भगवान नृसिंह शक्ति और पराक्रम के देवता माने जाते हैं. भगवान नरसिंह, श्रीहरि विष्णु के उग्र और शक्तिशाली अवतार कहे जाते हैं. मान्यता है कि इनकी पूजा-अर्चना करने से हर तरह के संकट से रक्षा होती है. देश के हर कोने में भगवान नृसिंह की पूजा होती है लेकिन खासतौर पर दक्षिण भारत में भगवान नृसिंह को वैष्णव संप्रदाय के लोग संकट के समय रक्षा करने वाले देवता के रूप में पूजते हैं. आज के कोरोना काल के समय पर रक्षा के लिए भगवान नृसिंह को उनके प्राकट्य दिवस पर पूजते हैं ।
मैं स्वयं इनकी कृपा का पात्र हूँ घटना 3जून1988 की है मैं गावँ में पानी के मुकदमे में अधिशासी अभियंता जल निगम व कर्मचारीयों के भ्रष्टाचार के प्रभाव के कारण 4 गावँ को लड़ा करके उनका 138 लोगों को पब्लिक प्रॉपर्टी डैमेज एक्ट में चालन करा दिया।
तो मुझे गावँ के जागरूक नागरिक होने के नाते बुरा लगता था उनके बुलाने से सड़क पर मीटिंग में जाते हुए। मानो गावँ वालों ने कोई जुर्म किया है ।
जमाना उल्टा चोर कुतवाल को डांटे वाली कहावत होरही थी
वह ई इंजीनियर हमें जानते थे ।पर जब मामला पैसे से जुड़ा हो तो वह किसी को नही समझता है। इसको निपटाने के लिए चुनाव लड़ रहा था ।उक्त समय मुझे भोजन अपच से दस्त सुरु होगये रात्री बराबर बाहर जाना पड़ता था।
3.30सुबह जब मैं पाखाना गया तो निवृत होकर गांव के ऊपर बादल कड़कने के बाद 2
मिनट में बिजली का प्रकाश को लिए हुये बादल फटने से
1.5 कि मीटर ऊपर उसके प्रकाश में उस गोले को नीचे गिरते देखा, तो मै कमजोरी के कारण भागता तो गिर जाता ।तुरन्त निर्णय लिया
धीरे धीरे आँगन की तरफ़ जाना सुरू किया ।गावँ के ऊपर नृसिंह देवता का मंदिर है। वह भी हमें देखरहे थे हाथ असुद्ध होने के नाते जोड़े नहीं थे पर दृष्टि डाली हैं ।
मैं 35 मीटर चलकर आंगन की 3 सीड़ी पर आया ही था कि बाढ़ मेरे घर आँगन दूसरी सीड़ी पर आगई।
मकान बनाने की टिहरी से लाई हुई रेत बजरी सब बहकर लेगाई । मैं प्रधान का चुनाव लड़रहा था कि इष्टदेव बटुक भैरव, काल भैरव श्री भगवान नृसिंह ने बाढ़ में जीवन दान दे दिया।
फिर अधिशासी अभियंता व सहायक अभियंता आदि की बैठक में बुलाने की हिम्मत नहीं हुई । उनको घर पर सुबह 8 बजे दिसंबर की ठंड में बुलाकर 2 घण्टे ठण्ड में बिठाकर उनसे उनकी गलती का प्रायश्चित कराया। यह इसलिए कोट कर रहे हैं कि आज कोई किसी को मानने को तैयार नहीं है। उनको कोर्ट में न्याय के फैसले हो रहे हैं ,,,,है
आज एक बार जरूर सुने और दर्शन करें सारे कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी………………….*✍
*इतो नृसिंह: परतो नृसिह:*
*यतो यतो यामि ततो नृसिंहः।*
*वहिर्नृसिंह: हृदये नृसिंह:*
*नृसिंह मादिं शरणं प्रपद्ये।।*
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सम्पादक जीतमणि पैन्यूली
📝 *भावार्थ* 👉🏾 स्वयंप्रकाश परमात्मा जब भक्तों को सुख देने के लिये अवतार ग्रहण करते हैं, तब वह तिथि और मास भी पुण्य के कारण बन जाते हैं। वैशाख के शुक्लपक्ष की चतुर्दशी तिथि *श्रीनृसिंह भगवान के* प्रकट होने के उत्सव के रूप मैं मनाई जाती है।
🙏 *श्रीनृसिंहचतुर्दशी पर्व पर आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएँ।
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