के लिए रणनीतियां विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस अवसर पर हे.न. बहुगुणा विश्वविद्यालय की पूर्व कुलपति प्रो. अन्नपूर्णा नौटियाल द्वारा लिखित पुस्तक ‘भारतीय हिमालय क्षेत्र एक सतत भविष्य की ओर’ का विमोचन किया गया।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग करते हुए कहा कि इस कार्यशाला से जहां भारतीय हिमालयी क्षेत्र में जलस्त्रोतों को पुनर्जीवित करने के प्रयासों को बल मिलेगा, वहीं जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों से निपटने के लिए कार्ययोजना बनेगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार स्प्रिंगशेड मैनेजमेंट और जलवायु संरक्षण की दिशा में प्राथमिकता से कार्य कर रही है। पर्यावरण संतुलन और जैव विविधता बनाये रखने के लिए इकोनॉमी और इकोलॉजी के बीच समन्वय बनाकर कार्य किये जा रहे हैं। राज्य में जी.डी.पी की तर्ज पर जी.ई.पी इंडेक्स तैयार कर जल, वन, भूमि और पर्वतों के पर्यावरणीय योगदान के आंकलन के प्रयास किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड देश का एक महत्वपूर्ण वॉटर टॉवर भी है। यहां के ग्लेशियर पानी के अविरल स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन और पारिस्थितिकी संकट से समस्याओं के समाधान के लिए राज्य में अनेक कार्य किये जा रहे हैं। जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए राज्य में ‘स्प्रिंग एण्ड रिवर रिजुविनेशन अथॉरिटी’ का गठन किया गया है। इसके तहत 5500 जमीनी जलीय स्रोतों तथा 292 सहायक नदियों का चिन्हीकरण कर उपचार किया जा रहा है। हरेला पर्व पर राज्य में व्यापक स्तर पर वृक्षारोपण किया गया। अमृत सरोवर योजना के तहत राज्य में 1092 अमृत सरोवरों का निर्माण किया जा चुका है। मुख्यमंत्री ने कहा कि नदी जोड़ो परियोजना के तहत पिडंर को कोसी, गगास, गोमती और गरूड़ नदी से जोड़ने का अनुरोध नीति आयोग से किया गया है। उन्होंने आशा व्यक्त की कि यह कार्यशाला उत्तराखण्ड ही नहीं बल्कि देश के पर्वतीय क्षेत्रों के प्राकृतिक जल स्रोतों के वैज्ञानिक पुनर्जीवीकरण की दिशा में महत्वपूर्ण पहल साबित होगी।

उपाध्यक्ष नीति आयोग श्री सुमन के. बेरी ने हिमालयी राज्यों में खाली हो रहे गांवों को फिर से पुनर्जीवन दिए जाने के लिए बाहर बस गए लोगों को अपने गांवों में वापस लाने के लिए जागरूक करने पर जोर दिया। उन्होंने इसके लिए वाईब्रेंट विलेज योजना को गम्भीरता से लेते हुए, ऐसे गांवों में रोजगार और मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराए जाने की बात कही। उन्होंने नीति आयोग के अध्यक्ष एवं प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के विकसित भारत के लक्ष्य को साकार करने के लिए विज्ञान, सामुदायिक सहभागिता एवं महिलाओं को सशक्तिकरण पर विषेश बल दिए जाने की बात कही। इसके लिए उन्होंने ब्रॉडबेंड सेवा के विस्तार, इन्टरनेट कनेक्टिविटी बढाए जाने पर बल दिया।

सिंचाई मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि जलवायु परिवर्तन की वजह से प्राकृतिक जल स्रोतों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। उत्तराखण्ड की परंपरा में जल स्रोतों को पवित्र माना जाता है और इनकी पूजा की जाती है। जल के महत्व को ध्यान में रखते हुए इसके संरक्षण के लिए सबको सामुहिक प्रयास करने होंगे।

इस अवसर पर नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, नीति आयोग के सलाहकार श्री सुरेन्द्र मेहरा, प्रमुख वन संरक्षक श्री धनंजय मोहन, उप निदेशक आईसीआईएमओडी सुश्री इजाबेल, निदेशक एनआईएचई प्रो. सुनील नौटियाल उपस्थित थे। *आगे पढ़ें*

*रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर का कार्य जल्द शुरू किया जाए-सीएम*

*निर्माण कार्यों में तेजी लाने के दिये निर्देश।*

*आबादी और वाहनों की वृद्धि के दृष्टिगत राज्य के अन्य शहरों के लिए भी सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए*।

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने सोमवार को सचिवालय में देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर की बैठक के दौरान अधिकारियों को निर्देश दिये कि रिस्पना और बिंदाल कॉरिडोर का कार्य जल्द शुरू किया जाए। देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर को एक्सप्रेसवे से जोड़ते हुए केन्द्र से सहयोग का अनुरोध करने और स्टेट सेक्टर से शीघ्र कार्य शुरू करने के निर्देश मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को दिये हैं। देहरादून में आबादी और वाहनों की संख्या में तेजी से हो रही वृद्धि, पर्यटकों की संख्या में हो रही वृद्धि और दिल्ली-देहरादून एक्सप्रेसवे के बनने के बाद यातायात में संभावित वृद्धि के दृष्टिगत मुख्यमंत्री ने देहरादून एलिवेटेड कॉरिडोर का कार्य जल्द शुरू करने के निर्देश दिये हैं।

रिस्पना नदी के तल पर 11 किलोमीटर और बिंदाल नदी के तल पर 15 किलोमीटर लंबे चार लेन एलिवेटेड कॉरिडोर का निर्माण कार्य होना है। इन नदियों के अन्दर स्थित जन सेवाओं विद्युत लाइन, हाई टेंशन लाइन, सीवर लाइन का नदी से बाहर विस्थापन होना है। एलिवेटेड रोड के साथ नदी के दोनों किनारों पर रिटेनिंग वाल और निर्माण और बाढ़ सुरक्षा का कार्य किया जायेगा। मुख्यमंत्री ने सभी रेखीय विभागों को समन्वय के साथ कार्य करने के निर्देश दिये हैं। उन्होंने कहा कि आबादी और वाहनों की वृद्धि के दृष्टिगत राज्य के अन्य शहरों के लिए भी सुनियोजित प्लान पर कार्य किया जाए।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिये हैं कि राज्य में जो भी विकास के कार्य किये जा रहे हैं, उनका आउटपुट धरातल पर दिखे। कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता का विशेष ध्यान रखा जाए। मुख्यमंत्री ने कहा आगामी राजजात यात्रा के लिए भी तैयारी शुरू की जाए। उन्होंने मुख्य सचिव को निर्देश दिये कि यूआईआईडीबी, देहरादून एलिवेटेड रोड, गढ़वाल और कुमांऊ की कनेटिविटी के कार्यों, मानसखखण्ड मंदिर माला मिशन, आगामी नंदा राजजात की तैयारियों नियमित समीक्षा की जाए। मुख्यमंत्री भी समय-समय पर इनकी समीक्षा करेंगे।

बैठक में राज्य अवस्थापना अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष श्री विश्वास डाबर, मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी, प्रमुख सचिव श्री आर. के. सुधांशु, प्रमुख वन संरक्षक श्री धनंजय मोहन, सचिव श्री शैलेश बगोली, श्री नितेश झा, डॉ. पंकज कुमार पाण्डेय, श्री वी. षणमुगम, श्री एस.एन. पाण्डेय, डॉ. आर. राजेश कुमार, श्री रणवीर सिंह चौहान, जिलाधिकारी देहरादून श्री सविन बंसल, उपाध्यक्ष एमडीडीए श्री बंशीधर तिवारी, एसएसपी देहरादून श्री अजय सिंह,नगर आयुक्त श्रीमती नमामि बंसल एवं सबंधित अधिकारी उपस्थित थे। *आगे पढ़ें*

मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को विधानसभा में विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खंडूड़ी भूषण से शिष्टाचार भेंट की।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री श्री प्रेमचन्द अग्रवाल, विधायक श्री खजान दास और श्रीमती पार्वती दास भी मौजूद थे।
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मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी ने विधानसभा अध्यक्ष श्रीमती ऋतु खण्डूडी भूषण की उपस्थिति में मंगलवार को ई-विधान एप्लीकेशन (NeVA) का लोकापर्ण किया। इस बार विधानसभा का बजट सत्र नेशनल ई- विधान एप्लीकेशन के तहत संचालित किया जा रहा है।

उत्तराखण्ड में विधानसभा के कार्यों को डिजिटल और पेपरलेस बनाने के लिए ई-विधानसभा प्रणाली अपनाई गई है। इसके माध्यम से विधायकों को कार्यसूची, विधानसभा में पूछे गये प्रश्नों के जवाब और अन्य दस्तावेज अब ऑनलाइन उपलब्ध कराये जायेंगे। इसके तहत विधानसभा में विधायकों की टेबल पर टैबलेट लगाए गए हैं, और सभी दस्तावेज डिजिटल रूप से उपलब्ध कराए जा रहे हैं। इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण में मदद मिलेगी, बल्कि विधानसभा की कार्यवाही भी अधिक दक्षता से संपन्न होगी।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्रीगण और विधायकगण उपस्थित थे।

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मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी की अध्यक्षता में स्टेट काॅओपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक*

*सेना और एसएसबी के साथ भी खाद्यान्न, सब्जियों एवं मीट की आपूर्ति के सम्बन्ध में एमओयू होगा*

*बाॅर्डर एरिया में मिलेट्स के खेती के विस्तार को प्रोत्साहित करने हेतु डीएम को निर्देश*

*जिलाधिकारियों को 601 सहकारिता समितियों के गठन के लक्ष्य को समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश*

 

सीएस श्रीमती राधा रतूड़ी ने राज्य के स्थानीय अनाज मंडुआ की भांति झंगौरा के लिए भी एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की कार्ययोजना पर कार्य करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही वाॅकल फाॅर लोकल के विजन को प्रोत्साहित करते हुए मुख्य सचिव श्रीमती रतूड़ी ने सहकारिता विभाग को एसएसबी तथा सेना के साथ भी खाद्यान्न, सब्जियों, दूध एवं मीट की आपूर्ति के सम्बन्ध में एमओयू की कार्यवाही को आगे बढ़ाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने सीमान्त जनपदों के डीएम को बाॅर्डर एरिया में खाली कृषि योग्य भूमि पर मिलेट्स के खेती के विस्तार को प्रोत्साहित करने के निर्देश दिए हैं। सीएस ने जिलाधिकारियों को राज्यभर के सभी जिलों में 601 एमपीएसीएस ( New Multipurpose Primary Agriculture Cooperatives )/डेरी/फिशरीज सोसाइटी के गठन के लक्ष्य को प्राथमिकता पर लेते हुए समयबद्धता से पूरा करने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी सचिवालय में आज राज्य में धरातल स्तर पर अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से आयोजित करने को लेकर स्टेट काॅओपरेटिव डेवलपमेंट कमेटी की बैठक ले रही थी।

 

मुख्य सचिव श्रीमती राधा रतूड़ी ने जिलाधिकारियों को राज्यभर में वर्ष 2025 में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष को प्रभावी रूप से मनाए जाने हेतु अधिकाधिक जनमानस को इसके आयोजनों से जोड़ने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने जनपदों में अन्तर्राष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के तहत आयोजित किए जाने वाले सम्मेलनों, प्रदशर्नी एवं सांस्कृतिक कार्यक्रमों की योजना, क्रियान्वयन तथा माॅनिटरिंग में धरातल स्तर पर स्थानीय सहकारिता समितियों की सहभागिता सुनिश्चिित करने के निर्देश दिए हैं।

बैठक में सचिव डा0 बी वी आर सी पुरूषोतम, अपर सचिव श्रीमती सोनिका, श्री मनुज गोयल सहित सहकारिता, वित्त, खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के अधिकारी तथा सभी जिलाधिकारी मौजूद रहे।

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